देश के प्रमुख साधु-संतों की उपस्थिति में आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची एकात्मकता की मूर्ति का अनावरण 18 सितम्बर को

प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की विशेष उपस्थिति में होगा,वैदिक रीति से हवन-पूजन सहित होंगे अन्य कार्यक्रम

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देश के प्रमुख साधु-संतों की उपस्थिति में आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची एकात्मकता की मूर्ति का अनावरण 18 सितम्बर को

इंदौर:
इंदौर संभाग के ओंकारेश्वर में एकात्म धाम के अंतर्गत आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची बहुधातु प्रतिमा का अनावरण वैदिक रीति के साथ देश के प्रमुख साधु-संतों की उपस्थिति में 18 सितम्बर को किया जायेगा। प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की विशेष उपस्थिति में होगा। प्रतिमा के अनावरण के साथ ही यज्ञ, हवन, पूजन, पारायण, संत समागम, विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा। कार्यक्रम की आयोजन के लिये व्यापक तैयारियां प्रारंभ हो गई है।
11 से 19 सितम्बर तक प्रतिदिन प्रस्थानत्रय भाष्य पारायण, 15 से 19 सितम्बर तक देश के विख्यात साधु-संतों द्वारा वैदिक रीति के पूजन तथा 21 कुण्डीय हवन किया जायेगा। उक्त दोनों कार्यक्रम मान्धाता पर्वत पर सुबह 9 बजे शुरू होकर शाम 7 बजे तक चलेंगे। 18 सितम्बर को मान्धाता पर्वत पर सुबह साढ़े 10 बजे दोपहर साढ़े 12 बजे तक आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची एकात्मता की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम होगा। अनावरण का मुख्य कार्यक्रम 18 सितम्बर को सुबह साढ़े 10 बजे से प्रारंभ होगा। देश के प्रमुख साधु-संतों के आगमन का सिलसिला सुबह साढ़े 10 बजे प्रारंभ होकर 11 बजे तक रहेगा। इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान संतगणों का स्वागत-सत्कार एवं अभिवादन करेंगे।
केरल की परम्परा का होगा अनुसरण
संतों का स्वागत केरल की पारम्परिक पद्धति के अनुसार होगा। मुख्यमंत्री जी वैदिक यज्ञ अनुष्ठान में आहुति भी देंगे। अनावरण कार्यक्रम में देशभर के शैव परम्परा के नृत्यों की प्रस्तुतियां भी होगी। वेदोच्चार तथा शंखनाद भी कार्यक्रम में होंगे। मुख्यमंत्री जी द्वारा पंचायतन पूजा की जायेगी।
चरणों में जाकर मुख्यमंत्री देंगे पुष्पांजली
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आचार्य शंकर की एकात्मता की मूर्ति के चरणों में पुष्पाजंलि अपर्ति करेंगे तथा भोजन प्रसादी के कार्यक्रम शामिल होंगे। भोजन प्रसादी स्थल को अन्नपूर्णा नाम दिया गया है।
सिद्धवटकूट में संत समागम
इसी दिन दोपहर 2 बजे से शाम को 6 बजे तक संत समागम होगा। यह कार्यक्रम सिद्धवरकूट पर आयोजित किया गया है। इस समागम में देश के प्रख्यात लगभग तीन हजार साधु-संत-संन्यासी तथा एक हजार विद्वतजन शामिल होंगे। आगामी 19 सितम्बर को शाम 6 बजे पारायण की पूर्णता तथा हवन की पूर्णाहुति होगी।
शंकर संगीत से गुंजित होगा पर्वतखंड
18 सितम्बर को शंकर संगीत की प्रस्तुति के साथ ही दोपहर दो बजे से दोपहर 2:25 बजे तक शिवोहम आचार्य शंकर के स्त्रोतों पर एकाग्र समवेत नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी। दोपहर 2:25 बजे से शाम 5 बजे तक संत विमर्श का कार्यक्रम ब्रह्मोत्सव होगा। शाम 5 बजे से 5:10 बजे तक पुन: शंकर संगीत की प्रस्तुति होगी तथा शाम 5:10 बजे से शाम 6 बजे तक संत विमर्श का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उक्त कार्यक्रमों में देश के प्रमुख साधु-संतों के साथ ही सभी पीठों के शंकराचार्यों को भी आमंत्रित किया गया है।
कार्यक्रम में होंगी प्रासंगिक प्रस्तुतियां
संभागायुक्त इंदौर श्री मालसिंह ने बताया है कि इन आयोजनों की व्यापक तैयारियां जारी है। साधु-संतों, विद्वतजनों और अन्य अतिथियों के आवास, भोजन, परिवहन आदि के लिये भी इंतजाम किये जा रहे है। इंदौर और खंडवा के रेल्वे स्टेशनों तथा इंदौर एयरपोर्ट पर अतिथियों के स्वागत सत्कार के लिये सूचना केन्द्र बनाये जा रहे है। ओंकारेश्वर को विशेष रूप से सजाया और संवारा जा रहा है। आयोजन के दौरान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पर भी फूलों तथा आदि से विशेष साज-सज्जा की जायेगी। मान्धाता पर्वत पर अंकित “ऊँ” पर 20 सितम्बर तक प्रतिदिन काकड़ादीप प्रज्जवलित किये जायेंगे।
ओंकारेश्वर, खंडवा और इंदौर में कंट्रोल रूम भी बनाये जायेंगे। आयोजन के दौरान भोजन और पेयजल की व्यवस्था दोना, पत्तल, कुल्लड़ आदि में भारतीय पद्धति से आयोजन कि दौरान रहेगी। भोजन भी पूर्ण रूप से शुद्ध और सात्विक होगा। ओंकारेश्वर में पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। आयोजन के दौरान इंदौर से ओंकारेश्वर तथा खंडवा से ओंकारेश्वर आने-जाने के लिये यातायात की भी विशेष व्यवस्था की जा रही है। अनावरण कार्यक्रम का प्रसारण ओंकारेश्वर  में जगह-जगह एलईडी के माध्यम से किया जायेगा। समूचे आयोजन में प्रासंगिक प्रस्तुतियां का समावेश होगा।