संसद में दिल्ली सर्विस बिल पास: होंगे दूरगामी परिणाम
गोपेंद्र नाथ भट्ट की त्वरित टिप्पणी
विपक्षी दलों की लाख कोशिश और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा उनकी पार्टी आप की गहरी नाराज़गी के बावजूद सोमवार को देर रात दिल्ली सर्विस बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो गया है। लोकसभा में यह बिल गत तीन अगस्त को ही ध्वनिमत से पास हो गया था।अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून बन जाएगा। यह बिल दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार के मध्य लम्बे समय से चल रहे टकराव का परिणाम है। केजरीवाल सरकार शुरू से ही कहती आ रही है कि दिल्ली केवल नाम की सरकार है।इसके पास कोई अधिकार नही । दिल्ली पुलिस सहित सारे अधिकार केन्द्र सरकार और उप राज्यपाल के पास हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने बिल के पास होने पर अपनी गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी पीछे के दरवाजे से ये बिल लेकर आई। उन्होंने प्रधानमंत्री के दिल्ली की सरकार में दखल देने पर भी आपत्ति जाहिर की।
दिल्ली की जनता बीजेपी को जवाब देगी
दिल्ली सर्विस बिल के राज्यसभा से पास होने के तुंरत बाद अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि दिल्ली की जनता बीजेपी को इसका जवाब देगी। केजरीवाल ने कहा कि इन लोगों ने देखा कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली में हराना बहुत मुश्किल है । पिछलें चुनावों में बीजेपी सीधे-सीधे चार चुनाव आम आदमी पार्टी से हारी है। जब इन्हें लगा कि आम आदमी पार्टी को हराना मुश्किल है तो चोर दरवाजे से इन्होंने यह काम किया।केजरीवाल ने कहा, ”पीएम मोदी सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानते. जनता ने साफ कहा था कि केंद्र दिल्ली में दखल न दे, लेकिन पीएम सुनना ही नहीं चाहते”
केजरीवाल ने कहा, “मैं जो भी करता हूं, दिल्ली की जनता उसका समर्थन करती है.।उन्होंने मुझे चुनाव में जीत दिलाकर अपना समर्थन दिखाया है.।बीजेपी सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है।वे विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं।वे मुझे काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।इस बार जनता उन्हें कोई सीट नहीं जीतने देगी।”
इसके पहले राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर लंबी बहस, चर्चा और गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के बाद उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सोमवार रात दस बजे इस पर वोटिंग शुरू कराई।ऑटोमैटिक मशीन खराब होने के कारण वोटिंग के लिए पर्ची का इस्तेमाल किया गया।बिल के समर्थन में 131 वोट पड़े, जबकि विपक्ष के खाते में केवल 102 का नंबर ही दर्ज हो पाएँ।
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली सर्विस बिल पूरी तरह से संविधान की भावना के अनुरूप है।बिल पर जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और पब्लिक ऑर्डर पर काम करने का अधिकार केंद्र को दिया है।सेवा का अधिकार राज्य को देने की बात कही है।इसमें यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार को किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है.” इस किसी भी में सेवाएं भी आती हैं. संसद को संविधान में संशोधन का अधिकार है.”
गृह मंत्री अमित शाह के बयान के दौरान एनडीए सांसदों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए,जवाब में विपक्षी गठबंधन के नेता ‘इंडिया-इंडिया’ के नारे लगाने लगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह सबूत देंगे कि यह बिल किसी भी एंगल से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं करता है. यह बिल दिल्ली पर मौजूदा केंद्र सरकार के अध्यादेश को बदलने का प्रयास है।