IAS Forcibly Retired : स्टेडियम में कुत्ता घुमाने वाली IAS जबरन रिटायर!  

सेवा रिकॉर्ड के मूल्यांकन के सरकार ने आईएएस को रिटायर किया!

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IAS Forcibly Retired : स्टेडियम में कुत्ता घुमाने वाली IAS जबरन रिटायर!  

   New Delhi : अपना पालतू कुत्ता घुमाने के लिए खेलने के समय पूरा स्टेडियम खाली कराने वाली IAS अधिकारी रिंकू दुग्गा को सरकार ने अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया। बुधवार को यह जानकारी सामने आई। रिंकू दुग्गा अरुणाचल प्रदेश में स्वदेशी मामलों के प्रधान सचिव के रूप में तैनात थीं। रिंकू के पति संजीव खिरवार भी 1994 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उनकी लद्दाख में पोस्टिंग हैं। रिंकू पर अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था।

वह 1994 बैच के AGMUT (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर की अधिकारी थीं। रिंकू दुग्गा को उनके सेवा रिकॉर्ड के मूल्यांकन के बाद रिटायर किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक दुग्गा को मौलिक नियम (एफआर) 56 (जे), केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) पेंशन नियम, 1972 के नियम 48 के तहत अनिवार्य रूप से रिटायर किया गया। सरकार को किसी भी सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्त करने का अधिकार है, यदि ऐसा करना सार्वजनिक हित में है तो।

रिपोर्ट के बाद दोनों का तबादला  
पिछले साल एक अखबार की रिपोर्ट के बाद रिंकू और संजीव खिरवार को दिल्ली से स्थानांतरित कर दिया गया था। दोनों अधिकारियों पर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा था। मामला यह था कि दिल्ली में पोस्टिंग के दौरान IAS जोड़े संजीव खिरवार और उनकी पत्नी रिंकू दुग्गा ने अपने कुत्ते को घुमाने के लिए एथलीटों से स्टेडियम खाली करा दिया था। वे अक्सर ऐसा किया करते थे, जिससे प्रैक्टिस करने वाले एथलीट्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।

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यह था पूरा मामला जो विवाद बना 
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित प्रयागराज स्टेडियम में एथलीट्स को तय समय से पहले अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के लिए मजबूर किया जाता था। इसके पीछे दिल्ली के प्रधान सचिव (राजस्व) संजीव खिरवार और उनकी आईएएस पत्नी को जिम्मेदार ठहराया गया था। क्योंकि वे अपने कुत्ते के साथ स्टेडियम में घूमने जाते थे। गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच करवाई और दिल्ली के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी थी। जब मुख्य सचिव ने तथ्यात्मक स्थिति पर गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी तो गृह मंत्रालय ने दोनों का ट्रांसफर कर दिया। घटना का विवाद बनने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने त्यागराज स्टेडियम सहित दिल्ली सरकार द्वारा संचालित सभी खेल सुविधाओं को रात 10 बजे तक खिलाड़ियों के उपयोग के लिए उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।