पेंशनर्स एसोसिएशन का सरकार पर महंगाई राहत को लेकर अनावश्यक सहमति प्राप्त करने का आरोप
भोपाल: पेंशनर्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश के वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी ने प्रदेश सरकार पर महंगाई राहत के संबंध में अनावश्यक सहमति प्राप्त करने का आरोप लगाया है । जोशी ने बताया कि अभी तक प्रदेश के पेंशनर्स को महंगाई राहत देने के लिए मध्यप्रदेश का वित्त विभाग छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति प्राप्त करता था और सहमति की आड़ में कई महीने का एरियर्स प्रदेश सरकार ने अटका कर रखा है । अब जब छत्तीसगढ़ सरकार ने महंगाई राहत के संबंध में मध्यप्रदेश सरकार से 02 अगस्त 23 को पत्र के माध्यम से सहमति मांगी है तब मध्य प्रदेश सरकार उस पत्र को दबा कर बैठी है एवं इससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
अब मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि हम अपने पेंशनर्स को 4% महंगाई राहत देने के संबंध में आपसे सहमति मांगेंगे एवं प्राप्त सहमति के आधार पर ही हम अपने पेंशनर्स को 4% महंगाई राहत देने के आदेश जारी करेंगे वह भी जुलाई 23 से। इसका सीधा अर्थ यह है कि प्रदेश सरकार पूर्व की भांति अपने पेंशनर्स के साथ फिर से छलावा करने जा रही है ।
जिला शाखा भोपाल के अध्यक्ष आमोद सक्सेना ने बताया की प्रदेश सरकार पिछले 23 वर्षों से प्रावधान न होते हुए भी सहमति की आड़ में प्रदेश के पेंशनर्स को केंद्रीय दर एवं तिथि से महंगाई राहत से वंचित कर रही है। इस संबंध में गृह मंत्रालय भारत सरकार 13 नवंबर 2017 को अपने पत्र के माध्यम से दोनों प्रदेश के मुख्य सचिव सहित पेंशनर्स एसोसिएशन को भी पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट कर चुका है । मध्यप्रदेश वित्त विभाग के 30 अक्टूबर 2000 के पत्र में भी आपसी सहमति का कोई उल्लेख नहीं है ।
सक्सेना ने राज्य सरकार से मांग की है कि भारत सरकार के 13 नवंबर 2017 एवं मध्य प्रदेश वित्त विभाग के 30 अक्टूबर 2000 के संबंध में सरकार महंगाई राहत के संबंध में स्थिति स्पष्ट कर सार्वजनिक करें ।