भोपाल। उज्जैन के भैरुगढ़ जेल के अंदर आॅनलाइन गैंबलिंग के लिए करोड़ों रुपए कमाने के मामले में जेल मुख्यालय की प्राथमिक जांच पूरी हो गई है। इस जांच में दोषी अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ जेल मुख्यालय विभागीय जांच शुरू करेगा। जांच रिपोर्ट आज डीजी जेल अरविंद कुमार के सामने पेश की जाएगी।
जांच के लिए जेल डीजीआई संजय पांडे को उज्जैन जेल भेजा गया था। उन्हें घटना की प्राथमिक जांच करना थी। वे भैरुगढ़ जेल पहुंचे। जहां पर उन्होंने कई अफसरों और प्रहरियों से बात की। इसके अलावा अन्य साक्ष्यों को देखा। इसके बाद वे भोपाल आ गए और अपनी रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट लगभग पूरी तैयार हो गई है। इसलिए यह माना जा रहा है कि आज संजय पांडे अपनी रिपोर्ट डीजी जेल को सौंप सकते हैं।
दरअसल यह जांच घटना के तथ्यों को जुटाने और घटना की सत्यता पता करने के लिए हुई थी। इसमें किसी की क्या भूमिका रही, यह अभी जांच के दायरे में नहीं था, लेकिन फिर भी यह माना जा रहा है कि जांच के दौरान घटना की सत्यता पता चलने के बाद यह भी सामने आया है कि आॅनलाइन गैंबलिंग में जेल विभाग के किस-किस अफसर और कर्मी की भूमिका रही है। इस रिपोर्ट के पेश होने के बाद कुछ अफसरों और कर्मियों की विभागीय जांच के आदेश हो सकते हैं। गौरतलब है कि इस मामले में उपजेल अधीक्षक संतोष लाड़िया, सहायक जेल अधीक्षक सुरेश कुमार गोयल, प्रहरी धर्मेंद्र नामदेव को केंद्रीय जेल से हटा कर जेल मुख्यालय पदस्थ किया जा चुका है।
यह है मामला
उज्जैन के भैरुगढ़ जेल के अंदर से बिटक्वाइन डार्कनेट और इंटरनेट गैम्बलिंग के जरिए कुछ लोगों के खातें में करोड़ो रुपए आने के बाद इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ। इसके बाद सायबर पुलिस को शिकायत की गई। सायबर पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। इस मामले में संदेही अमर अग्रवाल को माना जा रहा है। कम्प्यूटर के मास्टर अग्रवाल की दोस्ती जेल के अफसरों से हो गई और उसने यहां पर लेपटॉप का उपयोग शुरू कर दिया। ऐसा माना जा रहा है कि इसने इसी दौरान यह गोरखधंधा शुरू कर दिया।