Dastak Campaign : इंदौर का प्रदर्शन ‘दस्तक अभियान’ में बेहद ख़राब, आज अंतिम दिन!
Indore : दस्तक अभियान में अच्छा प्रदर्शन करने के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के दावे उस समय धराशायी हो गए, जब अभियान की कवरेज के मामले में इंदौर राज्य के सभी जिलों में अंतिम स्थान पर रहा। भोपाल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी हाल ही में हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य के लिए चलाए गए अभियान में इंदौर के प्रदर्शन पर नाराजगी व्यक्त की।
समीक्षा बैठक के दौरान पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक इंदौर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों की तालिका में आखिरी स्थान पर है। 18 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलने वाले ‘दस्तक अभियान’ के तहत, स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में होने वाली सामान्य बीमारियों की पहचान कर रहे हैं। उनके प्रबंधन और उपचार के लिए तत्काल सहायता प्रदान कर रहे हैं। टीमों को बचपन की असामान्यताओं, बच्चों में कुपोषण और नवजात शिशुओं के पोषण के बारे में निवासियों के बीच जागरूकता फैलाने की भी जिम्मेदारी है। विभाग का इंदौर जिले में 4.35 लाख बच्चों को शामिल करने का लक्ष्य है।
शहरी क्षेत्रों में सर्वाधिक जनसंख्या
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ तरुण गुप्ता के मुताबिक इंदौर जैसे बड़े जिलों में आबादी ज्यादातर शहरी इलाकों में है। अभियान में पिछड़ने वाले जिले वे हैं जिनकी आबादी 20 लाख से अधिक है। इंदौर में अधिकांश आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है, जबकि हमारी आबादी भी अन्य जिलों की तुलना में अधिक है। हम अधिकतम संख्या में बच्चों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। जितनी जल्दी हो सके इस अंतर को पाटने का प्रयास करेंगे। डेटा को पोर्टल पर भी अपडेट किया जाएगा। क्योंकि, पिछले कुछ दिनों में अधिक बच्चों को कवर किया जा रहा है।