त्वरित टिप्पणी : पुलिस कमिश्नर प्रणाली ,बहुत देर से लिया गया, सही फैसला 

Quick Comment : Police Commissioner system

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का निर्णय लेकर एक सकारात्मक पहल की है। मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि यह कदम बहुत देर से उठाया गया है। आज से 35 वर्ष पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने इस प्रणाली को लागू करने की घोषणा की थी। उस समय मध्य प्रदेश को आदिवासी क्षेत्र बताकर केंद्र ने प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया था। दिग्विजय सिंह भी घोषणा करने के बाद लॉबिंग के शिकार हो गए हो। अब मुझे विश्वास है कि कोई व्यवधान नहीं आएगा और यह प्रणाली लागू कर दी जाएगी।

पुलिस कमिश्नर प्रणाली अंग्रेजों के समय प्रेसीडेंसी शहरों अर्थात मद्रास, बम्बई और कलकत्ता में लागू थी। क्योंकि, वहाँ अंग्रेज़ स्वयं रहते थे। कालांतर में दक्षिण भारत के अनेक शहरों में यह सिस्टम आया, परंतु पिछड़े हिन्दी भाषी राज्यों में प्रशासनिक व्यवस्था में वैसे भी कोई भी परिवर्तन करने में बहुत समय लगता है। राजस्थान के बाद अत्यंत पिछड़े उत्तर प्रदेश में भी जब यह व्यवस्था वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लागू कर दी, तब मध्य प्रदेश में लागू किया जाना स्वाभाविक हो गया है।

पुलिस कमिश्नर व्यवस्था में कानून व्यवस्था के सभी निर्णय पुलिस स्वयं लेती है और वह ही इसके लिए ज़िम्मेदार भी रहती है। वर्तमान व्यवस्था में जिम्मेदारी बंटी होने के कारण कानून व्यवस्था के अवसरों पर या तो कार्रवाई शीघ्र नहीं हो पाती या लचर कार्रवाई की जाती है। महानगरों का स्वरूप अब ऐसा हो गया है कि निर्णय लेने में विलंब नहीं होना चाहिए।

अपराधों के नियंत्रण के लिए भी यह प्रणाली कारगर सिद्ध होगी। यद्यपि अपराध तो होते रहेंगे परंतु उनकी विवेचना और उसमें न्यायालय से सजा दिलाने पर पुलिस अधिक ध्यान दे सकेगी। इसी प्रकार इन महानगरों में यातायात एक बहुत बड़ी समस्या हो गई है और इसका निराकरण भी पुलिस कमिशनर सिस्टम में पूर्व की अपेक्षा बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।

कतिपय क्षेत्रों में यह कहा जा रहा है कि पुलिस अधीक्षक की शिकायत सुनने के लिए कलेक्टर रहते है तथा इससे जनता को राहत मिलती है। पुलिस कमिश्नर संभवतः ADG स्तर का होगा। अत: उस पर यह भरोसा किया जा सकता है कि वह जनता की शिकायतों को ईमानदारी से सुनेगा।  इसके अतिरिक्त बार और आर्म्स आदि के लाइसेंस का संचालन पुलिस बेहतर तरीके से कर सकती है। इस प्रणाली के सफल होने के लिए यह आवश्यक है कि शासन द्वारा पुलिस को पर्याप्त संसाधन और पुलिस प्रणाली की मंशा के अनुरूप अधिकार दिए जाएं अन्यथा यह प्रणाली केवल संकेत भर रह जाएगी।