राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी ने मचाया बवाल
जयपुर से गोपेंद्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट
जयपुर:राजस्थान के सैनिक कल्याण राज्यमंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद कांग्रेस के विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने दो अगस्त तक विधानसभा स्थगित होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों ने विधानसभा स्थगित होने के बाद मुझे मारा और मेरी लाल डायरी भी छीन ली। उन्होंने कहा कि लॉबी के बाहरी मेरे साथ कांग्रेस के मंत्री और विधायकों ने दुर्व्यवहार किया है एवं मेरी बुरी तरह पिटाई की गई।
उन्होंने कहा कि लाल डायरी में कई काले कारनामे लिखे हुए है । उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान किन-किन को क्या-क्या दिया उसका ब्यौरा भी उसमें था। उन्होंने कहा कि आखिर भाजपा के हेलीकॉप्टर खाली कैसे लौट गए उसमें किस किस को क्या दिया गया था सारी बातों का जिक्र है।
उन्होंने कहा कि लाल डायरी मुझसे कांग्रेस के लोगों ने छीन ली है लेकिन उस डायरी का पार्ट दो मेरे पास सुरक्षित है मैं उसका राज समय पर खोलूंगा।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने मेरे साथ न्याय नहीं किया मैं मंत्री बर्खास्त होने के बाद पहली बार विधायक के रुप में विधानसभा में अपनी बात कहना चाहता था मुझे अनुमति नहीं प्रदान की।
मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद कांग्रेस के विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि वे विधानसभा क्षेत्र में प्रियंका दलित की दो दिन पहले सामूहिक रेप और उसके बाद हत्या कर दी गई उसका मामला भी मैं विधानसभा में रखना चाहता था मुझे नहीं अनुमति मिली। उन्होंने कहा कि मंगलवार से मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में जाकर अपनी बात करूंगा क्योंकि मुझे विधानसभा में बात रखने का मौका नहीं दिया गया।
विधानसभा में सोमवार को शून्यकाल शुरू होते ही मंत्री पद से बर्खास्त किए गए कांग्रेस के विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी का रहस्य खोलने के लिए खड़े हुए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी इस पर वे आसन के समक्ष आकर एक लाल डायरी नुमा दिखाने लगे और कहा कि मुझे इसका गोपनीय राज खोलने का अनुमति दी जाए। इसको लेकर विधानसभा में हंगामा हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी इस पर वे आसन के समक्ष आकर एक लाल डायरी नुमा दिखाने लगे और कहा कि मुझे इसका गोपनीय राज खोलने का अनुमति दी जाए। इसको लेकर विधानसभा में हंगामा हो गया। विधानसभा अध्यक्ष ने राजेंद्र गुढ़ा को कहा कि आप मेरे चेंबर में आकर के संबंध में बात करें। लेकिन राजेंद्र गुढ़ा आसन के समक्ष अपनी मांग को लेकर अड़े रहे और कहा कि मुझे बोलने की अनुमति दी जाए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी ने सीधे तौर पर कहा कि आप की दादागिरी नहीं चलेगी मुझे आप डिक्टेट नहीं कर सकते। काफी स्थिति बिगड़ती रही राजेंद्र गुढ़ा आसन के सम्मुख से नहीं गए। प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने भी कहा कि लाल डायरी का रहस्य क्या है उसको खोलने दिया जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रतिपक्ष के प्रति भी नाराजगी प्रकट की। प्रतिपक्ष ने विधानसभा में नारेबाजी कर हंगामे की स्थिति पैदा कर दी।
हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने स्थगन प्रस्ताव पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नारायण बेनीवाल को अपना मामला उठाने के लिए नाम पुकारा। स्थिति खराब होने के बाद विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी गई।
राजस्थान विधानसभा में सोमवार को लाल डायरी के मामले को लेकर बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और भाजपा के मदन दिलावर द्वारा विधानसभा में अमर्यादित आचरण करने के मामले को लेकर 15 वी विधानसभा की शेष रहे समय के लिए निलंबित कर दिया गया।
संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में प्रस्ताव रखा कि कांग्रेस के विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने राजस्थान विधानसभा के इतिहास में पहली बार अध्यक्ष के खिलाफ गलत आचरण किया। शांति धारीवाल ने भाजपा के मदन दिलावर पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने भी अमर्यादित आचरण किया और मेरे को मारने का प्रयास किया। उन्होंने दोनों विधायकों के गलत को गलत ठहराते हुए निलंबित करने की मांग रखी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने शोर-शराबे के बीच कांग्रेस के राजेंद्र गुढ़ा और भाजपा के मदन दिलावर को निलंबित करने के प्रस्ताव को पारित करा दिया। निलंबित के प्रस्ताव पारित होने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने विधानसभा की कार्यवाही आगामी दो अगस्त के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रतिपक्ष ने इस बात का विरोध करना शुरू कर दिया कि सत्ताधारी पार्टी लोगों ने राजेंद्र गुढ़ा के साथ व्यवहार अच्छा नहीं किया। प्रतिपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसी नारेबाजी के बीच संसदीय कार्य मंत्री की ओर से राजेंद्र गुढ़ा और मदन दिलावर के निलंबित करने का प्रस्ताव रखा जिसे शोर-शराबे में ही पारित कर दिया गया।
विधानसभा में पार्टी लाइन से खिलाफ बोलकर सरकार को संकट में डालने वाले बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा को सैनिक कल्याण राज्यमंत्री से तत्काल बर्खास्त करने की कार्रवाई के पीछे आखिर क्या राज छुपा है यह कौन बताएगा ? कई बार पार्टी लाइन से अलग बोलने वाले राजेंद्र गुढ़ा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कभी कभी कोई कार्रवाई करने की बात नहीं सोची। अब उन्हें ऐसी क्या जरूरत पड़ी थी कि राजेंद्र गुढ़ा को मंत्रिपरिषद से बाहर कर दिया गया।
राजस्थान विधानसभा में अपनी ही सरकार की आलोचना करने के बाद मंत्री पद से बर्खास्त राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मौजूदा सत्र से सस्पेंड कर दिया गया है। आज विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और राजेंद्र सिंह गुढ़ा के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। गुढ़ा को मार्शल के जरिए सदन से बाहर निकाला गया। विधायक रफीक खान ने बीच बचाव किया। हाथापाई के बाद गुढ़ा को मार्शल के जरिए सदन से बाहर निकाला गया। विधायक रफीक खान ने कहा- पहली बार पिता तुल्य धारीवाल पर हुए हमलावर। मैं और साथी विधायक बीच बचाव नहीं करते तो बहुत बड़ी घटना हो सकती थी।
सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मैंने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। मुझे बिना नोटिस दिए सीधा बर्खास्त किया गया है। मुझे विधायक के रूप में बैठने के लिए जगह नहीं दी गई है। बर्खास्तगी को लेकर अपना मत नहीं रखने दिया गया।मैंने सच बोला है। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जिसकी माफ़ी मांगू।
गुढ़ा के अलावा भाजपा विधायक मदन दिलावर को भी निलंबित कर दिया गया। अब वे विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे। उन्हें विधायक के तौर पर मिलने वाली सुविधाएं भी फ्रीज रहेंगी। दरअसल, राजेंद्र सिंह गुढ़ा के विधानसभा में पहुंचते ही हंगामा हुआ था। गुढ़ा लाल डायरी लेकर पहुंचे थे। वे स्पीकर के सामने डायरी लहराने लगे थे।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लाल डायरी कितनी सच है और कितनी सही नही उस बारे में कोई तथ्यात्मक जानकारी आए बिना टिप्पणी करना तर्क संगत नही होंगा।