Mandsaur News – विधानसभा निर्वाचन: भाजपा ने पत्ते खोले – कुछ बाकी – कुछ मैदान में
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर । निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में मतदान की तारीख़ 17 नवम्बर दी है और परिणाम 3 दिसंबर को आयेंगे ,
पर जिले की चार विधानसभा सीटों के लिये प्रमुख राजनीतिक दलों ने अबतक सभी उम्मीदवार घोषित नहीं किये हैं । सत्तारूढ़ भाजपा ने मंदसौर मल्हारगढ़ सीतामऊ सुवासरा से वर्तमान विधायकों को पुनः उम्मीदवार बनाया है जबकि गरोठ – भानपुरा में होल्ड पर रख दिया । यहां से भाजपा के देवीलाल धाकड़ विधायक हैं ।
जबकि कांग्रेस ने अधिकृत रूप से कोई घोषणा नहीं की है । बसपा आप शिवसेना निर्दलीय के नाम बताये जारहे हैं पर अधिकृत सूचना नहीं है ।
समझा जाता है कि श्राद्ध पक्ष समापन और नवरात्र आरम्भ के साथ नाम भी सामने आएंगे और चुनावी शोर भी शुरू होगा ।
मंदसौर जिले की चार विधानसभा सीटों के लिये 10 लाख 34 हजार से अधिक मतदाता दर्ज़ हैं । ख़ास बात यह है कि 18 से 39 आयु वर्ग के लगभग साढ़े पांच लाख युवा मतदाता हैं जो आधे से अधिक हैं और निर्णायक हैं । कोई 40 हजार पहली बार मताधिकार उपयोग करेंगे । जिले में पुरूष और महिला मतदाताओं में मात्र 11 हजार का ही अंतर है । पुरुषों की संख्या 5 लाख 22 हजार है । ऊर्जा मंत्री हरदीपसिंह डंग के सीतामऊ – सुवासरा क्षेत्र में सबसे अधिक 2 लाख 78 हजार से अधिक मतदाता हैं जबकि सुरक्षित सीट वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा के विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 2 लाख 45 हजार से अधिक मतदाता हैं ।
कुल 1133 मतदान केन्द्र बनाये गए हैं इनमें 305 मतदान केन्द्र संवेदनशील एवं 17 केंद्र अति संवेदनशील माने गए हैं ।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर दिलीप कुमार यादव पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने चुनावी तैयारी पर फ़ोकस किया हुआ है ।
राजनीतिक दलों द्वारा सक्रियता देखी जारही है । भाजपा ने मंदसौर से वर्तमान विधायक यशपालसिंह सिसोदिया , मल्हारगढ़ विधायक एवं वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा , सीतामऊ – सुवासरा विधायक एवं ऊर्जा मंत्री हरदीपसिंह डंग को पुनः मैदान में उतारा है ।
आने वाले दिनों में कांग्रेस उम्मीदवार घोषित होने उपरांत पता चलेगा कि टक्कर किस अंजाम तक पहुंचने वाली है । दावेदारी अभी की जारही है कि सरकार हमारी बन रही है पर हकीकत आने वाले दिनों में सामने आएगी । इस बीच नवरात्रि , दशहरा दीपावली के बड़े त्यौहार भी हैं , व्यापारी वर्ग कारोबार दृष्टि से उस पर ध्यान केंद्रित करने में जुटा है । किसानों को अपनी फसलों और भावों के साथ उत्पादन की चिंता है । कम बरसात से जलस्त्रोत लेवल कम रह गया है ।