Rajasthan Cabinet Decisions: 19 नवीन जिले और 3 संभाग का अनुमोदन, 7 अगस्त को अस्तित्व में आ जायेंगे नवगठित जिले और संभाग

सीएम गहलोत की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में लिए गए अहम फैसले

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Rajasthan Cabinet Decisions: 19 नवीन जिले और 3 संभाग का अनुमोदन, 7 अगस्त को अस्तित्व में आ जायेंगे नवगठित जिले और संभाग

राजस्थान से ब्यूरो प्रमुख गोपेंद्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट

जयपुर:राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में घोषित नए जिलों के सीमांकन को अंतिम रूप देने के साथ ही राजस्थान प्रेस प्रतिनिधि अधिस्वीकरण-1995 में संशोधन कर डिजिटल मीडिया को प्रेस प्रतिनिधि की परिभाषा में शामिल करने तथा परशुराम सेवा समिति बीकानेर को भूमि आवंटित करने से संबंधित प्रस्ताव का भी अनुमोदन जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। राज्य सरकार ने नए जिलों के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। नए जिलों के गठन से अब राजस्थान का नक़्शा भी बदल गया है (संलग्न नया नक़्शा)

बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में 3 नए संभाग और 19 नए जिलों के गठन से आमजन को बहुत सुविधा होगी।साथ ही, प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने से प्रशासनिक व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। नए जिले बनने से प्रदेश का विकास अधिक तेज गति से हो सकेगा।

7 अगस्त को प्रभारी मंत्रियों की उपस्थिति में इन जिलों का विधिवत रूप से स्थापना कार्यक्रम होंगे

मुख्यमंत्री निवास पर मंत्रिमण्डल एवं मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में नवगठित जिलों के सीमांकन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया है। आगामी 7 अगस्त को प्रभारी मंत्रियों की उपस्थिति में इन जिलों का विधिवत रूप से स्थापना कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य की जनसंख्या एवं भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए नई प्रशासनिक इकाइयों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। जिलों का आकार बड़ा होने से जहां कलक्टर्स को प्रशासनिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं पुलिस अधिकारियों को भी कानून व्यवस्था बनाये रखने में परेशानी होती है।

सीएम गहलोत ने कहा कि नये संभाग और जिलों के गठन का प्रदेशवासियों ने स्वागत किया है। जमीन सम्बन्धी और दीवानी मामलों के लिए दूर-दराज से आने वाले ग्रामीणों का समय भी नये जिलों का गठन होने से बचेगा। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी विकास और निवेश सम्बन्धित प्लानिंग में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि नवगठित जिलों में पहले ही विशेषाधिकारी लगाकर काम शुरू कर दिया था।

सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण की है। जिलों का आकार जितना छोटा होगा उतनी ही प्रशासनिक क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने अन्य राज्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में 95 जिले 5 लाख से कम आबादी वाले हैं। पड़ौसी राज्य मध्य प्रदेश की जनसंख्या लगभग 7.70 करोड़ है, और वहां 53 जिले हैं। इसी प्रकार, छत्तीसगढ़ में 2.56 करोड़ की जनसंख्या पर 33 जिले हैं। उन्होंने कहा कि नये जिलों के लिए अधिकारियों की कमी नहीं आने दी जाएगी। नये जिलों का गठन होने के बाद इनमें विभिन्न पदों के लिए भर्तियां भी होंगी।

रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल छह माह और बढ़ाया

उन्होंने बताया कि नए जिलों के सम्बन्ध में पूर्व आईएएस अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में गठित कमेटी का कार्यकाल छह माह और बढ़ाया गया है । इस कमेटी की अनुशंसा पर प्रदेश में और जिले भी गठित हो सकेंगे।उल्लेखनीय है कि नए जिले बनाने की माँग पर प्रदेश के कई इलाक़ों में आन्दोलन किए जा रहें है।

प्रदेश के नए जिलों के स्वरूप और सीमांकन के नक़्शे संलग्न है-

परशुराम सेवा समिति बीकानेर को आवंटित भूमि का अनुमोदन

साथ ही मंत्रिमंडल ने परशुराम सेवा समिति बीकानेर को सामाजिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों के लिए 1000 वर्गमीटर भूमि आरक्षित दर की 5 प्रतिशत दर से आवंटित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। मंत्रिमंडल के इस निर्णय से सर्व समाज के लिए सामाजिक एवं शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी।