साफ सफाई और स्वच्छ हवा में देश में अव्वल इंदौर को मिल रहा शुद्धता और गुणवत्ता में नम्बर वन पेयजल

इंदौर की नर्मदा वाटर टेस्टिंग लैब को मिली NABL की मान्यता

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साफ सफाई और स्वच्छ हवा में देश में अव्वल इंदौर को मिल रहा शुद्धता और गुणवत्ता में नम्बर वन पेयजल

प्रदीप मिश्रा की रिपोर्ट

इंदौर। नर्मदा पेयजल की शुद्धता और गुणवत्ता जांचने वाली मूसा खेड़ी स्थित नर्मदा पेयजल टेस्टिंग लैब को विज्ञान और प्रोद्योगिकी विभाग की सर्वोच्च एजेंसी एनएबीएल के प्रमाणीकरण की मान्यता मिल गई है। नगरनिगम का दावा है कि साफ सफाई और स्वच्छ हवा के मामले में नम्बर वन इंदौर शहर एनएबीएल द्वारा प्रमाणित लैब में परखा ,एक नम्बर की गुणवत्ता और शुद्धता वाला पानी पी रहा है।

नगरनिगम ने खुद आगे रह कर मूसाखेड़ी की नर्मदा पेयजल की टेस्टिंग करने वाली लैब को राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ प्रयोगशाला प्रमाणित कराने की पहल की थी । इसके बाद एनएबीएल यानी नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोलेट्रीज मतलब राष्ट्रीय परीक्षण अंश शोधन प्रमाणीकरण बोर्ड ने पेयजल की गुणवत्ता और शुद्धता जांचने वाली मूसा खेड़ी की वाटर टेस्टिंग लैब को राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी के मापदंडों पर परखने के बाद लैब को सर्वोत्तम लैब की मान्यता दे दी है।

इतने मापदंडों पर परखा जाता है पेयजल

मूसाखेड़ी स्थित वाटर टेस्टिंग लैब में नर्मदा पेयजल को ल 12 से ज्यादा मापदंडों पर परखा जाता है। पानी का कलर यानी रंग, गंध, मटमैलापन, पीएच लेवल यानी पावर ऑफ हाईड्रोजन, टीडीएस मतलब कौन कौन से मिनरल, पानी की हार्डनेस कठोरता मृदुलता, क्लोरीन की मात्रा, केल्शियम मेग्नीशयम बाई कार्बोनेट क्लोराइड सल्फेट, अमोनिया आयरन फ्लोराइड, अम्लीय क्षारीय तत्वों की मौजूदगी का प्रतिशत, यह सब लैब में परखा जाता है।

क्या है NABL

एनएबीएल यानी, नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोलेट्रीज मतलब राष्ट्रीय परीक्षण अंश शोधन प्रमाणीकरण बोर्ड भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से सम्बंधित एक जांच एजेंसी है। यह एजेंसी देश की प्रयोगशालाओं यानी लेबोलेट्रीज की वैज्ञानिक गुणवत्ता तकनीकी क्षमता का आंकलन मूल्यांकन करते हुए उसका सम्पूर्ण परीक्षण कर प्रमाणीकरण करती है यानी मान्यता देती है।

कोई भी पानी की जांच करवा सकता है

नर्मदा प्रोजेक्ट के माध्यम से 1981 में नर्मदा पेयजल की जांच के लिए 1981 में वाटर टेस्टिंग लैब बनाई गई थी। यहाँ पर जलूद से आने वाले नर्मदा के पानी की जांच की जाती है। यहाँ इस लैब में कोई भी शहरवासी पानी की जांच करवा सकता है। इसी लैब के एनबीएल से प्रमाणीकरण के लिए नगरनिगम पीएचई ने पहल की थी। यह लैब एनएबीएल की सभी कसौटियों पर खरी उतरी है।