क्रिकेट का मौसम इधर टीम इंडिया न्यूजीलैंड को टी 20 में 30 से क्लीन स्वीप कर फॉर्म है तो इधर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मामा शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों के सक्रिय रहकर और प्रदेश में एक के बाद एक बड़े निर्णयों में शामिल पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर ‘फारम’ में दिख रहे है। वादे बहुतों ने किए पर पूरा करने का यश मामा के खाते में गया। मध्य प्रदेश में चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि इस बार जनता को तकलीफ नहीं होने देंगे। गड़बड़ी करनेवालों को छोड़ा नहीं जाएगा। मौका आने पर नियम भी बदले जाएंगे और कठोर फैसले भी किए जाएंगे। अपने धाराप्रवाह भाषण के दौरान उन्होंने अपने चिर परिचित देशी अंदाज़ में कहा था मामा फुल फारम में है।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की भोपाल और खजुराहो यात्रा के बाद आत्मविश्वास से भरे मुख्यमंत्री बड़े फैसले बेहिचक करने के मूड में दिख रहे हैं। पीएम से उनकी केमिस्ट्री पहले से ज़्यादा मज़बूत हुई है। मध्यप्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली का लागू होना अहम् कड़ी है। इस निर्णय के बाद एक झटके में शिवराज सिंह ऐतिहासिक निर्णय लागू करनेवाले मुख्यमंत्रियों में शामिल हो गए हैं। आईपीएस अधिकारयों की यह मांग करीब तीन दशकों से चली आ रही थी। इसे भोपाल और इंदौर में लागू किया जा रहा है। बाद में इसे ग्वालियर और जबलपुर के साथ दस लाख से ज़्यादा की आबादी वाले संभागीय मुख्यालयों में भी लागू किया जाएगा। पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने मे आईएएस एसोसिएशन का विरोध सबसे बड़ी बाधा थी। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आईएएस और आईपीएस एसोसिएशन के बीच संतुलन बनाने में सफल रहे हैं। दरअसल पुलिस की कार्यप्रणाली को बड़े शहरों में अधिक असरदार करने के लिए यह सिस्टम लागू करना ज़रूरी हो गया था। कुछ दिनों पहले की बात है जब नवागत आईपीएस अफसरों से बातचीत में पीएम मोदी ने कानून व्यवस्था बेहतर करने के लिए पुलिस कमिश्नर प्रणाली के विस्तार की मंशा जताई थी। मध्यप्रदेश में इसे लागू किया जाना भी पीएम की इच्छा को अमली जामा पहनाने के रूप में देखा जा रहा है।
पिछले कुछ दिनों से पीएम का भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों से समझबूझ व समन्वय ख़ासा मजबूत होता दिख रहा है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कंधे पर सस्नेह रखा हाथ और गम्भीर मंत्रणा के अंदाज़ में चहलकदमी करते हुए जो तस्वीर आई है वह ऐसा ही कुछ बयां करती है। पिछले दिनों प्रदेश यात्रा के दौरान सीएम शिवराज सिंह के साथ भी पीएम की केमिस्ट्री सकारात्मक संदेश देती नजर आती है।
भोपाल के जम्बूरी मैदान में जनजाति सम्मलेन और भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम आदिवासी रानी कमलापति के नाम पर करने के बाद पीएम और सीएम के बीच जो तालमेल दिखा वह इसके पहले कभी नज़र नहीं आया था। पीएम की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जनजातियो के बीच में युद्ध स्तर करने में जुट गए हैं। महू के पास पातालपानी में जनजाति नायक रॉबिनहुड कहे जाने वाले मामा टांटिया भील की याद में एक बड़ा कार्यक्रम करेंगे। इस तरह के आयोजन आदिवासियों को सनातन धर्म से जोड़े रखने के साथ उनका भाजपा से रिश्ता मजबूत करने में अहम् साबित होंगे। पीएम मोदी की इच्छा के अनुरूप ही सामाजिक व राजनीतिक स्तर पर योजना बनाई जा रही है, जो आने वाले चुनावों में महत्वपूर्ण साबित होगी।
प्रदेश में हाल ही हुए खंडवा लोकसभा क्षेत्र समेत चार उपचुनावों में तीन पर भाजपा की जीत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का ग्राफ एकदम ऊंचा कर दिया है। विधानसभा की दो कांग्रेस की पृथ्वीपुर और जनजातीय बहुल जोबट सीट जीतने से वे मजबूत कूटनीतिक और रणनीतिकार के रूप में भी उभरे हैं। विंध्य की रैगांव सीट भाजपा से कांग्रेस ने जीतने में सफलता हासिल कर झटका दिया है।
*कांग्रेसी आए तो घुटने तोड़ देना …
रामेश्वर के बिगड़े बोल…*
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा एक बार फिर बिगड़े बोल के कारण सुर्ख़ियों में हैं। इस बार उन्होंने राजधानी के पास एक गांव की सभा में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम लेते हुए कहा ” यहां कोई भी कांग्रेसी आए तो घुटने तोड़ देना। जाहिर है इस पर प्रतिक्रिया भी होनी थी सो हुई भी – अभी उसकी शुरुआत यह है कि 24 नवम्बर को दिग्विजय सिंह महात्मा गांधी की मूर्ति लेकर विधायक शर्मा के घर भेंट करने पहुंचेंगे और यहां एक घंटा विधायक की सद्बुद्धि के लिए गांधीवादी तरीके से प्रार्थना करेंगे। इसके जवाब में विधायक शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री गांव में माफियागिरि करने वाले सरपंच को संरक्षण देते हैं। यहां सरपंच और उसके बेटे ने सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर प्लाट काट दिए हैं। अब ये कांग्रेसी लोगों को धमकाते भी हैं। ऐसा लगता है यह विवाद और आगे बढ़ेगा।
गौरतलब है कि एक बार अपने विधानसभा क्षेत्र के अधिकारी को फोन पर डांटते हुए कहा था कि “जितना भगवान से डरते हो उतना ही मेरे से डरना…”।
- *शराब पीने वाला झूठ नहीं बोलता है….*
मध्यप्रदेश भी अजब और गज़ब है, वैसे तो यह कई बार साबित हो गया है लेकिन इन दिनों राज्य सरकार के एक अफसर का यह बयान खूब चर्चित हो रहा है कि हम उन्ही को शराब बेच रहे हैं जिनको वैक्सीन के दो डोज़ लग चुके हैं। दरअसल जब उनसे यह पूछा यह कैसे पता चलेगा कि जैसी शराब बेचीं जा रही है उसे दो डोज़ लग चुके हैं। इस पर उनका बहुत मासूम सा जवाब था हमारे तजुर्बे के आधार पर शराब पीने वाला झूठ नहीं बोलता। लिहाज़ा शराब पीने वाला यह कहेगा की उसे दो टीके लग चुके हैं तो हम उसे शराब की बिक्री कर देंगे। कुलमिलाकर अफसर ने मान लिया है कि शराब पीने वाले सत्यवादी हैं।