Doctor Who Beat Patient Consumed Poison : HIV संक्रमित मरीज की पिटाई करने वाले डॉक्टर ने जहर खाया!
Indore: एमवाय अस्पताल में शुक्रवार देर रात से जूनियर डॉक्टरों का हंगामा जारी है। ये डॉक्टर अपने साथी डॉ आकाश कौशल के जहर खाने की घटना का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टर को खतरे से बाहर बताया गया है। सात दिन पहले (28 अक्टूबर) एक जूनियर डॉक्टर ने एचआईवी संक्रमित एक मरीज को चांटा मार दिया था। इसका वीडियो सामने आने के बाद जूनियर डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था। मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। बताते हैं कि जांच में डॉक्टर को दोषी ठहराया गया था, जिससे जूनियर डॉक्टर व्यथित था। यही वजह है कि उसने जहर खाकर आत्महत्या की।
जूनियर डॉक्टर ने शुक्रवार रात जहर खा लिया। इसके बाद एमवाय में जूनियर डॉक्टरों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस को डॉक्टर का सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें डॉ आकाश कौशल ने उस घटना के बाद किसी को मुंह न दिखा पाने की बात कही। उन्होंने मच्छर मारने की दवाई की दो बोतल पी ली थी। इसके बाद उसे भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। हंगामे की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रबंधन के साथ संभाग आयुक्त मालसिंह भयडिया भी मौके पर पहुंचे। स्थिति को संभालने के लिए तीन थानों का पुलिस बल तैनात किया गया है।
यह था डॉक्टर और मरीज विवाद
उज्जैन जिले के ग्राम पंचचिड़िया के निवासी का एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। परिजन उसे लेकर उज्जैन के एक निजी अस्पताल पहुंचे, जहां से डॉक्टरों ने रामरतन को इंदौर रेफर कर दिया। परिजन रामरतन को लेकर एमवाय अस्पताल पहुंचे। यहां केजुअल्टी में जूनियर डॉ आकाश कौशल ने उसका इलाज शुरू किया। एमवाय हॉस्पिटल की पर्ची के साथ मरीज की प्रिवियस हिस्ट्री की एक प्राइवेट हॉस्पिटल की भी पर्ची साथ में लगी थी। डॉ कौशल ने पहले मरीज को देखा और फिर पर्ची देखी, तो प्राइवेट हॉस्पिटल की पर्ची पर उसका एचआईवी पॉजिटिव होना लिखा था।
आखिर डॉक्टर ने जहर क्यों खाया
डॉ आकाश कौशल था कि मरीज ने अपने एचआईवी संक्रमित होने की जानकारी नहीं दी। इस कारण उन्होंने मरीज को कई चांटे मारे। इस घटना का किसी ने वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया। इसके बाद बवाल हो गया। मामले की प्राथमिक जांच के बाद डॉ आकाश कौशल को सस्पेंड कर दिया गया और जांच बैठा दी गई। बताया गया कि तीन दिन बाद जांच कमेटी की रिपोर्ट में डॉक्टर को दोषी ठहराया गया। इस बात का पता चलने पर वे इतने व्यथित हुए कि मच्छर मार दवा पी ली। हालत बिगड़ने पर तत्काल उनका इलाज किया गया।
एचआईवी संक्रमित के साथ गलत व्यवहार
इस घटना के बाद मरीज के परिजनों ने डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि मरीज एचआईवी पॉजिटिव था, इसलिए उनके साथ मारपीट की गई। परिजनों का दावा है कि, जब उन्होंने डॉक्टर को ऐसा करने से रोका तो उनके साथ भी मारपीट की गई। उनका आरोप है कि, उनके मरीज के साथ इतनी बेरहमी से मारपीट की गई कि उसके चेहरे से खून आने लगा। इसके बाद जूनियर डॉक्टर्स और स्टाफ ने मरीज के साथ आए परिजनों को वार्ड के बाहर भेज दिया। इस मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की गई।