दूध की बोतल में एटीवान की कई गोलियां मिलाकर यात्री से लूट मामले में आदतन आरोपी भरत को हुई 7 साल की कैद, मात्र 8 माह में आया फैसला

फरियादी की मेडिकल रिपोर्ट में लीवर क्षतिग्रस्त पाए जाने पर मिली कड़ी सजा                 

1808
सिंहस्थ-2004

दूध की बोतल में एटीवान की कई गोलियां मिलाकर यात्री से लूट मामले में आदतन आरोपी भरत को हुई 7 साल की कैद, मात्र 8 माह में आया फैसला

संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रपट     

इटारसी। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश हर्ष भदौरिया की अदालत ने मात्र 8 माह में फैसला सुनाते हुए जहरखुरानी के आरोप में राजस्थान निवासी 43 वर्षीय भरत उर्फ सूरज जैन पिता अशोक जैन को आईपीसी की धारा 328 के तहत 7 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 5 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है। न्यायालय ने मोबाइल चोरी के आरोप में धारा 379 के तहत 3 वर्ष का कारावास एवं 1 हजार रुपये का अर्थदंड भी दिया है।

IMG 20231125 WA0023

अर्थदंड अदा नहीं करने की स्थिति में दोनों धाराओं में 6 माह एवं एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा भी दी जाएगी। अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि फरियादी जितेंद्र पंडित अपने गृह ग्राम जिला छपरा बिहार से वापस मुंबई जाने के लिए रेलवे स्टेशन पटना से 2 नवबंर 2022 को ट्रेन नंबर 01032 पूजा एक्सप्रेस के कोच नंबर एस-4 में यात्रा कर रहा था। 3-4 नवबंर की रात आरोपी भारत ने पिपरिया स्टेशन से चढ़कर जितेन्द्र से परिचय बनाया, इसी दौरान वह 11 नंबर बर्थ पर आकर बैठ गया। इटारसी स्टेशन पर भरत ने स्टेशन से फ्लेवर्ड दूध की बोतल खरीदी, इसमें से एक बोतल में नशीली दवा मिला दी, जिसे पीने के बाद जितेन्द्र बेहोश हो गया। रात 2 बजे उसकी नींद खुली तो उसने देखा कि उसके गले से 9 ग्राम सोने की चैन एवं जेब में रखा हुआ मोबाइल चोरी चला गया है, सामने बर्थ पर बैठा यात्री भी लापता है। पटना में 19 नवबंर को प्रकरण दर्ज कराया। डायरी इटारसी आने पर 5 दिसंबर को पुलिस ने भरत को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित भरत गिरफ्तारी दिनांक से फैसला सुनाए जाने तक न्यायिक अभिरक्षा में ही केंद्रीय जेल नर्मदापुरम में सजा काट रहा है। प्रकरण में अभिंयोजन से एजीपी राजीव शुक्ला ने 10 गवाहों के बयान कराए।

 

ऐटिवान की गोलियों से लीवर को नुकसान

बचाव साक्षी के रूप में आरोपित भरत जैन ने अपने साक्ष्य न्यायालय में, अंकित कराए थे। न्यायालय ने अपने निर्णय में यह स्पष्ट लिखा है कि नशीले पदार्थ के संबंध में पैथोलाजिस्ट डा. अमरप्रीत सिंह ने बताया कि फरियादी का मेडिकल परीक्षण किए जाते समय उसके शरीर में ब्लड रिपोर्ट में अल्कलाइन फास्फेट और एसजीओटी बढ़ा हुआ पाया गया, यह लीवर को क्षतिग्रस्त होना बताता है, इसी आधार पर पुलिस ने आरोपित के कब्जे से नशीली गोली ऐटिवान जब्त की थी। इसे विधि विज्ञान प्रयोगशाला भोपाल भेजा गया था, जहां से परीक्षण रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत हुई थी। गोलियों में लोरेजीपेम के रूप में रसायन की उपस्थिति मिली है। आरोपित ने अपनी सिम डालकर चोरी किया गया मोबाइल उपयोग किया था, उसकी लोकेशन के आधार पर ही उसे मुबंई में गिरफ्तार किया गया था। आरोपित भरत जैन शातिर अपराधी है, जिस पर जहर पुरानी के कई अपराध पंजीबद्ध हो चुके हैं, वह अनेक अपराधों में विभिन्न प्रांतो में रहकर सजा भी काट चुका है। न्यायालय ने कहा कि जिस प्रकार से यात्री के साथ अपराध को अंजाम दिया गया है। उसके तरीके को देखते हुए रेल जैसे सार्वजनिक परिवहन में सामान्य भारतीय जनता के विश्वास को ध्यान में रखते हुए और रेल यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के अपराध को कठोरता से हतोत्साहित किया जाना जरूरी है, इसलिए आरोपित को कड़ी सजा दी जाए। प्रकरण में जब्त सोने की चैन एवं मोबाइल फरियादी को मिल चुकी है। मात्र 8 माह में ही इस प्रकरण का निपटारा हो गया।