Gang of Thieves : चोरी करने वाली गैंग का मकसद अवैध हथियार सप्लाय करना!   

इस गैंग ने दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा तक हथियार बेचे!

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Gang of Thieves : चोरी करने वाली गैंग का मकसद अवैध हथियार सप्लाय करना!   

Indore : शहर में दो दिन पहले पकड़ी गई अवैध हथियार तस्करों की गैंग का चोरी करने का मकसद उससे माल से हथियार खरीदकर सप्लाय करना है। ये लोग चोरी ही इसलिए करते थे। खालिस्तानी आतंकवादियों और गैंगस्टर को हथियार सप्लाय करने वाले तस्कर राजेंद्र बरनाला और उसके साथियों से एटीएस ने पूछताछ की।

अन्नपूर्णा पुलिस को आरोपियों ने बताया कि उन्होंने शहर में करीब 15 जगह चोरी की वारदात की। इसमे तीन जगह से वे चोरी करके माल ले गए। तीनों चोरियों के स्थान पर आरोपियों को टीम लेकर गई और उनसे माफी मंगवाई। उन्होंने कबूल किया कि चोरी का माल सेंधवा में एक को बेचा है। एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि गैंग के सरगना राजेंद्र सिंह बरनाला के साथ साथी बादल बरनाला, राजेश उर्फ राजू, सिद्धार्थ उर्फ बंटी, और बलवान 28 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर हैं।

राजेंद्र बरनाला का साला उन्हें शहर के सूने बंगलों की लोकेशन देता था। इसके बाद ये लोग कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर वारदात करने जाते थे। टीआई संजू कामले ने बताया आरोपी शातिर सिकलीगर हैं। राजेंद्र बरनाला का साला बलवान जुनेजा, जो द्वारकापुरी में रहता है, वही इन्हें इंदौर में सूने बंगलों की रैकी कर वारदात के लिए टिप देता था। लोकल इनपुट मिलते ही ये कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर रात में वारदात के लिए आ जाते थे।

हरियाणा, राजस्थान तक कड़ियां जुड़ी 

आरोपियों से बड़वानी, धार, झाबुआ व सेंधवा के कुछ बड़े सिकलीगरों की जानकारी मिली है। ये सिकलीगर पंजाब और हरियाणा व राजस्थान तक नेटवर्क खड़ा कर चुके हैं। एडिशनल डीसीपी विश्वकर्मा ने बताया कि आरोपियों से काफी मात्रा में फायर आर्म्स मिलने की उम्मीद है। इसलिए इनके ग्राउंड जीरो तक के पूरे नेटवर्क का पता लगा रहे हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी सूचना दी है।

राऊ, राजेंद्र नगर, कनाड़िया में चोरी

इन्होंने राऊ, राजेंद्र नगर और कनाड़िया में चोरी करना कबूला है। आरोपियों ने बताया कि 50 हजार रुपए का माल चोरी में हाथ लग जाता तो ये उससे अवैध पिस्टल व हथियार बनाकर उसे 5 लाख रुपए तक में बेच देते थे। हथियार बनाने के लिए ही ये गैंग चोरी करती है। आरोपियों को पकड़ने वाली टीम में एसआई देवेंद्र मिश्रा और साइबर सेल के आशीष भी शामिल रहे।