राजस्थान में पेट्रोल डीज़ल पर वेट कम करने की माँग पर आज से पेट्रोल पंप मालिकों और डीलर्स की हड़ताल 

पेट्रोल पम्पों पर पेट्रोल डीज़ल नही मिलने से आम उपभोक्ताओं को भारी परेशानी

राजस्थान में पेट्रोल डीज़ल पर वेट कम करने की माँग पर आज से पेट्रोल पंप मालिकों और डीलर्स की हड़ताल 

राज्य सरकार को होंगा हर दिन करीब 44 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान 

 

गोपेंद्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट 

 

राजस्थान में पेट्रोल डीज़ल पर वेट कम करने के मामले को लेकर आज शुक्रवार से पेट्रोल पंप मालिकों और डीलर्स की हड़ताल से प्रदेश के लगभग 6712 पेट्रोल पंप पूरी तरह से बंद रहेंगे। इसकी वजह से उपभोक्ताओं को राज्य में पेट्रोल डीज़ल नही मिलेगा तथा रोजाना लगभग 15,231 किलो लीटर डीजल और 68,859 किलो लीटर पेट्रोल की कुल बिक्री प्रभावित होगी। इससे राज्य सरकार को भी हर दिन करीब 44 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा।

 

पेट्रोल पंप बंद रहने से प्रदेश में आम उपभोक्ताओं को भारी परेशानी हो रही है। राज्य सरकार की ओर से पेट्रोल डीज़ल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से वार्ता की गई लेकिन इसके कोई परिणाम नहीं निकले। इसके बाद डीलर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजेंद्र भाटी ने बैठक बुलाकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी।

 

हड़ताल से पहले डीलर एसोसिएशन ने राज्य सरकार को चैतावनी देने के लिए दो दिनों तक सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक सांकेतिक हड़ताल भी की थी लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस मामले में पहले केंद्र सरकार उचित निर्णय लेना चाहिए ।

 

राजस्थान सरकार के गृह विभाग ने एक आदेश जारी कर प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बताया गया है कि प्रदेश भर में और जयपुर के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई जारी रहेगी।

 

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के पेट्रोल डीजल पंप मालिक वेट घटा कर पंजाब जितना वेट करने की मांग कर रहे हैं। मौजूदा समय में पंजाब और राजस्थान में पेट्रोल के दाम में ₹11. 52  का अंतर है और डीजल के दाम में ₹ 6.43 का अंतर है ।

प्रदेश में प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रही भारतीय जनता पार्टी भी इस मामले को कई बार तूल दे चुकी है और इसे

चुनावी मुद्दा भी बना रही है।

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गोपेंद्र नाथ भट्ट
गोपेंद्र नाथ भट्ट

गोपेंद्र नाथ भट्ट सम-सामयिक विषयों के लेखक और सूचना एवं जनसंपर्क के क्षेत्र में एक जाने पहचाने नाम और लेखनी के सशक्त हस्ताक्षर है ।

भट्ट राजस्थान के कई मुख्य मंत्रियों जिसमें पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत, वर्तमान मुख्य मंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे और दिवंगत मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी सहित प्रदेश के दस-ग्यारह मुख्यमंत्रियों के पीआरओ और प्रेस अटेची रहे है ।भट्ट के देश-विदेश और प्रदेश के सभी जाने माने पत्रकारों और अन्य सभी मीडिया जनों से हमेशा अत्यन्त मधुर सम्बन्ध रहें है।अपनी कार्य कुशलता और व्यवहार से भट्ट ने एक श्रेष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी के रूप में अपनी छाप छोड़ी । उन्हें पत्रकारिता और जनसम्पर्क के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कई प्रतिष्ठित अवार्ड भी मिलें हैं।

भट्ट ने सरकारी सेवा से निवृत होने के बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय के सीनियर मीडिया कसलटेंट के रूप में अपनी सेवाएं दी। साथ ही वे भारतीय उद्यमिता संस्थान,अहमदाबाद के अधिशासी अधिकारी भी रहें। वर्तमान में भट्ट कई जाने माने प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक संस्थानों के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी की कई सामाजिक-सांस्कृतिक एवं समाजसेवी और प्रवासियों से संबद्ध संस्थाओं से भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए है ।

भट्ट सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, राजस्थान के वरिष्ठतम अधिकारी रहे है तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों और संभाग में सेवाएं देने के साथ ही एक मात्र ऐसे अधिकारी रहे है जिन्होंने लगातार 25 वर्षों तक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भिन्न-भिन्न दलों की सरकारों के मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया । साथ ही पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल सहित कई राज्यपालों और देश प्रदेश के अनेक लब्ध-प्रतिष्ठित प्रशासनिक अधिकारियों को भी अपनी सेवाएं दी।

दिल्ली पद स्थापन के दौरान भट्ट राजस्थान संवाद के अधिशासी निदेशक भी रहें।इसके अलावा वे दिल्ली में राज्यों के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारियों की संस्था “सिप्रा” के दो बार निर्विरोध अध्यक्ष और पब्लिक रिलेशंस सोसायटी ओफ़ इंडिया (पीआरएसआई ) के विभिन्न पदों पर भी रहे।

भट्ट का जन्म और शिक्षा दीक्षा दक्षिणी राजस्थान के ऐतिहासिक नगर डूंगरपुर में हुई । उनके पिता भट्ट कांतिनाथ शर्मा बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय से स्नातक और संस्कृत,हिन्दी और अंग्रेज़ी के प्रकाण्ड विद्वान थे। वे देश के प्रथम गवर्नर जनरल चक्रवती राजाजी राज गोपालाचारी के सहयोगी एवं भाषण अनुवादक रहने के अलावा राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डूंगरपुर महारावल लक्ष्मण सिंह के जीवन पर्यन्त राजनीतिक सचिव रहें । साथ ही तत्कानीन स्वतंत्र पार्टी की राजस्थान प्रदेश इकाई के महामंत्री तथा जयपुर की महारानी गायत्री देवी के राजनैतिक गुरु भी रहें । उन्हें गायत्री देवी को राजनीति में लाने का श्रेय भी मिला ।भट्ट अंतर राष्ट्रीय न्यायालय हेग के अध्यक्ष डॉ नागेन्द्र सिंह के विश्वस्त सहयोगी और भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राजसिंह डूंगरपर और उनके सभी भाई बहनों के प्रारम्भिक शिक्षक भी रहें।उन्हें राज परिवार के सदस्य स्नेहपूर्वक मास्टर साहब पुकारते थे।