Big Operation Today to Save Laborers : टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने का आज बड़ा ऑपरेशन!

रात को पहली बार खिचड़ी और आज सुबह गर्म नाश्ता भेजा गया!

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Big Operation Today to Save Laborers

Big Operation Today to Save Laborers : टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने का आज बड़ा ऑपरेशन!

जानिए, चिली में हुए ऐसे हादसे में क्या हुआ था!

Uttarkashi (Uttarakhand) : उत्तरकाशी की टनल में 10 दिन से 41 मजदूर फंसे हैं। सरकार उन्हें अभी तक निकालने में सफल नहीं हुई। टनल बनाने वाली कंपनी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। टनल हादसे को 10 दिन पूरे हो गए और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बचावकर्मी आधुनिक मशीन से ड्रिलिंग कर रहे हैं, लेकिन कंपन से ऊपर से मलबा गिर रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक टनल के अंदर खाना, सीसीटीवी कैमरा और वॉकी-टॉकी भेजा गया जिससे फंसे मजदूरों से बात की गई। सभी मजदूर स्वस्थ हैं।

वर्टिकल ड्रिल करके मजदूरों को निकालने का प्लान आज से शुरू किया जा रहा है। इसके लिए मशीन सुरंग के ऊपर पहुंच गई है। यह मशीन आज दोपहर से खुदाई शुरू करेगी। सुरंग के ऊपर से खुदाई की जाएगी, ऊपर से ही सीधे मजदूरों को बाहर निकाला जा सके। ये मजदूर 10 दिन तक मखाने और चने जैसी चीजें खाकर रहे। इन मजदूरों को पाइप के सहारे बोतलों में भरकर सोमवार रात खिचड़ी भेजी गई। आज सुबह उन्हें गर्म नाश्ता भेजा गया। इन मजदूरों के पास मोबाइल चार्जर जैसा उपयोगी सामान भी भेजा गया।

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उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर रोड’ (हर मौसम में खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया।, जिससे मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए थे। इन्हें निकालने के लिए 10 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है।

चिली में भी हुआ था ऐसा हादसा

● अगस्त 2010 में दक्षिण अमेरिका के चिली में 33 मजदूर सोने की खदान में फंस गए थे। चिली सरकार आधुनिक तकनीक से कुछ दिनों में पता लगा लिया कि मजदूर जीवित हैं। उन्होंने दूसरी जगह से छोटा होल बनाकर उन्हें भोजन और जरूरी चीजें भेजी। चिली के राष्ट्रपति सेबस्टियन पिनेरा ने अपना विदेशी दौरा बीच में छोड़कर वापस आए और मजदूरों को आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर बाहर निकालने के लिए आदेश जारी किया। चिली के इंजीनियरों ने तीन अलग-अलग ड्रिलिंग टीम का गठन किया।

सारे सरकारी मंत्रालय राहत कार्य योजना से जुड़ गए। चिली सरकार ने अमेरिका के नासा स्पेस सेंटर से मदद मांगी। पूरी दुनिया के एक दर्जन से अधिक ड्रिलिंग कारपोरेशन चीली पहुंचे थे। भोजन पानी पहुंचाने के लिए तत्काल एक छोटा ड्रिल किया गया और इंजीनियर टीम मजदूरों को भोजन-पानी पहुंचाने में सफल रही।

मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दूसरा ड्रिल किया गया। ड्रिलिंग टीम ने कैप्सूल के आकार का लिफ्ट बनाया। इस लिफ्ट से 69 दिनों बाद सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला गया। खुद राष्ट्रपति मजदूरों को बाहर निकालते वक़्त मौजूद थे। राष्ट्रपति ने हर मजदूर को बाहर निकलते ही उन्हें गले लगाया।