SC’s Warning to Patanjali : भ्रमित करने वाले विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकारा!

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की पतंजलि के खिलाफ याचिका पर कोर्ट की टिप्पणी!

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SC’s Warning to Patanjali : भ्रमित करने वाले विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकारा!

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों और दावों पर सख्ती दिखाई है। बाबा रामदेव के बयानों और विज्ञापनों में एलोपैथी, उसकी दवाओं और वैक्सीनेशन के विज्ञापनों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फटकार लगाई। कोविड काल में पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों और उसके स्वामी बाबा रामदेव के बयानों पर आपत्ति जताने वाली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी कर जुर्माने की हिदायत दी।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्र की बेंच ने पतंजलि द्वारा एलोपैथ को लेकर भ्रामक दावे और विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि को जमकर फटकार लगाई। बेंच ने पतंजलि पर भविष्य में ऐसे विज्ञापन और बयान पर रोक लगाने और ऐसा न करने पर भारी जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है। जस्टिस अमानुल्ला ने कहा है कि भविष्य में ऐसा करने पर प्रति उत्पाद विज्ञापन पर एक करोड़ रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। अब इस मामले पर अगले साल 5 फरवरी को सुनवाई करेगा।

अदालत ने कहा कि हम इस मामले को एलोपैथ बनाम आयुर्वेद की बहस नहीं बनाना चाहते, बल्कि याचिकाकर्ताओं ने जो मुद्दा उठाया है उसका समाधान ढूंढना चाहते हैं। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों से निपटने के लिए एक योजना कोर्ट के सामने रखे।

दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि द्वारा एलोपैथ के विज्ञापनों के खिलाफ याचिका दाखिल कर उन पर रोक लगाए जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। IMA की तरफ से उन विज्ञापनों पर रोक लगाई जाने और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाने की मांग की है।

 

पतंजलि की कोरोना की दवा बनाई थी

पतंजलि आयुर्वेद ने दावा किया था कि उनके प्रोडक्ट कोरोनिल और स्वसारी से कोरोना का इलाज किया जा सकता है। इस दावे के बाद कंपनी को आयुष मंत्रालय ने फटकार लगाई और इसके प्रमोशन पर तुरंत रोक लगाने को कहा था।

 

दावों की पुष्टि नहीं हुई थी

IMA ने कहा था कि पतंजलि के दावों की पुष्टि नहीं हुई है। ये ड्रग्स एंड अदर मैजिक रेमिडीज एक्ट 1954 और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 जैसे कानूनों के खिलाफ है। पतंजलि के कई उत्पादों पर भारत से बाहर भी रोक लगी है।