निर्माण कार्य की अवधि बढ़ने पर टेंडर की कीमत बढ़ा सकेंगे नगरीय निकाय

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निर्माण कार्य की अवधि बढ़ने पर टेंडर की कीमत बढ़ा सकेंगे नगरीय निकाय

भोपाल: प्रदेश के नगरीय निकायों में अब पचास करोड़ रुपए से अधिक के टेंडर कीमत बढ़ने, जमीन वितरण में देरी, कानूनी विवाद के कारण काम की अवधि बढ़ने पर बढ़ी हुई लागत के हिसाब से टेंडर कीमत बढ़ा सकेंगे। टेंडर की कीमत फिक्स रहने के कारण अब ये काम नहीं अटकेंगे। नगरीय प्रशासन विभाग ने अमृत मिशन सहित जलप्रदाय और वाटर बॉडी रिजुविनेशन के कार्य के लिए निविदाओं में मूल्य समायोजन का प्रावधान कर दिया है।

प्रदेश के सभी बड़े नगरीय निकायों को इसका लाभ मिलेगा। अभी तक अमृत मिशन में मूल्य समायोजन का प्रावधान नहीं होंने से कानूनी विवाद, जमीन समय पर नहीं मिलने और अन्य कारणों से देरी होंने पर ठेके की लागत बढ़ जाती थी और खर्च नहीं निकलने पर ठेकेदार काम पूरा नहीं करते थे। अब नगरीय प्रशासन विभाग ने निर्णय लिया है कि पचास करोड़ से अधिक की राशि वाली निविदाओं के लिए मूल्य समायोजन लागू होगा। इसके कारण आने वाले वित्तीय भार को निकाय वहन करेगा। जिला समिति और राज्य स्तरीय तकनीकी समिति के परीक्षण के बाद इसकी अनुमति दी जाएगी।

राज्य तकनीकी समिति की अनुशंसा की क्रम में वाटर बॉडी रिजुविनेशन कार्यो में यदि किसी गंदे पानी को किसी टेक्नोलॉजी के उपयोग से शुद्धिकरण किया जाना है तो ऐसे कामों को छोड़कर शेष कामों में हरित क्षेत्रों के विकास के काम में दो करोड़ रुपए तक के कामों के लिए प्री क्वालीफिकेशन की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया है। जलप्रदाय योजना के लिए लगभग आधारित जारी मानक निविदा प्रपत्रके स्पेशिफिकेशन में सप्लाई, लेर्इंग और ज्वाइंटिंग आॅफ डीआई पाइपस में भी संशोधन कर दिया है।