सूखी फसलें लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे आदिवासी, किया घेराव, बड़वानी जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग

बड़वानी सूखी फसलें लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे आदिवासी, जिले को सूखाग्रस्त करने की मांग, मुख्य गेट पर धरने के दौरान पानी तक की व्यवस्था नहीं होने पर परिसर में प्रवेश किया, एसडीएम को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

754

सूखी फसलें लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे आदिवासी, किया घेराव, बड़वानी जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग

बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट 

बड़वानी। जागृत आदिवासी दलित संगठन के नेतृत्व में सैकड़ों आदिवासी किसानों ने सोमवार कलेक्ट्रेट का घेराव किया।

इस दौरान किसान अल्प बारिश से सूखी फसलें हाथों में लेकर पहुंचे। कलेक्ट्रेट गेट बंद करने पर ग्रामीणजन वहीं धरने पर बैठ गए। इस दौरान करीब दो घंटे तक धरने के दौरान पानी तक की उपलब्धता नहीं होने पर उनके सब्र का बांध टूट पड़ा। इसके बाद पानी के लिए ग्रामीणों ने रोष जताया। तब जाकर गेट खोले गए।

संगठन के नेतृत्व में आदिवासी महिला पुरुषों ने फसल नष्ट होने और मुआवजे की मांग को इंद्रजीत छात्रावास से रैली निकाली और नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया।

WhatsApp Image 2023 09 11 at 19.15.16 1

आदिवासी किसानों ने कहा कि इस सूखे की घड़ी में सरकार ने बिजली वितरण को क्यों कम किया है। 24 घंटे बिजली के बजाए केवल 7 घंटा ही बिजली हम किसानों को मिल रही हैं। जब उद्योगों और कंपनियों को बिजली की पर्याप्त आपूर्ति हो रही हैं तो देश के किसान को क्यों नहीं।

रोजगार गारंटी में 100 दिन काम मिलने की सीमा को 240 दिन तक बढ़ाने की मांग के साथ दैनिक मजदूरी दर 221 से 600 रुपए करने की मांग की गई। मनरेगा को खत्म करने के लिए अपनाए जा रहे तरह तरह के हथकंडों जैसे ऑनलाइन हाजरी और बजट कटौती के प्रावधानों का जोरदार विरोध किया गया। वन अधिकार कानून लागू होने के 16 साल बाद भी आज बड़वानी में 16000 दावों में से केवल 3352 दावों का निराकरण हुआ है।लाखों आदिवासी आज भी अपने वनाधिकार से वंचित हैं।