Opposition Emerged in BJP : भाजपा की दूसरी लिस्ट के बाद कई सीटों पर नाराजी सामने आई! 

कहीं स्थानीय उम्मीदवार की मांग, कहीं MLA को टिकट नहीं, कहीं सांसद को टिकट देने से गुस्सा!  

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Opposition Emerged in BJP : भाजपा की दूसरी लिस्ट के बाद कई सीटों पर नाराजी सामने आई! 

   Bhopal : भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट घोषित होने के बाद कई सीटों पर उम्मीदवारों खिलाफ विरोध उभरता दिखाई दिया। सीधी, सतना में तो विरोध में इस्तीफे भी हुए। इसके अलावा देपालपुर, नागदा-खाचरोद सीट, श्योपुर सीट, मैहर और छतरपुर में भी बगावत बुलंद होती दिखाई दी। भाजपा संगठन के सामने ये नई चुनौती है।

देपालपुर : स्थानीय उम्मीदवार मांग, जुलूस निकाला  

देपालपुर विधानसभा में स्थानीय उम्मीदवार की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन कर पुतला दहन किया। हातोद नगर के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय उम्मीदवार को लेकर विरोध करते हुए हातोद नगर में कई कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी की।कार्यकर्ताओं की मांग थी इस बार देपालपुर विधानसभा में स्थानीय उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाए। नहीं तो निर्दलीय प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाएगा। कार्यकर्ताओं ने अपनी मांग को लेकर भाजपा द्वारा घोषित उम्मीदवार व पूर्व विधायक मनोज पटेल का विरोध किया और पुतला दहन किया।

नागदा-खाचरोद : दूसरे को उम्मीदवार बनाया तो आक्रोश 

भाजपा के प्रत्याशी की दूसरी सूची जारी होते ही नागदा-खाचरौद विधानसभा से विरोध उठा। घोषित उम्मीदवार डॉ तेज बहादुर सिंह चौहान का विरोध करते हुए पूर्व विधायक दिलीप शेखावत के समर्थन में भाजपा के कई जनप्रतिनिधि और नेता नजर आए। नागदा-खाचरौद विधानसभा (नंबर 212) से टिकट के दावेदार रहे दिलीप शेखावत के सैकड़ों समर्थकों उनके निवास के बाहर एकत्रित होकर प्रदर्शन करते नजर आए।

इनमें पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष (नागदा) अशोक मालवीय, वर्तमान नगर पालिका उपाध्यक्ष सहित एक दर्जन से अधिक पार्षद, नागदा नगर पालिका भाजपा के जन प्रतिनिधि शामिल थे। नागदा (ग्रामीण) के मंडल अध्यक्ष भी विरोध में शामिल हुए। खाचरोद नगर पालिका के कुछ पार्षद और जनप्रतिनिधि विरोध में शामिल हुए। बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भी विरोध दर्ज कराते हुए नजर आई। पूर्व विधायक और टिकट के दावेदार दिलीप शेखावत ने इस विरोध को पार्टी स्तर पर दर्ज करने की बात कही है।

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लोकेंद्र मेहता ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। भाजपा से लंबे समय से दावेदारी कर रहे हैं संघ से जुड़े भाजपा नेता लोकेंद्र मेहता ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि पार्टी ने गलत चेहरे को टिकट दिया।  क्षेत्र की जनता के नागदा-खाचरौद विधानसभा में टिकट घोषित हुआ जब से ही मेरे पास कॉल आ रहे हैं। लोकेंद्र मेहता धाकड़ समाज से आते हैं। धाकड़ समाज के नागदा खाचरोद विधानसभा में लगभग 45 हज़ार से ज्यादा वोट है, जो की सीट में हार-जीत के फैसले पर विशेष मायने रखता है।

श्योपुर : विधायक को फिर टिकट देने से नाराजी

श्योपुर में पूर्व विधायक दुर्गालाल विजय को फिर से विधानसभा चुनाव का उम्मीदवार घोषित किए जाने से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी खुलकर बाहर आ गई। टिकट की रेस में शामिल दूसरे नेता जहां अंदरूनी विरोध जाता रहे हैं, तो वहीं पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष राधेश्याम रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने रावत सहित दूसरे समाजों को मौका नहीं देने का आरोप लगाया।

पूर्व जिला अध्यक्ष का आरोप है कि एक ही व्यक्ति को 30 साल से टिकट देकर दूसरे समाजों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने पार्टी के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी पर भी दूसरे समाजों की अनदेखी करने के आरोप लगाए हैं और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। राधेश्याम रावत जनसंघ के समय से भाजपा में सक्रिय रहकर काम करते रहे हैं। वे मंडल अध्यक्ष से लेकर पूर्व में जिला अध्यक्ष के पद रहे। लेकिन, अब उन्होंने इस्तीफा देकर पार्टी में खलबली मचा दी।

सतना : सांसद की उम्मीदवारी का विरोध 

सतना में भाजपा के घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ विरोध शुरू हो गया। इन सीटों पर कुछ भाजपा नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की। सतना विधानसभा सीट से सांसद गणेश सिंह प्रत्याशी बनाए गए हैं। इससे नाराज स्थानीय नेता शिवा चतुर्वेदी ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि कोरोना काल में यही सांसद घर से नहीं निकले। जनता ने अगर सहमति दी, तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। यहां से पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी भी बगावत कर सकते हैं।

मैहर : घोषित उम्मीदवार से नाराजी  

मैहर विधानसभा से श्रीकांत चतुर्वेदी को कैंडिडेट घोषित किए जाने के बाद भाजपा से विधायक नारायण त्रिपाठी ने पार्टी के फैसले पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि इतने सीनियर नेताओं और मंत्रियों को विधायक का चुनाव लड़ाया जा रहा है तो मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी का क्या गुनाह था। उन्हें मौका देना चाहिए था। त्रिपाठी ने कहा कि विंध्य प्रदेश के पुनर्निर्माण की लड़ाई लड़ रहा हूं और टिकट से मेरे फैसले में फर्क नहीं आएगा। भाजपा में सांसद, विधायक का और विधायक सरपंची का चुनाव लड़ने वाले हैं। उन्होंने कहा कि वे चुनाव जरूर लड़ेंगे। पिछले चुनाव में श्रीकांत चतुर्वेदी कांग्रेस से उम्मीदवार थे और 184 वोट से नारायण त्रिपाठी से हारे थे।

छतरपुर : अर्चना सिंह के बगावती तेवर  

छतरपुर की पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और भाजपा नेत्री अर्चना सिंह ने बगावत करने का इशारा कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं विधानसभा चुनाव में जरूर लडूंगी, मगर जगह और पार्टी समय आने पर बताऊंगी। पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में छतरपुर विधानसभा से पूर्व मंत्री ललिता यादव का नाम घोषित किया, इसके बाद से ही अर्चना सिंह के समर्थक सड़कों पर उतरकर लगाकर भाजपा से मांग कर रहे थे कि अर्चना सिंह को टिकट दी जाए। मगर पार्टी ने अपना फैसला नहीं बदला। ऐसे में यह साफ हो गया कि अर्चना सिंह ने पार्टी छोड़ने का इशारा कर दिया। आगामी समय में तस्वीर साफ होगी कि अर्चना सिंह किस दल से चुनाव मैदान में उतरेगी और भाजपा के लिए रास्ते का कांटा बनेगी।

अर्चना सिंह को 2018 के विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया था। वे कांग्रेस के आलोक चतुर्वेदी से मामूली वोटों से चुनाव हार गई थी। चुनाव हारने के बाद से ही अर्चना सिंह क्षेत्र में खासी सक्रिय थी। उनको पूरी उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें एक बार और मौका जरूर देगी। लेकिन, पार्टी ने चुनाव से पहले उनकी जगह पूर्व मंत्री ललिता यादव को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद से ही उनके समर्थक पार्टी से मांग कर रहे थे कि टिकट पर एक बार विचार कर पार्टी की तरफ से अर्चना सिंह को ही प्रत्याशी बनाया जाए।