प्याज क्यों हो रहा है महंगा? एक महीने में 28% बढ़ी कीमत
ज्यादा बारिश की वजह से पूरे देश में टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में टमाटर का उत्पादन में भारी गिरावट आई, जिससे सप्लाई प्रभावित होने से टमाटर महंगे हो गए. इसकी कीमत में 300 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
लेकिन खास बात यह है कि बंपर सप्लाई के बाद अब प्याज भी महंगा हो गया है. पिछले एक महीने के अंदर प्याज की कीमत में 28 फीसदी की उछाल रिकॉर्ड की गई है.
दरअसल, प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी का यह खुलासा एगमार्कनेट के आंकड़ों से हुआ है. एगमार्कनेट के मुतबाकि, एशिया के सबसे बड़ी ब्याज मंडी लासलगांव में 8 जुलाई को प्याज की मॉडल कीमत 1340 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो अगस्त महीने में बढ़कर 1,725 प्रति क्विंटल हो गई है. जबकि, मंडियों में प्याज की आवक जुलाई महीने के मुकाबले बढ़ी है. इसके बावजूद भी कीमतों में 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
यार्ड में महज 18.25 लाख टन ही प्याज की आवक हुई थी
कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के यार्ड में 1 जुलाई से 7 अगस्त के बीच 22.33 लाख टन प्याज की आवक हुई, जोकि एक रिकॉर्ड है. वहीं, एक साल पहले इसी अवधि के दौरान यार्ड में महज 18.25 लाख टन ही प्याज की आवक हुई थी. लेकिन, सप्लाई बढ़ने के बावजूद भी प्याज की कीमतों में इजाफा हुआ है, जोकि अपने- आप में चिंता का विषय है. अगर 1 अप्रैल से 7 अगस्त तक की आवक पर नजर डालें तो देशभर के एपीएमसी यार्डों में रिकॉर्ड तोड़ प्याज की सप्लाई को लेकर जानकारी मिलती है. ऐसे में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि प्याज की कीमतों में मंथली 5 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हुई है. जबकि वार्षिक रूप से 15 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो रही है.
कीमतें क्वालिटी के आधार पर प्रति किलो 16-25 रुपये बढ़ी हैं
वहीं, जानकारों का कहना है कि घरेलू मांग बढ़ने की वजह से पिछले सप्ताह प्याज की कीमतों में 3 से 4 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई. जबकि, हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत शाह का कहना है कि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी क्यों हुई, इससे जानने में अभी एक से दो हफ्ते और लग सकते हैं. नासिक के एक प्याज निर्यातक विकास चौधरी ने कहा कि पिछले दो हफ्तों में प्याज की कीमतें क्वालिटी के आधार पर प्रति किलो 16-25 रुपये बढ़ी हैं.
अच्छी क्वालिटी के प्याज की आवक नहीं हो रही है
साथ ही विकास चौधरी ने कहा कि मंडियों में अच्छी क्वालिटी के प्याज की आवक नहीं हो रही है. हो सकता है कि इसकी वजह से भी प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही होगी. एग्री कमोडिटीज एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (एसीईए) के अध्यक्ष एम मदन प्रकाश ने कहा कि ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र में अप्रैल-मई में हुई बारिश से प्याज के स्टॉक को नुकसान पहुंचा है. इससे स्टॉक में रखे- रखे प्याज खराब हो गए, जिससे उसकी क्वालिटी प्रभावित हो गई. वहीं, एगमार्कनेट डेटा से पता चलता है कि मौजूदा प्याज की कीमतें 2021 में की दरों के बराबर हैं. लेकिन 2017 में के मुकाबले अभी भी कम है.