Lathicharge on NSUI Leaders : प्रदर्शन करने जाते NSUI के नेताओं को पानी की बौछार से रोका, लाठीचार्ज!
Indore : भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) छात्र संगठन के नेताओं ने छात्रों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की। लेकिन, वहां तैनात पुलिस बल ने उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया। जबरदस्ती करने पर वाटर केनन से तितर-बितर कर दिया।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के आरएनटी मार्ग परिसर के बाहर स्टूडेंट्स ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इसमें इंदौर के अलावा आसपास के कई जिलों के स्टूडेंट्स ने भाग लिया। एनएसयूआई के बैनर तले हुए इस विरोध प्रदर्शन में स्टूडेंट्स की भारी संख्या देखते हुए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। सैकड़ो की संख्या में प्रदर्शन करने पहुंचे छात्र कार्यकर्ताओं के आने की जानकारी मिलते ही विश्वविद्यालय पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर गए एनएसयूआई कार्यकर्ता ज्ञापन दिए बगैर ही वहां से खदेड़ दिए गए। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस ने व्यापक इंतजाम करते हुए काफी देर तक छात्र संगठन का इंतजार किया। जैसे ही छात्र संगठन के नेता और कार्यकर्ता विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचे पुलिस ने संगठन को रोकने प्रयास शुरू किए। मधु मिलन चौराहे से विश्वविद्यालय कार्यालय की तरफ बढ़ रहे छात्र संगठन के पदाधिकारी को पहले सड़क पर ही रोका गया। जब छात्र संगठन ने जबरदस्ती मुख्यद्वार तक आने की कोशिश की, तो पुलिस ने मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। पुलिस ने पानी की तेज बौछारों के साथ स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी के गेट से दूर खदेड़ा। कई जगह पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा जिसमें कई स्टूडेंट्स को चोट आई।
पुलिस ने एनएसयूआई अध्यक्ष आशुतोष चौकसे, पंकज प्रजापति, विकास नंदवाना को गिरफ्तार कर लिया है। 50 से अधिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी पुलिस ने की। पूरे मामले को लेकर मौके पर मौजूद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन छात्रों की 11 सूत्री मांगों को लेकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का घेराव करने गया था। पर उनके पहुंचने से पहले ही मौके पर मौजूद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और जवानों ने मोर्चा संभाल लिया।
इसलिए किया गया विरोध
डीएवीवी में चल रही अनियमितताओं को लेकर एनएसयूआई ने यह विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई का कहना है कि रिजल्ट देर से आ रहे हैं, परीक्षाएं अनियमित हो रही हैं और सभी अधिकारी सो रहे हैं। रिजल्ट में गड़बड़ियां हो रही हैं जिससे छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हाल ही में 10 हजार बच्चों को एमबीए की परीक्षा में फेल किया गया। कई विषयों में समय पर एग्जाम नहीं होने के कारण तीन वर्ष का कोर्स पांच वर्ष में पूरा हो रहा है। विश्वविद्यालय एग्जाम टाइम टेबल का सही ढंग से पालन नहीं हो पा रहा है।
शिकायतों का निराकरण नहीं
विश्वविद्यालय में कर्मचारियों के बहुत से पद खाली पड़े हैं जिन्हें खाली रखने से काम प्रभावित हो रहा है। कोर्स पूरा होने के बाद छात्र डिग्री और रिजल्ट की कापी के लिए भटकते रहते हैं। यह दस दिन के अंदर छात्रों को मिलना चाहिए। यूनिवर्सिटी के कई इमारतों की हालत खराब है और बारिश में पानी टपकता है। कई शिकायतों के बाद में भी इसका निराकरण नहीं किया जा रहा है।
बाहर से पढ़ने आ रहे छात्रों के लिए हॉस्टल की उचित व्यवस्था नहीं है। कई छात्रों को शहर में मजबूरी में महंगी जगह लेना पड़ती है। सीईटी की परीक्षा में भी कई बार धांधली और लेटलतीफी के आरोप लगते रहे हैं। इससे छात्र परेशान होकर प्राइवेट कालेजों में महंगी सीट पर एडमिशन लेते हैं।