अक्षय ऊर्जा दिवस{Renewable Energy Day}
ऊर्जा की बचत के लिए अब अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देना आवश्यक और सर्वोत्तम
समय की मांग–वायु ऊर्जा
डॉ सुनीता फड़नीस
ग्लोबल वार्मिंग ,ग्रीन हाउस गैसें,पर्यावरणीय प्रदूषण , आदि के बारे में हम काफी पढ़ चुके है, काफी ज्ञान अर्जित कर चुके हैं। हम काफी कुछ देखते हैं , पढ़ते हैं , लिखते हैं ,पर—- करते कुछ नहीं।
ऊर्जा की कमी , ऊर्जा की बचत के लिए अब अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देना आवश्यक और सर्वोत्तम है । क्योंकि ये ऐसे स्रोत है जो कभी खत्म नहीं होंगे।
भारत सरकार अपने स्तर पर कोशिश कर रही है कि विश्व के तापमान को ( जिसमें दो डिग्री वृद्धि होने वाली है ) रोकने के लिए अक्षय ऊर्जा , जिसमें सोलर ऊर्जा के साथ साथ वायु या पवन ऊर्जा बहुत उपयोगी है। पर्यावरणीय संकटों के बढ़ने के कारण अब अब सभी देशों को इस समस्या का निराकरण करना ही पड़ेगा । वायु -ऊर्जा या पवन -ऊर्जा निशुल्क होने के साथ साथ प्रदूषण को भी कम करने में सक्षम है । इसके दीर्घकालीन प्रभाव हमारी नई पीढ़ी और उसके आगे की पीढ़ियों के लिए फायदेमंद है।
पवन ऊर्जा का अब कुशल तरीके से उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण हो चुका है । दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त में प्राप्त या निशुल्क ऊर्जा स्त्रोत वायु है, जो और असीमित है ।भारत में अभी तक केवल दस परसेंट ही वायु- ऊर्जा का उपयोग होता है। भारत में तमिलनाडु ,आंध्र प्रदेश और केरल, वायु-ऊर्जा के उपयोग पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। हमारे प्रदेश में भी काफी स्थानों पर पवन चक्कियाँ दिख रहीं हैं।जो पूरे गाँव की बिजली आपूर्ति कर रहीं हैं।
चौदह वर्ष पूर्व यूरोपियन विंड एनर्जी एसोसिएशन और ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल ने वायु- ऊर्जा को महत्त्व देने के लिए एक दिन निश्चित किया , जिसे विश्व पवन ऊर्जा दिवस या विश्व वायु ऊर्जा दिवस कहा गया । 2009 में विश्व स्तर पर मनाया विश्व वायु दिवस हर वर्ष पंद्रह जून को मनाया जाता है।
इसका उद्देश्य सभी देशों को एकजुट करके वायु-ऊर्जा को महत्व देकर अधिक प्रोत्साहित करना है। वैश्विक वायु दिवस को मनाने का उद्देश्य ,वायु ऊर्जा की शक्ति और इसके विभिन्न उपयोगों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह ऊर्जा का एक प्राकृतिक रूप होने के कारण अक्षय है। वायु- ऊर्जा का महत्व और इसका दुनिया को बेहतरीन बनाने में कितना योगदान हो सकता है , यह जनमानस को समझाना है । ऊर्जा का यह नवकरणीय रूप बहुत लाभकारी है , जिसके बारे में लोगों को बताना समझाना आवश्यक है, इस विषय में लोगों की सक्रियता बढ़ाना आवश्यक है । ताकि कंपनियाँ, सरकारें और अन्य उद्योग वैकल्पिक ऊर्जा के लाभों को उजागर कर सकें और वह इन उद्योगों को स्थापित करने में उत्सुकता दिखा सकें।
पंद्रह जून पवन ऊर्जा की शक्ति का पता लगाने के लिए एक समर्पित दिवस है , क्योंकि यह हर देश की अर्थव्यवस्था को सही करके विकास को बढ़ावा दे सकता है। यदि उद्योग स्थापित होंगे तो रोजगार भी बढ़ेंगे ।
हवा या वायु हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । अगर हम सोचते हैं, कि हवा केवल साँस लेने के लिए आवश्यक है , तो हम गलत सोचते है। वायु का औद्योगिक महत्व बहुत ज्यादा है । वायु से पवन चक्की जैसी एक अद्भुत मशीन चला सकते हैं । जो बिजली उत्पादन के लिए बहुत उपयोगी है । जिसका जिक्र हमने ऊपर किया है।
हाल ही में द विंड इन द माइंड और फ्यूचर विंड के रूप में इसे दर्शाया गया है । वायु- ऊर्जा हमें एक हरियाले ग्रह की ओर ले जाती है। क्योंकि यह जीवाश्म ईंधन का उपयोग को कम करने में मददगार है । यह आज तक का सबसे कम कीमत वाला , कभी खत्म न होने वाला, ऊर्जा स्त्रोत है ।
प्रदूषित वायु का हमारे ग्रह पर तथा जनमानस पर खतरनाक ही प्रभाव पड़ता है, जैसे – वायु में घुलकर , बारिक अदृश्य कण हमारे नाक और मुहँ द्वारा फेफड़ों में रक्त प्रवाह के साथ शरीर में गहराई तक प्रवेश कर लेते हैं । ये हार्ट स्ट्रोक , सांस की बीमारियां, फेफड़ों के कैंसर के साथ-साथ दिल के दौरों के लिए भी ज़िम्मेदार है।
प्रदूषित वायु , गुणवत्ता विकास के लिए एक चुनौती है। इन वायु प्रदूषकों में मुख्यतः ब्लैक- कार्बन , मीथेन और ओजोन जैसे रसायन वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों के लिए ज़िम्मेदार हैं । दुनिया भर में हर दस में से नौ लोग अशुद्ध वायु में साँसे ले रहे हैं । इसका कारण जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता है। जिसकी वजह से एक वर्ष में लगभग सत्तर लाख लोग अकाल मृत्यु को प्राप्त होते हैं। वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ा पर्यावरणीय जोखिम है। साथ ही पारिस्थितिकी तंत्र पर भी यह नकारात्मक प्रभाव डालता है। जिससे सामाजिक और आर्थिक नुकसान होता है।
वायु प्रदूषण के कई कारण हैं— 1. जिसमें मुख्य जंगल की आग है।
2. खेतों में जलने वाली परालियाँ हैं।
3. अधिकतर स्थानों में भोजन बनाने के लिए कई तरह के जीवाश्म ईंधन प्रयुक्त होते हैं।
4. वाहनों द्वारा प्रयुक्त पेट्रोल , डीजल वायु को सबसे ज्यादा विषाक्त बना रहे हैं।
हम यह सोच भी नहीं सकते कि बिना स्वच्छ हवा के जिंदगी कैसी चलेगी ? यही समझ कर काफी देश वायु- ऊर्जा को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रहे हैं। विकसित देश , विकासशील देशों को अपनी तकनीक देने में उतना सहयोग नही देते ,जितनी उनसे अपेक्षित है। चीन पवन ऊर्जा से जुड़े उत्पादन में अग्रणी है , और भारत चौथे स्थान पर है । सबसे महत्वपूर्ण बात है कि वायु ऊर्जा में निवेश करना यानी जीवाश्म ऊर्जा पर कम खर्च करना होगा।
पवन या वायु का जश्न मनाने के लिए हर साल पंद्रह जून को दुनिया के काफी देश, ग्लोबल विंड डे मनाते हैं और इस उत्सव में विशेष तौर से संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य भाग लेते हैं।
1. इस दिन पवन या वायु ऊर्जा को उपयोग में लेने का संकल्प लिया जाता है।
2. वायु -ऊर्जा के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित किया जाता है।
3. जागरूकता फैलाने के लिए ग्लोबल वायु-ऊर्जा दिवस पर सोशल- मीडिया , अभियान में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाता है।
4. ऐसे संगठन जो पवन ऊर्जा को गंभीरता से लेते हैं और इसके विकास में काम करते हैं, को प्रोत्साहित किया जाता है।
वायु की खुशबू गायब होती गई
धुँए धूल से वह स्याह होती गई
वायु देती ऊर्जा असीमित , मुफ्त
उपयोग करो , न रखो इसे सुप्तडॉ सुनीता फड़नीस
खोने और पाने के भंवर में फंसा गांधी परिवार…