कम्प्यूटर  ऑपरेटर और प्राइवेट इंजीनियर घर से चला रहे थे सरकारी दफ्तर,बड़े घोटाले की आशंका,कलेक्टर ने बनाया जांच दल

छापे में मिले मेजरमेंट बुक और मस्टर रोल

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घोटाले

कम्प्यूटर  ऑपरेटर और प्राइवेट इंजीनियर घर से चला रहे थे सरकारी दफ्तर,बड़े घोटाले की आशंका,कलेक्टर ने बनाया जांच दल

भोपाल: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के ग्राम बड़ोदा में एक प्राइवेट इंजीनियर और आॅनलाईन सेवा प्रदाता कम्प्यूटर आॅपरेटर अपने घर और दुकानों से सरकारी दफ्तरों का काम संचालित कर रहे थे। शिकायत के बाद श्योपुर कलेक्टर संजय कुमार के निर्देश पर एसडीएम और तहसीलदार द्वारा की गई छापामार कार्यवाही में इनके घर और दुकानों से मेजरमेंट बुक, मस्टर रोल और बिल्स जैसे कई दस्तावेज मिले है जो आमतौर पर पंचायतों में या सरकारी इंजीनियरों के पास होना चाहिए।

प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि ये दस्तावेज इन प्राइवेट लोगों की राइटिंग में ही भरे जा रहे थे। इससे एक बड़े घोटाले की आशंका है। कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी है। यह टीम आज शाम तक अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को देगी इसके आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक श्योपुर कलेक्टर संजय कुमार को शिकायत मिली थी कि श्योपुर के ग्राम बड़ोदा में आॅनलाईन सेवा प्रदाता कम्प्यूटर आॅपरेटर और प्राइवेट इंजीनियर द्वारका प्रसाद अपने घर और दुकानों से सरकारी काम को अंजाम दे रहे है। उन्होंने एक जगह एसडीएम को और एक जगह तहसीलदार को निरीक्षण करने भेजा था।

बताया गया है कि प्राइवेट इंजीनियर द्वारका प्रसाद के पास से पचास मेजरमेंट बुक, मस्टर रोल, सरकारी वाउचर मिले है। इसी तरह एक आॅनलाईन सेवा प्रदाता कम्प्यूटर आॅपरेटर की दुकान से भी सरकारी दस्तावेज मिल है।

कलेक्टर का कहना है कि ये दस्तावेज या तो पंचायत में होना चाहिए या सरकारी इंजीनियर के पास होना चाहिए। मनरेगा के कामों से जुड़े ये दस्तावेज है। इनकी जांच के लिए एक टीम बना दी है। यह टीम यह देखेगी कि किन परिस्थितियों में ये दस्तावेज प्राइवेट लोगों के पास पाए गए है। ये दस्तावेज किनके पास होना चाहिए थे। दस्तावेज इन तक पहुंचने के लिए दोषी कौन है? क्या सरकारी इंजीनियर दस्तावेज नहीं भर पा रहे थे या फिर इसमे कोई बड़ा घोटाला किया जा रहा था। इस सबकी महीन जांच की जाएगी। जांच दल को बारीकी से परीक्षण कर शाम तक रिपोर्ट देने को कहा है। इस रिपोर्ट के आधर पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। जरुरत पड़ी तो सरकारी दस्तावेज रखने पर प्राइवेट इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर भी कराई जाएगी।