Hindi Diwas : हिंदी भाषाओं की महारानी, इससे मिलते हैं संस्कार और सम्मान! 

कमलेश पाठक ने आकाशवाणी मुंबई में अपने विचार व्यक्त किए!

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Hindi Diwas : हिंदी भाषाओं की महारानी, इससे मिलते हैं संस्कार और सम्मान! 

Mumbai : आकाशवाणी मेरा आत्मीय ठिकाना है। उम्र के चार दशक मैंने इसी संस्थान में गुजारे हैं। इस संस्थान ने जीवन के कठोर और दुर्गम क्षणों में मुझे संभाला है। आज हिंदी दिवस जैसे पवित्र दिन मुझे मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाकर हिंदी के प्रति मेरी आस्था को मजबूत किया है।

हिंदी भारतीय भाषाओं की महारानी है। वह हमें संस्कार भी देती है,सम्मान भी। ‘यह विचार वरिष्ठ कवयित्री व पूर्व कार्यक्रम अधिकारी (विविध भारती) कमलेश पाठक ने केंद्रीय विक्रय एकांश में हिंदी दिवस पर आयोजित समारोह में व्यक्त किये।

केंद्रीय विक्रय एकांश के निदेशक रविंद्र खासनीस ने हिंदी के महत्व व पुरस्कारों से उत्साह वर्धन की महत्ता पर अपने विचार रखे। मुश्तीक मुजावर व सुमित श्रीबाद ने मंत्री के संदेश का वाचन किया। अंत में कमलेश पाठक ने अपने ताजा कविता संग्रह ‘किताबें नदी होती हैं’ से हिंदी दिवस से संबंधित कविताओं का पाठ किया। ‘स्वागत भाषण , संचालन और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी संजीवन पारटकर ने किया।