भिंड में भंडारण का लाइसेंस लेकर बेच दी रेत, सरकार ने नहीं की कार्यवाही

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भिंड में भंडारण का लाइसेंस लेकर बेच दी रेत, सरकार ने नहीं की कार्यवाही

भोपाल
भिंड जिले में रेत भंडारण का लाइसेंस लेने वाले ठेकेदारों ने भंडारित करने के बजाय रेत खुले बाजार में बेच दी है। इस मामले में खनिज विभाग ने आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की है और कमिश्नर के यहां की गई अपील का फैसला आने का इंतजार कर रहे हैं। विधायक ने ऐसा करने वालों के विरुद्ध चोरी का केस दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की है और शासन को हुए राजस्व नुकसान की वसूली के लिए कहा है।

विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान भिंड जिले में रेत का भंडारण करने वालों द्वारा खुले बाजार में रेत बेचने का मामला विधायक संजीव सिंह ने उठाया। उन्होंने कहा कि पांच लोगों ने रेत भंडारण का ठेका लिया और रेत बाजार में बेच दी। सीधे बेची जा रही रेत के मामले में शासन को राजस्व क्षति हो रही है। पोर्टल पर भी इसकी गड़बड़ी पकड़ में आई है। पोर्टल पर 2.24 लाख घनमीटर और 1.24 लाख घनमीटर रेत भंडारित होने की जानकारी दर्ज थी जबकि मौके पर जांच में 27 हजार घनमीटर और 11 हजार घनमीटर रेत पाई गई। इसमें चोरी का केस दर्ज होना चाहिए। प्रश्नोत्तर काल में आए इस मामले में खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि भंडारित रेत राजसात कर ली गई है। इस मामले में अनुबंध निरस्त करने की कार्यवाही के पहले ठेकेदार कमिश्नर के यहां अपील में गए हैं। इसलिए फैसले का इंतजार है। इस पर विधायक कमलेश्वर पटेल और सुरेश राजे ने भी सरकार को घेरा और अवैध कारोबार पर कार्यवाही नहीं करने की बात कही।

कान्हा टाइगर रिजर्व में वन कर्मियों को मिलेगी एक माह का अतिरिक्त भत्ता
प्रश्नोत्तर काल के दौरान विधायक नारायण पट्टा ने कान्हा टाइगर रिजर्व में नक्सली मूवमेंट और दो बार मुठभेड़ होने का मामला उठाते हुए कहा कि यहां पुलिस बल को विशेष भत्ता दिया जाता है तो क्या वन कर्मियों को भी ऐसा कोई लाभ मिलेगा? इस पर वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि वन कर्मियों को एक माह का विशेष भत्ता देने का प्रस्ताव भेजा गया है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि ऐसी स्थिति पूरे प्रदेश में लागू होनी चाहिए। वन मंत्री ने इस पर सहमति दी है और कहा कि प्रदेश भर में यह लागू करेंगे।

छिंदवाड़ा काम्प्लेक्स में विस्थापन का मसला
प्रश्नोत्तर काल के दौरान छिंदवाड़ा काम्प्लेक्स में विस्थापन का मुद्दा विधायक हीरालाल अलावा ने उठाया। उन्होंने कहा कि भू अर्जन अधिनियम के एक्ट बनाए बगैर आदिवासी क्षेत्रों में विस्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। इस पर मंत्री ने पेसा एक्ट के आधार पर कार्यवाही होने की जानकारी दी तो विधायक ने कहा कि पेसा एक्ट में ग्राम समितियों को सूचना दिए बगैर केस दर्ज किए जा रहे हैं। इसका पालन नहीं किया जा रहा है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश भर में 200 स्थानों पर ऐसी ही स्थिति है। इसलिए सरकार को बड़े प्रोजेक्ट के स्थान पर छोटी योजनाएं बनाकर लागू करनी चाहिए।