Cryptocurrency : संसद के अगले सत्र में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंधित होगी 

क्रिप्टो को किसी भी तरह से भुगतान प्रणाली का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा

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New Delhi : क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर रोक के लिए एक बिल संसद में पेश किया जाना तय है। संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session) 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। ‘क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन’ बिल उन 26 बिलों में एक है, जिन्हें संसद में पेश करने के लिए रखा जाने वाला है।

पिछले दिनों संसदीय पैनल में आम सहमति बनी थी, कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इसे विनियमित किया जाना चाहिए लोकसभा के 23 नवम्बर को जारी बुलेटिन-II के मुताबिक इस प्रस्तावित बिल के पीछे दो उद्देश्य है। क्रिप्टो को डिजिटल एसेट के तौर पर परिभाषित किया जाएगा या फिर किसी कमोडिटी के तौर पर, यह भी अभी विचाराधीन है। दुनियाभर में सबसे प्रचलित क्रिप्टो बिटक्वाइन और ईथर है। ट्रेडिंग के साथ इनकी लगातार बढ़ती वैल्यू को लेकर भी निवेशकों का ध्यान इस और गया है।

इस बिल के तहत क्रिप्टो के निवेशक, डीलर, एप डेवलपर, माइनिंग करने वाले समेत सभी संबंधित पक्ष आएंगे। बिल के तहत क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा स्पष्ट होगी। यानी क्रिप्टो के दायरे में क्या होगा और क्या नहीं! इससे इसमें स्पष्टता आएगी। क्रिप्टो पर टैक्स और नियम-नियंत्रण संबंधी को लेकर भ्रम भी दूर होगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी का वैधानिक दायरा तय होने से बाजार में स्थिरता आएगी और निवेशकों के हितों की भी सुरक्षा हो सकेगी। सरकार और रिजर्व बैंक ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे क्रिप्टो को किसी भी तरह से भुगतान प्रणाली का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा। किसी भी तरह के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता नहीं होगी।

इस बिल में कुछ exceptions को छोड़कर सभी तरह के प्राइवेट cryptocurrencies पर भारत में प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव शामिल है। कुछ Exceptions का भी प्रावधान है जिससे क्रिप्टोकररेंसी से जुड़ी टेक्नोलॉजी और उसके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही, इस बिल में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी होने वाले ,ऑफिसियल डिजिटल करेंसी के लिए एक Facilitative फ्रेमवर्क तैयार करने का भी प्रावधान है।

 निवेशकों के पैसे की सुरक्षा और निवेश क्षमता और जोखिमों के बारे में मीडिया में भ्रामक विज्ञापन लंबे समय से चिंता का विषय रहे हैं। डिजिटल मुद्राओं के नियमन पर चर्चा करने के लिए सरकार ने सभी हितधारकों के साथ कई बैठकें की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर विभिन्न मंत्रालयों और RBI के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 17 नवंबर को क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता जताते हुए कहा था कि इस तरह की आभासी मुद्राओं से देश की आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता को लेकर कई गहरी चिंताएं जुड़ी हुई हैं. दास का यह बयान क्रिप्टोकरेंसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के चंद दिनों बाद आया था। उस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों को लेकर गहरी चिंता जताई गई थी।