MP Assembly Elections: अपराधियों पर नकेल कसने प्रशासन ने 101 लोगों को किया जिला बदर
राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
छतरपुर: बाईट रोज सोमवार को केन्द्रीय चुनाव आयोग ने देश के 5 राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। मप्र में 17 नवंबर को विधानसभा के चुनाव होंगे। चुनाव के पहले प्रदेश भर में आदर्श आचरण संहिता लागू कर दी गई है। प्रदेश में चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने भी कमान संभाल ली है।
आचरण संहिता लागू होते ही जिले में इसका असर भी दिखने लगा है। कलेक्टर-एसपी ने पत्रकारवार्ता के माध्यम से आचरण संहिता के नियम जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही शासकीय भवनों और दीवारों पर लगाई गई प्रचार सामग्री को हटाया जाने लगा है। पुलिस ने भी सड़क पर उतरकर वाहनों की जांच शुरू कर दी है। इधर आचार संहिता लागू होने के पहले दिन ही कलेक्टर ने जिले के 100 से ज्यादा लोगों को जिला बदर भी कर दिया है।
आचार संहिता लगने के बाद शासन प्रशासन का रुख एकदम बदल गया है। जिसका असर साफ तौर पर हर आमोखास पर देखा जारहा है। इसमें राजा और रंक कोई अछूता नहीं है। पहले फ़ेश में होर्डिंग, पोस्टर, बैनर, गाड़ियों में लगी पार्टी पद, नाम, प्रचार, प्रसार की नेम प्लेट और अवैध हूटर हटाये जा रहे हैं। जहां पुलिस चेकिंग के दौरान नेताओं की गाड़ियों को चौराहों पर सरे आम रोक कर उनकी नेम प्लेट, हूटर, पार्टी प्रचार हटा रही है। जिससे नेता खुद को ठगा महशूस कर रहे हैं। नतीजतन कई नेता खुद ही खुद में जुट गए हैं और अपने ही हाथों से नेम प्लेट हूटर निकालने लगे हैं।
● *आचार संहिता में आ रहा मज़ा..*
वहीं लोगों का कहना है कि उन्हें आचार संहिता में मजा आ रहा है कि अपना रौब का झड़ने वाले नेता अब जमीन पर आ गए हैं। लोगों का कहना है कि काश यह आचार संहिता हमेशा के लिए लग जाए तो कोई छोटा-बड़ा नहीं रहेगा। दरअसल इससे पहले नेता और बड़े लोग अपने पद और पावर का रौब सरेआम झाड़कर निकल जाते थे जिससे आम लोग खुद को ठगा हुआ और बेज्जत/लज्जित महशूस करते थे। पर अब आचार संहिता में आमजन को बहुत मज़ाआ आ रहा है। क्यों कि इसके लगने मात्र से सब समान हो गये हैं।