पत्नी ने पति को राखी बांधकर की थी रक्षाबंधन की शुरूआत, क्या आप जानते है?
भविष्य पुराण १८ प्रमुख पुराणों में से एक है। विषय-वस्तु एवं वर्णन-शैली की दृष्टि से यह एक विशेष ग्रंथ है। इसमें धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेकों आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष एवं आयुर्वेद के विषयों का संग्रह है। इसके अतिरिक्त इसमें नित्यकर्म, संस्कार, सामुद्रिक लक्षण, शान्ति तथा पौष्टिक कर्म आराधना और अनेक व्रतों का भी विस्तृत वर्णन
रक्षाबंधन का त्योहार आमतौर पर भाई-बहनों का त्योहार माना जाता है। इस दिन बहनें भाई की कलाईयों में राखी बांधकर उन्हें लंबी उम्र की दुआ देती हैं, लेकिन रक्षाबंधन का एक बड़ा रहस्य यह है कि इस त्योहार की शुरुआत भाई-बहन ने नहीं, बल्कि एक पति पत्नी से शुरू किया गया था। इसके बाद से संसार में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाने लगा। इस संदर्भ में जो कथा है उसका उल्लेख भविष्य पुराण में मिलता है।रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2022) के त्योहार की शुरूआत में पहली बार एक पत्नी ने अपने पति को राखी बांधी थी, जिसके बाद रक्षा का ये बंधन और भी पक्का हो गया और इस त्योहार को मनाया जाने लगा। पत्नी द्वारा पति को राखी बांधे जाने की कहानी का जिक्र भविष्य पुराण में है।
भविष्य पुराण के अनुसार एक बार दानवों ने देवताओं पर आक्रमण कर दिया। देवताओं की सेना दानवों से पराजित होने लगी। देवराज इंद्र की पत्नी देवताओं की लगातार हो रही हार से घबरा गयी और इंद्र के प्राणों रक्षा के उपाय सोचने लगी।काफी सोच-विचार करने के बाद इन्द्र की पत्नी शचि ने तप करना शुरू किया। इससे एक रक्षासूत्र प्राप्त हुआ। शचि ने इस रक्षासूत्र को इंद्र की कलाई पर बांध दिया।
इससे देवताओं की शक्ति बढ़ गयी और दानवों पर विजय पाने में सफल हुए।दरअसल आप जिसकी भी रक्षा एवं उन्नति की इच्छा रखते हैं उसे रक्षा सूत्र यानी राखी बांध सकते हैं। इसलिए पुरोहित लोग आशीर्वादवाचन के साथ अपने यजमान की कलाई में राखी बांधा करते हैं।