बारह नये क्षेत्रों में सहकारिता विभाग, संघ बना PPP मोड पर करेगा काम

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बारह नये क्षेत्रों में सहकारिता विभाग, संघ बना PPP मोड पर करेगा काम

भोपाल:किसानों को बिना ब्याज के कर्ज, पीडीएस की खरीदी, रियायती दरों पर खाद, बीज, कीटनाशक वितरण जैसी योजनाओं के संचालन के कारण ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पा रहे सहकारी बैक, सहकारी समितियों को पुर्नजीवन देने, उनकी आय बढ़ाने के लिए अब सहकारिता विभाग बारह नये क्षेत्रों में काम करेगा। सहकारी संघों का गठन कर पीपीपी मोड पर ये काम किए जाएंगे। इससे सहकारिता विभाग,जिला सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक और प्राथमिक सहकारी समितियों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा।

सहकारिता विभाग ने बारह नये क्षेत्र चिन्हित किए है। इनमें अलग-अलग सहकारी संघ गठित किए जाएंगे। इन सहकारी संघों से टू टियर और थ्री टियर सिस्टम बनाकर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए ये काम किए जाएंगे। विपणन संघ और राज्य सहकारी संघ के साथ पीपीपी मोड पर काम करने का प्रारुप भी तैयार किया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सहकारिता विभाग जिन नये क्षेत्रों में प्रवेश करने जा रहा है उनमें खाद उत्पादन, श्रम, पर्यटन, खनिज, उद्योग, ग्रामीण पर्यटन, बहुउददेश्यीय राशन दुकाने,सर्विस सेक्टर, आईटी और उद्यानिकी सहित कुल बारह क्षेत्रों में काम करेगा।

सहकारिता विभाग उद्यानिकी और औद्योगिक क्षेत्रों में सहकारी संघों का गठन कर यहां थ्री टियर सिस्टम से काम करेगा।
अपैक्स बैंक,जिला सहकारी बैंक और प्राथमिक सहकारी समितियों को इनसे जोड़ा जाएगा। पूरा योजना बनाने और मानीटरिंग तथा वित्त उपलब्ध कराने का काम अपैक्स बैंक करेगा। जिला सहकारी बैंक तकनीकी और प्रशासनिक अमला उपलब्ध कराएंगे। प्राथमिक सहकारी समितियों के जरिए इसे मैदानी स्तर पर कराया जाएगा।

पर्यटन से सुविधा और आय-
ग्रामीण क्षेत्रों में जहां आवागमन के साधन नहीं है या कम है वहां छोटे सात सीटर से लेकर 21 सीटर तक के वाहन बैंको से कर्ज लेकर सहकारी संघों के जरिए संचालित किए जाएंगे। इसमें यह भी देखा जाएगा कि किस क्षेत्र में परिवहन की संभावनाएं ज्यादा है वहां पहले इन वाहनों का संचालन किया जाएगा। इससे ग्रामीण अंचलों के रहवासियों को आवागमन की सुविधा भी मिलेगी और सहकारी संघ, बैंको और समितियों की आय भी बढ़ेगी।

सर्विस सेक्टर और आईटी-
कोरोना काल में सर्विस सेक्टर और आईटी के क्षेत्र में काम की संभावनाए बहुत बढ़ी है। सहकारिता विभाग विभिन्न सेवाएं ग्रामीण अंचलों तक रियायती शुल्क पर उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी की सेवाएंभी ग्रामीण अंचलों तक उपलब्ध कराई जाएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं सुविधाओें का लाभ भी लोगों को घर बैठे मिल सकेगा और सहकारी संस्थाओं, बैंको,संघों को लाभ भी होगा। स्थानीय युवाओं को इसके जरिए रोजगार से जोड़ा जाएगा।

खाद उत्पादन,उद्यानिकी-
ग्रामीण अंचलों में खेतों और उद्यानों के लिए जैविक खाद, वर्मी कंपोस्ट, नीम खली, केचुंआ खाद और अन्य खाद, कीटनाशक और प्रमाणित बीज स्थानीय स्तर पर तैयार किएजाएंगे। इसी तरह छोटी-छोटी नर्सरियां बनाकर वहां औषधीय पौधे, सजावटी पौधे, फलदार पौधे तैयार कराए जाएंगे। उनकी बिक्री गांव से लेकर शहर तक की जाएगी। किसान भी इसे खरीदेंगे और व्यापारी तथा आमजन भी इन्हें ले सकेंगे। बाद में पुष्पों की खेती कर उससे भी मुनाफा अर्जित किया जाएगा।
वर्जन-
सहकारिता विभाग बारह क्षेत्रों में सहकारी संघों का गठन कर पीपीपी मोड पर काम करेगा। इससे सहकारी बैंको, प्राथमिक सहकारी संस्थाओं की आय बढ़ेगी, स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। संघों का गठन करने की कार्यवाही शुरु कर दी गई है, जल्द ही इन क्षेत्रों में काम शुरु किया जाएगा।
-अरविंद सिंह सेंगर, संयुक्त आयुक्त सहकारिता