Gopal Bhargava’s Challenge : अभी तीन चुनाव और लड़ने के मूड में हैं 71 साल के गोपाल भार्गव!

चुनाव से पहले पार्टी को चुनौती या बेटे को टिकट देने का माहौल बनाया!

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Gopal Bhargava’s Challenge : अभी तीन चुनाव और लड़ने के मूड में हैं 71 साल के गोपाल भार्गव!

Bhopal : भाजपा भले ही 65 से ऊपर के नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट न दे या वंशवाद रोकने के लिए नेताओं के बेटों को टिकट से इंकार करे, पर बुंदेलखंड के एक नेता ने जैसे पार्टी को ही चुनौती दे दी। ये हैं पीडब्लयूडी मंत्री गोपाल भार्गव जिन्होंने अगले तीन चुनाव और लड़ने संकेत दिया। इसके अलावा सागर जिले की उनकी रहली विधानसभा सीट से प्रबल दावेदारों में उनके बेटे अभिषेक का नाम लिया जा रहा है। यानी यदि पार्टी उन्हें टिकट नहीं दे, तो उनके बेटे को जरूर दे! दोनों मामलों में पार्टी की रणनीति उनके पक्ष में नहीं लग रही।

गोपाल भार्गव ने एक तरह से पार्टी को बता दिया कि वे अभी 15 साल तक सक्रिय राजनीति में रहेंगे, फिर पार्टी की रणनीति कुछ भी हो! उनका कहना है कि 15 साल तक राजनीति करने का आदेश उनके गुरु का है। सीधी सी बात है कि उनके लिए पार्टी से बड़े गुरु हैं। उधर, पार्टी में चर्चा है कि इस बार का चुनाव गुजरात मॉडल पर लड़ा जाएगा। पार्टी के सर्वे में भी दावा किया गया है कि पार्टी 65 से ज्यादा उम्र वाले कई विधायकों के टिकट काट सकती है। ऐसे में एक नेता की इस तरह की बातें पार्टी को चुनौती माना जा रहा है।

71 साल के गोपाल भार्गव का दावा है कि वे अभी तीन चुनाव और लड़ेंगे। जबकि, भाजपा के सर्वे में कई मंत्रियों की चुनावी हालत खस्ता है। प्रदेश में गुजरात मॉडल अपनाए जाने की चर्चा ज्यादा है। ऐसे में गोपाल भार्गव का टिकट कटना लगभग तय है। 1985 से लेकर 2018 तक राजनीति की नाबाद पारी खेल रहे रहली विधानसभा से विधायक गोपाल भार्गव आठ बार से विधायक हैं।

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अमित शाह की भोपाल में हुई चुनावी बैठक में भी ऐसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बात की चर्चा भी गर्म है कि भाजपा मध्य प्रदेश में 70 साल से अधिक उम्र के विधायकों को टिकट नहीं देगी। गुजरात विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने तत्कालीन 42 उम्रदराज विधायकों को टिकट नहीं दिए थे। 2022 का यही गुजरात मॉडल में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अपनाए गए मॉडल को एमपी में लागू करने की बात की जा रही है।

गुजरात में तो तत्कालीन मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तक के टिकट काट दिए थे। इसलिए कहा जा रहा है कि गोपाल भार्गव पार्टी और गुजरात मॉडल दोनों को चुनौती दे रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि ऐसा बयान देकर गोपाल भार्गव ने अपने बेटे को टिकट देने के लिए माहौल बना दिया। कहा जा रहा है वे अपने बेटे अभिषेक भार्गव को टिकट दिलाने के लिए एड़ी-छोटी का जोर लगा रहे हैं। ये बयान भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

गोपाल भार्गव तय करके बैठे हैं कि यदि उम्र के फॉर्मूले के तहत उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे बेटे अभिषेक को विधायक बनवाएंगे। भले ही वे संघ से जुड़े हों, पर उनके बयान से पार्टी की चिंता बढ़ गई। क्योंकि, यदि उनके पक्ष में ऐसा कुछ होता है तो पार्टी न तो बूढ़े नेताओं के टिकट काट सकेगी और न किसी के बेटे को टिकट देने से इंकार कर पाएगी।