More Rain in Rural Areas : ग्रामीण इलाके बारिश से तरबतर, देपालपुर में 35 इंच बारिश, फ़सलें प्रभावित!

महू, सांवेर और बेटमा में भी सामान्य से ज्यादा पानी गिरा!

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More Rain in Rural Areas : ग्रामीण इलाके बारिश से तरबतर, देपालपुर में 35 इंच बारिश, फ़सलें प्रभावित!

Indore : बारिश ने सिर्फ इंदौर ही नहीं आसपास के क्षेत्रों को भी खासा तर किया है। इससे देपालपुर, महू, सांवेर व बेटमा में काफी बारिश हुई है। इससे फसलों पर भी असर पड़ा। इन चारों ग्रामीण क्षेत्रों में जो बारिश हुई है वह पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा है। देपालपुर में तो अब तक 35 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। जबकि, पिछले साल इस दौरान 18 इंच बारिश हुई थी।

अभी इस सीजन के ढाई माह बाकी हैं। इस क्षेत्रों में कुछ हिस्सों में फसलों का नुकसान भी हुआ है। अगर अब लगातार बारिश हुई तो फसलें खराब हो सकती है। देपालपुर क्षेत्र का सिरपुर तालाब का लेवल भी डेढ़ माह की बारिश 18.3 फीट पहुंच गया था और तीन दिन पहले उसका एक गेट खोलना पड़ा था। अभी तालाब का लेवल 17.5 फीट है। जबकि, क्षमता 19 फीट की है। यहां शुक्रवार से शनिवार के बीच ढाई इंच बारिश हुई है।

देपालपुर में इन दिनों बारिश हो रही है, लेकिन पूरे क्षेत्र में नहीं हो रही। देपालपुर के पश्चिम क्षेत्र के 10 किमी पीछे स्थिति यह है कि अब खेतों में आया पानी अब बाहर होने लगा है। देपालपुर में बारिश एक जैसी नहीं हुई है। कहीं कम तो कहीं ज्यादा बारिश हुई। रविवार को इन क्षेत्रों में कहीं रिमझिम तो कहीं बूंदाबांदी हुई।

फसलों को नुकसान
बारिश का यह अंतर हर 4-5 किमी के बीच हो रहा है। जंगोदा, आगरा, मुरखेड़ा, अहीरखेड़ी, सुमठिया इन क्षेत्रों में अच्छी तेज बारिश हो रही है। ऐसे ही शाहपुरा, अटहेड़ा, पानियाखेड़ी में इतनी बारिश के बाद फसलों को नुकसान नहीं है। गौतमपुरा क्षेत्र में भी अच्छी बारिश हो रही है। बेटमा-देपालपुर के बीच बड़ोली, जलोदिया पंत, अजन्दा, सनावदिया, नेवरी, चटवाडा सहित कई के गांवों में ज्यादा बारिश से सोयाबीन की फसलें खराब हो रही।

जो खेत ढलान पर हैं उन फसलों को नुकसान नहीं है। लेकिन, जो समतल पर हैं वहां काफी पानी भरा है। इससे फसलें खराब हो रही है। दूसरी ओर चांदेर, कलमेर, केसूर गांवों की फसलों में भरा पानी अब बाहर हुआ है।

तालाब ओवरफ्लो होने लगा
देपालपुर का दूसरा सबसे बड़ा तालाब ग्राम शाहपुरा का है जो लगातार बारिश से ओवरफ्लो हो रहा है। इस गांव का मुख्य मार्ग तालाब के ओवरफ्लो पानी के नाले से गुजरता है। ज्यादा बारिश में हमेशा ही गांव का मुख्य मार्ग बंद हो जाता है। किसान अपनी जान जोखिम में डालकर नाला पार करते हैं। बारिश के समय में हर बार जनहानि की आशंका बनी रहती है। सांवेर में फसलों में जलभराव से बढ़त कम हो रही है। अगर ऐसी ही बारिश रही और पानी भरा रहा तो धूप नहीं मिलने से उसकी ग्रोथ नहीं हो सकेगी। पीली पड़ने के साथ खराब हो जाएगी। अभी खेतों में छिड़की गई दवाई का असर कम होने से चारे और खरपतवार का भी प्रकोप है।