जागो भोपाल, जागो मध्यप्रदेश…जगाने की जरूरत क्यों पड़ रही, दूसरी लहर का दर्द अभी भी जिंदा है…

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Corona Alert:
कोरोना की तीसरी लहर में मध्यप्रदेश में राजधानी भोपाल सबसे ज्यादा संवेदनशील है। सोमवार को 16, मंगलवार को 14 नए मरीज सामने आए हैं। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने भोपाल की जनता से मास्क लगाने और कोरोना से सुरक्षित रहने के लिए कॉविड प्रोटोकाल का पालन करने की अपील की है।
साथ ही मास्क न लगाने वालों पर 500 रुपए जुर्माने की चालानी कार्यवाही शुरू करना पड़ी है, क्योंकि हमें महामारी के समय जितना सरकार को दोषी ठहराने और दहाड़ मारकर चिल्लाने में महारथ हासिल है, उतना ही महामारी के जाते ही उसको पल भर में भूल जाने की बीमारी भी है। सरकार ने थोड़ी सी ढिलाई क्या दी, कि हमने शादियों में धड़ल्ले से धमाल मचाने में कोई देरी नहीं की और बाजार, मॉल, रेस्टोरेंट्स, बस, ट्रेन सभी जगह इतना हुजूम लगाया, मानो दूसरी लहर में हमसे जुदा होने वालों की यही आखिरी इच्छा हो जिसे पूरा कर हम सभी के कलेजों को ठंडक मिल जाएगी।
और आत्माएं खुश होकर फिर जमीन पर उतरकर सभी अपनों को दिल खोलकर आशीर्वाद देंगीं और कोरोना के नए वेरिएंट को आक्रोश की आग में भस्म कर न केवल तीसरी लहर को देश-प्रदेश के बाहर धकेल देंगीं बल्कि वह सबक सिखा देंगी कि कोविड इतिहास के पन्नों में सिमट जाएगा। और आत्माएं मुस्कराकर अपने सभी लोगों से कहेंगीं कि चिंता की कोई बात नहीं है।
खूब मिलो-जुलो और भीड़-भडक्का लगाओ जी खोलकर, सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत नहीं है और मास्क लगाकर खुबसूरत चेहरों को सताने की तकलीफ मत उठाओ। सेनेटाइजर से अपनी त्वचा मत जलाओ। कोरोना को हम देख लेंगे, तुमने हमारी अंतिम इच्छा पूरी कर दी है, आगे भी इसे जारी रखो। हम आसमान में मौजूद हैं, जब लगे कि कोरोना फिर सता रहा है, एक आवाज देना और फिर हम सब देख लेंगे। मोटी चमड़ी के हम सभी को अब यह समझ लेना चाहिए कि आत्माओं ने ऐसा न ही कहा था और न ही कोरोना केे नए वेरिएंट को कोई रोक सकता है।
प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया सो फिर से केस बढ़ना शुरू हो गए हैं। जागो भोपाल, जागो मध्यप्रदेश, जगाने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए थी लेकिन पड़ रही है। और अगर हम अभी भी न जागे तो पीछे मुड़कर झांक लो, दूसरी लहर का दर्द अभी जिंदा है। भोपाल स्वच्छता में भले ही तुमने इंदौर की बराबरी करने की हिम्मत न जुटा पाई हो लेकिन कोरोना में इंदौर को पीछे छोड़कर क्या यह साबित करने का मन बना लिया है कि हर मामले में हमें पीछे रहने की आदत नहीं है।
जहां जागरूक होना चाहिए, वहां कहीं भी हम जागरूकता का परिचय देने की कोई जेहमत नहीं उठाएंगे। कम से कम जहां मुख्यमंत्री, मंत्री, प्रशासनिक-पुलिस आला अफसर सहित बुद्धिजीवी, लेखक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनैतिक प्रबुद्धजनों का अंबार लगा हो, उस राजधानी में तो कोविड प्रोटोकॉल का पालन करवाने के लिए जनजागरण अभियान की जरूरत नहीं ही पड़ना चाहिए।
बल्कि हमें पूरे प्रदेश के लोगों के सामने वह मिसाल पेश करनी चाहिए कि लोग कहने को मजबूर हों कि स्वअनुशासन और प्रोटोकॉल पालन की राजधानी भी भोपाल ही है, जहां मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड सेनेटाइजेशन का नजारा देखकर यह सीखा जा सकता है कि कैसे कोरोना को भगाना है और नए वेरिएंट के लिए कोई जगह नहीं है और तीसरी लहर आ सके, ऐसी कोई भी वजह नहीं है।
खैर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएस स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में कोरोना से संबंधित समस्त मशीनरी की समीक्षा करें , इनका ट्रायल कर लें , बच्चों के वार्ड,  ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर सहित अन्य उपकरण की जांच कर लें। प्रदेश में रोको टोको अभियान को गति दें कोई भी आंकड़े न छुपाए जाएं। जिला सीएमएचओ की बैठक मंगलवार को ही लें और बुधवार यानि आज 10 बजे जिला क्राइसिस मैनेजमेंट की कमेटी में एक पूरा प्रेजेंटेशन दें।
तो हम आपको बता दें कि भोपाल में 16 पॉजिटिव आने से अभी आपात बैठक बुलाई गई हैं। इन सभी 16 केसेस को आइसोलेट करते हुए इनके परिवार की कोरोना जांच कराने का फरमान जारी हुआ है, कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करने की बात कही गई है। प्रशासन को अलर्ट किया गया है। लापरवाही न बरतने को कहा गया है। और जन-जागरूकता की मुहिम फिर शुरू होगी। तो सरकार को बता दो कि हम जागरूक हैं, मास्क लगा रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और हैंड सेनेटाइज कर रहे हैं। सरकार इलाज की चाक चौबंद व्यवस्था रखे, ताकि सावधानियों के बाद भी संक्रमित हो गए तो इलाज बेहतर मिले और दूसरी लहर की तरह आंखें नम न हों और प्रियजन जुदा न हों।