Preparation for Funeral in MY Campus : इलाज में लापरवाही से मृत बच्चे की MY अस्पताल में चिता सजाई!
Indore : एमवाय हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कथित लापरवाही के चलते गुरुवार को 16 साल के पीयूष मुकेश कश्यप की मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों ने विरोध करते हुए एमवाय अस्पताल के परिसर में ही उसकी चिता सजाई। लेकिन, संयोगितागंज पुलिस ने मौके पर पहुंचकर चिता का सामान, लकड़ी और कंडे ऑटो रिक्शा में भरकर वहां से हटा दिए।
गुरुवार को एमवाय हॉस्पिटल के डॉक्टरों की लापरवाही के चलते 16 साल के पीयूष कश्यप की कान के ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के बाद वो ठीक था, फिर उसे एक इंजेक्शन लगाया गया जिससे 5 मिनट बाद ही उसका शरीर हरा हो गया और उसकी मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि इंजेक्शन लगाने वाली नर्स ने लापरवाही की, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। गुरुवार को भी परिवार ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया था और लाश नहीं ले जाने पर अड़े थे।
छात्र पीयूष कश्यप (16) पढ़ने में होनहार था और 10वीं में 87% अंक से पास हुआ था। अभी वह 11वीं में था। कान में फुंसी होने के कारण एमवाय अस्पताल में 18 अगस्त को एडमिट किया था। ऑपरेशन के लिए गुरुवार सुबह 9 बजे ऑपरेशन थिएटर में ले गए। 11 बजे बाहर लाए, तब ऑपरेशन के 2 घंटे बाद तक ठीक था। परिजनों ने बताया कि हमसे बातचीत की और जूस भी पिया। लेकिन, नर्स के इंजेक्शन लगाने के बाद अचानक अंगों ने काम बंद कर दिया। मौके पर मौजूद कुछ डॉक्टरों से नर्स बातचीत कर रही थी, सभी काफी घबराए हुए नजर आ रहे थे।
पीयूष की तबीयत के बारे में पूछने पर कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था। सभी जल्द ठीक होने का दावा कर रहे थे, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। हमें वहीं के स्टाफ ने बताया कि उसे गलत इंजेक्शन से रिएक्शन हुआ था। संयोगितागंज थाना टीआई विजय तिवारी ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा, जो भी जिम्मेदार होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
शुक्रवार को हुए हंगामे पर पुलिस ने कहा कि आज सुबह परिवार के लोग और कुछ सामाजिक नेता परिसर में अंतिम संस्कार के लिए कंडे आदि लेकर आए। सामान जमा दिया था, अर्थी सजा दी थी जिसे हटवाकर उन्हें समझाइश दी गई। परिजन काफी देर तक एमवाय प्रशासन से मिलने का इंतजार कर रहे, लेकिन किसी से मुलाकात नहीं हो सकी। हॉस्पिटल चौकी में मर्ग कायम कर जब पोस्टमॉर्टम के लिए शव को ले जाने लगे, तो परिजनों इंकार कर दिया। लेकिन, बाद में वे एमवाय में ही पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हुए।