राजस्थान: भाजपा और कांग्रेस की सूचियों का इंतज़ार और अधिक बढ़ा, शुक्रवार रात तक नहीं जारी हुई सूचियाँ
गोपेंद्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट
कहावत है कि दूध का जला छाछ को भी फूँक फूँक कर पीता है। यह कहावत राजस्थान भाजपा पर इन दिनों सौ फ़ीसदी चरितार्थ हों रही है।इसी वजह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की अध्यक्षता में शुक्रवार को रात करीब सवा घंटा चली पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद मिली खबरों के अनुसार पार्टी कतिपय अपवादों को छोड़ कर लगभग सभी मौजूदा विधायकों को टिकट देने जा रही है।
बताया जा रहा है कि भाजपा एक दौ दिनों में राजस्थान के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर देंगी।बताते है कि केन्द्रीय चुनाव समिति ने शुक्रवार की रात करीब 80-85 उम्मीदवारों की सूची पर अपनी मुहर लगा दी। इस तरह भाजपा ने पहली सूची को मिला कर प्रदेश की 200 विधान सभा सीटों में से 120 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की टिकट को अपनी क्लीयरेंस दे दी। शेष सीटों पर विशेष रणनीति के तहत बाद में उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जायेंगे।
भाजपा अपनी आने वाली सूचियों में कुछ नए चेहरों को मौका दे सकती है एवं इसमें कुछ चौंकाने वाले नाम तथा वर्तमान और पूर्व सांसदों के नाम भी आ सकते है। बहुत उम्र शुदा नेताओं तथा विवादित सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को फ़िलहाल पेंडिंग रखा गया है, जिस पर नामांकन भरने की अंतिम तिथि से पहले समुचित निर्णय लिया जायेगा। कांग्रेस की तरह भाजपा भी अपनी विशेष रणनीति के अन्तर्गत कुछ सीटों पर पहले से अपने पन्ने खोलना नही चाहती है।
भाजपा का फ़िलहाल सबसे पहला प्रयास यह है कि प्रथम सूची से पार्टी में उपजे असन्तोष की आग को तत्काल कैसे शान्त किया जायें तथा दूसरी सूची जारी होने के बाद पहली सूची जैसे हालातों की किसी भी सूरत में पुनरावृत्ति नही होवें।
भाजपा अब प्रदेश की क़द्दावर नेता और दो बार की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की और अधिक जाहिरा अनदेखी करने से भी बचना चाहती है और सूचियाँ जारी होने के बाद उनके समर्थकों की प्रतिक्रियाओं पर निगरानी रखने तथा उन्हें नियंत्रित करने के लिए भी एक विशेष रणनीति बना रही है। राजनीतिक पण्डितों का मानना है कि वसुन्धरा राजे को विश्वास में लिए बिना भाजपा की प्रदेश में अपेक्षित विजय हासिल करना बहुत सन्देहस्पद लगता हैं।
राजस्थान विधान सभा के लिए भाजपा को अपनी दूसरी सूची पिछलें रविवार को निकालनी थी लेकिन पहली सूची में चौंकाने वाले नामों सहित जारी की गई 41 उम्मीदवारों की सूची के बाद प्रदेश भाजपा में जो दृश्य दिखाई दिया वह अनुशासित मानी जाने वाली केडर बेस पार्टी भाजपा में पहलें कभी नहीं देखा गया। इसलिए प्रदेश के लिए भाजपा प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी करने से पूर्व उच्च स्तर पर काफी गम्भीर विचार किया जा रहा है।
नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पर शुक्रवार शाम को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में राजस्थान पर एक घंटे से अधिक समय तक गम्भीर विचार विमर्श किया गया है। इस बैठक में बी एस येदियुरप्पा, के. लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, देवेंद्र फडणवीस, ओम माथुर, नितिन पटेल, डीके अरुणा, सत्यनारायण जटिया और सर्बानंद सोनोवाल आदि नेता भी मौजूद रहें।
राजस्थान से भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य नेता भी बैठक में मौजूद रहें।
राजस्थान के लिए भाजपा की दूसरी सूची पर सर्वसम्मति बनाने के लिए पिछले तीन दिनों में राजधानी नई दिल्ली दो बार भाजपा कोर कमेटी की बैठके हो चुकी है। 17 अक्टूबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।
वहीं, गुरुवार को सायं केंद्रीय मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी के आवास पर एक बार फिर कोर ग्रुप की बैठक हुई। इसमें बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सहित प्रदेश कोर ग्रुप में शामिल नेता मौजूद रहे।
खबर लिखे जाने तक खबर मिली है कि भाजपा और कांग्रेस की सूचियाँ शुक्रवार रात को नही आ रही और इसके कल या परसों तक जारी होने की सम्भावना है।
देखना होगा कि भाजपा कांग्रेस की इस आँख बिछोनी में एक बार फिर सूची जारी करने में कौन किससे बाजी मारेगा।
साथ ही इन सूचियों के बाद किस दल में दिखेंगे अधिक असन्तोष और बगावत के नजारें?