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Kissa-A-IAS:सिरोंज की आयुषी ने ऐसी बदली रणनीति और बनी आईएसएस
लक्ष्य तय हो और इरादे मजबूत हों, तो सफलता को कोई रोक नहीं सकता। कुछ ऐसी ही कहानी है मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के छोटे से कस्बे सिरोंज की आयुषी जैन गुरधानी की। यूपीएससी क्रैक करने की उनकी राह कई मुश्किल पड़ाव से होकर गुजरी। उनके सफर की शुरुआत निराशा और असफलताओं से भरी रही। लेकिन, आयुषी ने अंततः IAS बनकर ही दम लिया। किसी छोटे कस्बे के युवा के लिए बड़ा लक्ष्य पाना आसान नहीं होता, क्योंकि वहां न तो सुविधाएं होती है और न माहौल। आयुषी का सफर भी मुश्किलों और चुनौतियों वाला था। इसके बावजूद इस युवती ने हार नहीं मानी और लगातार जीत की कोशिशों में लगी रही और फिर सफलता पा ही ली।
इंजीनियरिंग बैक ग्राउंड वाली आयुषी जैन गुरधानी के पिता की किराना दुकान है। उनके दो छोटे भाई-बहन हैं। आयुषी पढ़ाई में बचपन से ही होशियार रही। उन्हें 10वीं में 91.2% और 12वीं में 90.4% मार्क्स आए थे। उन्होंने भोपाल के लक्ष्मी नारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी (LNCT) से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की। जिसमें आयुषी का जीडीपीए 8.68 रहा। बीटेक करने के बाद आयुषी जैन ने दो साल एक कंपनी में डेटा सेंटर एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर नौकरी की। लेकिन, उन्हें लगा कि ये उसका लक्ष्य नहीं है। क्योंकि, उसे अपने सपनों में सुनहरे रंग जो भरने थे।
उन्होंने यूपीएससी परीक्षा क्रेक करके प्रशासनिक सेवा में जाने का फैसला किया। इसके लिए सबसे पहले तो अपनी नौकरी छोड़ी और एक साल तक दिल्ली में कोचिंग की। 2017 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा का प्रीलिम्स दिया। लेकिन, वे यह परीक्षा पास नहीं कर पाई। पहले प्रयास में असफलता के बाद भी आयुषी जैन ने हिम्मत नहीं खोई और अपनी स्ट्रैटेजी में बदलाव किया। इसका फायदा यह हुआ कि 2018 के दूसरे अटेंप्ट में प्रीलिम्स पास कर ली, पर मेंस परीक्षा पास नहीं हो सकी। दो बार की असफलता ने आयुषी को निराश कर दिया, पर उन्होंने हिम्मत बनाए रखी। परिवार ने भी साथ दिया। 2019 में तीसरे अटेंप्ट में प्रीलिम्स पास करने के बाद आयुषी ने ऑप्शनल विषय मैथ्स से बदलकर एंथ्रोपोलॉजी कर लिया।
विषय बदलने से परफॉर्मेंस और तैयारी में अंतर आया। पहले दो असफल प्रयासों से भी सबक लिया कि कहां और क्या गलती हुई है। इसलिए आयुषी ने पढाई की नई स्ट्रैटेजी बनाई। उनकी न्यूज पेपर रीडिंग हैबिट से यूपीएससी प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू,तीनों में फायदा मिला। साल 2019 में हुई यूपीएससी परीक्षा में वे 41वीं रैंक के साथ पास हुई और IAS ऑफिसर बन गईं।
यूपीएससी इंटरव्यू में उनसे कोविड लॉक डाउन के पॉजिटिव आउटकम के बारे में सवाल किया गया था! इस पर आयुषी का जवाब था कि हर स्तर पर प्रदूषण में काफी कमी आई है। आयुषी जैन गुरधानी फिलहाल असम के सिबसागर जिले के नजीरा में एसडीओ (सिविल) के पद पर कार्यरत हैं। दिल्ली में पिछले दिनों हुई ‘जी-20 समिट’ में उन्होंने वर्ल्ड बैंक की टीम के साथ लायसन ऑफिसर के तौर पर काम किया।
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सुरेश तिवारी
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