IAS Complained on Harassment : प्रताड़ना से परेशान IAS अधिकारी ने LG और CS के खिलाफ मोर्चा खोला!
NCSC को की गई शिकायत में अपने साथ हुए उत्पीड़न खुलासा किया!
Srinagar : केंद्र शासित प्रदेश के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक कुमार परमार (IAS : 1992 बैच : एजीएमयूटी) ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता (IAS : 1988 बैच) के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) का दरवाजा खटखटाया। उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर में उन्हें उत्पीड़न और अपमान का सामना करना पड़ा। उन्हें बेवजह प्रताड़ित कर तबादले किए जा रहे हैं।
परमार ने जम्मू-कश्मीर में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में हुई अनियमितताओं को उजागर किया था। उन्होंने NCSC के अध्यक्ष को की गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति होने के कारण उनका बार-बार तबादला किया जा रहा था। इस कारण उन्होंने इसमें गड़बड़ी को उजागर किया। जम्मू-कश्मीर में उन्हें जल शक्ति विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में 4 मई, 2022 को नियुक्त किया गया था।
फ़िलहाल परमार ब्यूरो ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष के रूप में तैनात हैं। उन्होंने 17 अगस्त को अपनी विस्तृत शिकायत में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता पर उत्पीड़न, अपमान, धमकी, अत्याचार पूर्ण व्यवहार और अनुसूचित जाति का होने के कारण लगातार तबादले किए जाने का आरोप लगाया। यही कारण है कि मज़बूरी में परमार ने जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में हुई गड़बड़ी पर प्रकाश डाला।
इस आईएएस अधिकारी ने खुलासा किया कि उपराज्यपाल ने 6 जून, 2022 को उन्हें बिना किसी गलती के परेशान करने और अपमानित करने के उद्देश्य से बैठक कक्ष से बाहर निकाल दिया था। यह जम्मू-कश्मीर के सभी प्रशासनिक सचिवों के सामने किया गया। उन्होंने मुख्य सचिव पर भी 25 जुलाई 2023 को सचिव समिति की बैठक में बिना किसी गलती के अपमानित करने और बैठक से बाहर निकालने का भी आरोप लगाया। शिकायत में कहा गया कि भारत सरकार की तबादला नीति का उल्लंघन करते हुए उनके बार-बार तबादले किए गए।