इस बार शबाब पर होगी महू की अनोखी धोक पड़वा

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इस बार शबाब पर होगी महू की अनोखी धोक पड़वा

दिनेश सोलंकी की खास रिपोर्ट

Mhow (Indore): पूरे भारत में सिर्फ महू एक ऐसा शहर है जहां पर प्राचीन समय से दीपावली के दूसरे दिन धोक पड़वा का त्योहार बेहद अनोखे ढंग से मनाया जाता है। पिछले 25 सालों से यह त्यौहार राजनीतिक रंग की भेंट भी चढ़ता जा रहा है और इस बार चूंकि विधानसभा चुनाव ही 17 नवंबर को हैं, ऐसे में 13 नवंबर को धोक पड़वा का अनोखा त्योहार और भी राजनीति की गर्माहट शक्ति प्रदर्शन के रंग आने की संभावना है।

यह उल्लेखनीय है की महू (अंबेडकर नगर) में अंग्रेजों के समय से दीपावली के दूसरे दिन धोक पड़वा त्यौहार मनाने की परंपरा चलती आ रही है।

यह त्यौहार निराला और अनोखा इसलिए कहा जाता है क्योंकि दीपावली की रात को घरों घर आंगन में आतिशबाजी आदि से इकट्ठा हुआ कचरा घर की महिलाएं झाड़ू सहित निकालकर उसे सड़क पर रख देती हैं। सुबह विशेष सफाई अभियान भी चलता है उसके बाद घर को सजाने का सिलसिला आरंभ होता है, जिसमें रंगोली विशेष कर होती है। प्रत्येक घर के सामने रंगोली मांडी जाती है। रांगोली की इनामी प्रतियोगिताएं भी होती है।

सुबह 10:00 बजे से हिंदू परिवारों में मिठाइयों नमकीन का आदान-प्रदान शुरू होता है और सभी नए वस्त्र पहनकर मुख्य मार्ग मेन स्ट्रीट, सांघी स्ट्रीट, छोटा बाजार आदि में निकलते हैं जहां एक दूसरे को लोग दीपावली की बधाई के साथ गले मिलते हैं। छोटे बड़ों को धोक देते हैं और बड़े उनको आशीर्वाद देते हैं। बराबरी के लोग एक दूसरे से गले मिलते हैं और बीच-बीच में आतिशबाजी भी होती है।

कुल मिलाकर इस त्यौहार को मनाने के लिए हिंदू के अलावा मुस्लिम सिख इसाई भी पसंद करते हैं।

पिछले 25 सालों से इस त्यौहार पर राजनीति का रंग चढ़ा है। सांसद रही सुमित्रा महाजन ने पहली बार से ही महू की धोक पड़वा पर आना शुरू किया था। उसके बाद तो विधानसभा, लोकसभा चुनाव के नजदीक होने या खत्म होने पर भी इस त्यौहार पर दलों के नेता सड़कों पर आ जाते थे।

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पिछले तीन विधानसभा चुनाव से कैलाश विजयवर्गीय धोक पड़वा पर लगातार आ रहे हैं। जबकि सुमित्रा महाजन ने लगभग 18 सालों तक धोक पड़वा पर आना स्वीकार किया था। पिछले साल विधायक मंत्री उषा ठाकुर भी धोक पड़वा पर नजर आई थी। इस बार चूंकि विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक होंगे और महज चार दिन पहले ही पर्व मानेगा, इसलिए निश्चित रूप से सभी राजनीतिक दलों का रुझान धोक पड़वा पर होगा कि वह अपनी मिलन सरिता को शक्ति प्रदर्शन के रूप में बताएंगे।

इस बार तो इंदौर की बेसुरी बिछात जो की इंदौर की संगीत की दुनिया से जुड़ी है, उसके 50 सदस्यों ने विशेष रूप से महू आना स्वीकार किया है बेसुरी बिछात के गुरदीप सिंह ने कहा है कि जब पिछली बार कुछ साथियों ने मिलकर धोक पड़वा का त्योहार देखा था तब हम बेहद प्रभावित हुए थे। इस बार हमने तय किया है कि हम अपनी पूरी बिछात के सभी सदस्यों को महू लेकर आएंगे।

इस तरह लगता है इस बार का धोक पड़वा अब तक की धोक पड़वा से विशेष भव्यता उत्साह और उमंग लिए होगा।