Cheating in Business : साझेदारों के साथ कारोबार में धोखा, एक गिरफ्तार!
Indore : रावजी बाजार पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में एक उद्योगपति को गिरफ्तार किया है। इस उद्योगपति ने अपने साझेदारों के साथ फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की। इसके बाद उनके ही साझेदारों ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस को की। पुलिस ने मामले में कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
मामला रावजी बाजार थाना क्षेत्र का है। फरियादी विनीत चौधरी ने शिकायत दर्ज करवाते हुए बताया कि उन्होंने एक फर्म जे एंड फैब्रिक इंडस्ट्रीज के नाम से शुरू की थी। इस फर्म में संजय अग्रवाल, उनकी पत्नी साझेदार बने और इसके बाद जैसे ही फर्म चालू हुई तो संजय अग्रवाल और उनकी पत्नी ने फर्म की राशि को अपने निजी अकाउंट में ट्रांसफर करा कर करोड़ों रुपए का गबन किया।
जब फर्म में घाटा होने लगा तो संजय अग्रवाल और उनकी पत्नी ने एक संपत्ति फर्म के नाम कर दी। लेकिन, जब फर्म को लगातार नुकसान हुआ तो विनीत चौधरी समेत अन्य साझेदारों ने संजय अग्रवाल और उनकी पत्नी की आय के साथ उनकी संपत्तियों की जानकारी निकाली, तब इस धोखाधड़ी की जानकारी साझेदारों को लगी। संजय अग्रवाल ने आय का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर कई बैंकों से लोन भी ले रखा है। अपने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर वो लगातार धोखाधड़ी कर रहा है। उसने आय का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपनी इनकम 48,000 बताई जबकि आय करोड़ो रुपए है। गलत जानकारी भी विभिन्न विभागों को दी।
टीआई प्रीतम सिंह ठाकुर के मुताबिक जे एंड के इको फैब्रिक इंडस्ट्री के विनीत चौधरी की शिकायत पर संजय अग्रवाल निवासी महालक्ष्मी नगर पर शनिवार को केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। विनीत ने बताया उन्होंने संजय अग्रवाल के साथ पार्टनरशिप में फर्म शुरू की। इसमें उनकी पत्नी वेणु भी साझेदार बनाया। फर्म की करोड़ों की अमाउंट को वेणु के निजी अकाउंट में ट्रांसफर किया। इतना ही नहीं उन्होंने फर्जी डॉक्यूमेंट से अलग-अलग बैंकों से फर्म के नाम से लोन भी लिया। उन्होंने अपना फर्जी सेलरी सर्टीफिकेट भी बनवाया। विनीत चौधरी ने जब कंपनी के पूरे खातों की जांच करवाई तो कई अकाउंट में हेरफेर मिला। इसके बाद पूरे सबूत इकट्ठा कर वरिष्ठ पुलिस अफसरों को शिकायत की गई।
फर्जी आय प्रमाण पत्र पर केस
विनीत ने बातचीत में बताया कि 2015 में कंपनी शुरू की गई। जिसमें नवंबर 2018 में घाटा बताकर संजय अग्रवाल निवासी महालक्ष्मी नगर बाहर हो गया। बाद में मामला जब कोर्ट पहुंचा तो संजय ने खुद का फर्जी प्रमाण पत्र कलेक्टर से बनवाया और उसे कोर्ट में पेश किया गया। यहां जांच में वह फर्जी मिला। जिसके बाद उन्होंने रावजी बाजार पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए। इधर संजय के खिलाफ एक शिकायत पर सांवेर थाने में भी जांच चल रही है।