Controversial IAS Officer Lokesh Jangid: हमेशा विवादों में क्यों रहते हैं ये IAS, साढ़े 4 साल में 8 तबादले!
Bhopal : समान्यतः देखा गया है कि प्रशासनिक सेवाओं के अफसर विवादों से बचकर रहते हैं। उनकी कोशिश रहती है कि उनके नाम से जुड़कर कोई ऐसा विवाद सामने न आए जो उनके लिए परेशानी का कारण बने! लेकिन, कुछ अफसर इससे परे होते हैं। वे बेवजह के विवाद खड़े करते रहते हैं और इसका उन्हें खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। ऐसे ही एक अफसर लोकेश जांगिड़ का नाम बार-बार सामने आ रहा है। साढ़े 4 साल की नौकरी में उनके 8 तबादले हो गए। हाल ही में निकली 9 IAS अफसरों की तबादला लिस्ट में भी उनका नाम है।
विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग के निर्देशों के तहत ऐसे अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं, जिन्हें एक ही जगह तीन साल हो गए हैं। ताजा आदेश 9 IAS अफसरों का जारी हुआ। इसमें भी लोकेश जांगिड़ की जगह बदल दी गई। साढ़े चार साल में आठ ट्रांसफर झेल चुके राज्य शिक्षा केंद्र में अपर मिशन संचालक लोकेश जांगिड़ को अब पर्यावरण विभाग में उप सचिव बनाकर भेजा गया है। इस युवर IAS ने बड़वानी में अपर कलेक्टर रहते हुए तत्कालीन बड़वानी कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा की पत्नी और सीएम शिवराज की धर्मपत्नी का नाम लेकर अनर्गल बातें कहीथी।
2021 में लोकेश जांगिड़ का नाम चर्चा में रहा। साढ़े चार साल की नौकरी में 8वें तबादले के बाद उन्होंने विरोध जताया था। 2014 बैच के इस IAS अधिकारी लोकेश जांगिड़ का बड़वानी में अपर कलेक्टर रहने के दौरान 42 दिन में तबादला कर दिया गया था। इस कार्रवाई के बाद उन्होंने IAS एसोसिएशन के व्हाट्सएप ग्रुप में सरकार और अपने ही सीनियर के खिलाफ कमेंट किए थे।
लोकेश जांगिड़ ने बड़वानी के तत्कालीन कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए IAS एसोसिएशन के सोशल मीडिया ग्रुप में लिखा था, कि कलेक्टर पैसा नहीं खा पा रहे हैं। इसलिए वर्मा ने मुख्यमंत्री के कान भर दिए। वे एक ही किरार समुदाय से हैं। कलेक्टर की पत्नी किरार महासभा की सचिव हैं और मुख्यमंत्री की पत्नी अध्यक्ष हैं। उनके इस तरह के बयान से सनसनी मच गई थी। हालांकि जांगिड़ ने तबादले को जातिवाद का नाम भी दिया था। चैट वायरल होने के बाद शासन ने उन्हें नोटिस भी भेजा था।
तत्कालीन बड़वानी कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा पर लेन-देन के भी आरोप लगाए थे। कोरोना काल में जिले में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की खरीदी में भी उन्होंने गड़बड़ी के आरोप कलेक्टर पर जड़े थे। लोकेश जांगिड़ को उस समय कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का सहयोग भी मिला। दिग्गी ने यह आरोप लगाकर हवा दे दी थी कि सरकार के लिए चंदा जुटाने में नाकाम रहने पर जांगिड़ को हटाया।
बड़वानी में हुई घटना के बाद उन्होंने महाराष्ट्र कैडर में प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए अनुमति भी मांगी थी। लेकिन, राज्य सरकार ने उनके आवेदन को केंद्र सरकार को न भेजते हुए उसे नामंजूर कर दिया।
लोकेश जांगिड़ के साथ एक बार ऑनलाइन शराब खरीदने के नाम पर ठगी भी हो चुकी है।
एक बार आईएएस लोकेश को अनजान नंबर से धमकी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने डीजीपी को लिखित शिकायत दी। उन्होंने बताया था कि सिग्नल ऐप पर अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि तू नहीं जानता, तूने किससे पंगा लिया है। भाभी का नाम लेकर तूने मौत को बुलाया है। तुझे अपनी और बेटे की जान की परवाह है तो छः महीने की छुट्टी पर चला जा। मीडिया से बात करना बंद कर दे। आईएएस लोकेश ने कहा कि धमकी मिलने के बाद मेरे परिवार को जान का खतरा हो गया है। उन्होंने भोपाल स्थित अपने आवास पर सुरक्षाकर्मियों की मांग भी की थी।
दो साल पहले जांगिड़ दिल्ली की एक सामाजिक कार्यकर्ता को चाय का ऑफर देकर विवादों में फंसे थे। सामाजिक कार्यकर्ता ने जांगिड़ के उस मैसेज को वायरल कर दिया, जिसमें वे उसे चाय ऑफर कर रहे हैं। लड़की ने ट्वीट करते हुए पूछा, ‘यह सब क्या है?’ इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने जांगिड़ को ट्रोल करना शुरू कर दिया था। हालांकि तब जांगिड़ ने कहा था कि चाय आफर करना कोई बुरी बात तो नहीं है।
माना जा रहा है कि लगातार विवादों में रहने के कारण ही सरकार ने उन्हें किसी जिले का कलेक्टर पदस्थ नही किया वरना उनकी बैच के सीधी भर्ती के लगभग सभी अधिकारी पिछले एक साल से कलेक्ट्री कर रहे है।
उसके बाद पिछले दो सालों से उनका कोई सार्वजनिक बयान सामने नहीं आया। लेकिन, उनके तबादलों का क्रम जारी है।