Mobile Syndicate : मोबाइल कारोबारी के घर से 642 मोबाइल फोन बरामद!

आरोपी फरार, पहले भी गिरफ्तार किया, नेपाल में फरारी काट चुका!

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Mobile Syndicate : मोबाइल कारोबारी के घर से 642 मोबाइल फोन बरामद!

   Indore : कुछ दिनों पहले मोबाइल लूट के मामले को ट्रेस करने के दौरान रावजी बाजार पुलिस को बड़ी सफलता मिली। पुलिस मोबाइल लूट की घटना को ट्रेस करते हुए एक आरोपी तक पहुंची और वहां से चोरी और लूट के सैकड़ों मोबाइल बरामद किए। आरोपी अभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा, लेकिन यहां से अलग-अलग कंपनियों के 642 मोबाइल बरामद किए।

पुलिस के पास पिछले दिनों मोबाइल चोरी के मामले में एक शिकायत दर्ज की गई थी। पुलिस ने क्षेत्र में लगे कई सीसीटीवी कैमरे खंगाले और आरोपियों की खोजबीन की। इस खोजबीन के दौरान मिले एक फुटेज के बाद पुलिस ने विक्की, अरुण और कृष्णा नामक युवक को हिरासत में लिया। अरुण ने बताया कि यह मोबाइल उसने एक मोबाइल कारोबारी जितेन वाधवानी को भेज दिया है।

पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए जितेन वासवानी के घर पर दबिश दी, तो उसके वहां से 642 मोबाइल फोन जब्त हुए। यह सभी मोबाइल चोरी और लूटपाट के होने की आशंका है। लेकिन, अभी मुख्य आरोपी फरार चल रहा है, जो इस तरह के मोबाइल खरीदता है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। जितेंद्र वासवानी के पकड़े जाने के बाद मामले का पूरा खुलासा होगा। पुलिस का कहना है कि यह चोरी और लूट के मोबाइल का सिंडिकेट है, जो इस तरह की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह से जुड़कर भारी मात्रा में मोबाइल की हेराफेरी करता है।

जितेंद्र वासवानी को विजय नगर पुलिस ने 3 महीने पहले भी पकड़ा था। तब उसे कोर्ट ने जेल भेज दिया था। लेकिन, पूछताछ में पुलिस कुछ भी उगलवा नहीं सकी और जेल से छूटते ही उसने फिर मोबाइल के सॉफ्टवेयर में हेरफेर का धंधा शुरू कर दिया। पुलिस के मुताबिक वो 5 साल से ज्यादा समय से चोरी के मोबाइल खरीद और बेच रहा है। इस बार पुलिस जॉनी के नेपाल कनेक्शन की भी गहराई से पड़ताल करेगी।

मोबाइल लुटेरो की एक गैंग 2021 में विजय नगर थाना के तत्कालीन टीआई तहजीब काजी ने पकड़ी थी। गैंग ने मुख्य सरगना के रूप में जितेन्द्र वासवानी का नाम लिया। पुलिस ने उसे तलाश लेकिन जितेन्द्र पुलिस को चकमा देता रहा। जेल रोड की दुकान पर भी उसने जाना बंद कर दिया। दो साल तक फरारी काटने के दौरान उस पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया। फरारी के दौरान जॉनी लंबे समय तक नेपाल में रहा।

दो साल बाद अप्रैल 2023 में जितेन्द्र चोरी छिपे जेल रोड पर दुकान पर जाकर बैठा। वह यहां कुछ मोबाइल ठिकाने लगाने आया था। लेकिन पुलिस को मुखबिरों से जैसे ही सूचना मिली, वैसे ही पुलिस ने उसे उठाया और सीधे डीसीपी के सामने पेश कर दिया। तब भी उससे चोरी के 21 मोबाइल बरामद हुए। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। 10 दिन बाद ही जॉनी जमानत पर छूट गया। जेल से छूटते ही जॉनी ने फिर चोरी के मोबाइल में हेरफेर शुरू कर दी।