Cyber Crimes Workshop : साइबर अपराधों की कार्यशाला का 200वां पड़ाव!

एडिशनल डीसीपी ने IIM में साइबर अवेयरनेस की कार्यशाला की!

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Cyber Crimes Workshop : साइबर अपराधों की कार्यशाला का 200वां पड़ाव!

Indore : साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए लोगों में जागरूकता बेहद जरुरी है। इसी उद्देश्य से लगातार कई तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। शुक्रवार को एडिशनल डीसीपी (क्राइम) राजेश दंडोतिया ने पुलिस टीम के साथ भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) पहुंचकर स्टूडेंट्स को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया।

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साइबर अवेयरनेस के लिए IIM इंदौर में आयोजित यह कार्यशाला एडिशनल डीसीपी (क्राइम) की 200वीं कार्यशाला थी। इसमें उन्होंने करीब 300 स्टूडेंट्स को साइबर अपराधों के प्रकार और उनसे बचने के तरीके बताए। उन्होंने पुलिस के पास आने वाले साइबर अपराधों की केस स्टडी के माध्यम से विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड, फाइनेंशियल फ्रॉड तथा सोशल मीडिया आदि द्वारा किए जाने वाले क्राइम के बारे में विस्तृत रूप से बताया।

ऐसे अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक करने के अभियान के तहत इंदौर पुलिस द्वारा लगातार स्कूल/कॉलेज, संस्थानों, औधोगिक इकाइयों, कॉलोनियों, में बच्चों और बुजुर्गों तक को जागरूक कर रही है।

साइबर अवेयरनेस के इस महाअभियान में एडीशनल डीसीपी जागरूकता की अलग ही अलख जगा रहे हैं। ग्वालियर पदस्थापना के दौरान भी उन्होंने 135 कार्यशालाएं ली थी। इंदौर पुलिस के साथ भी उनका ये सिलसिला लगातार जारी है। उनकी ये 200 वीं कार्यशाला थी, जिसमें उन्होंने साइबर वर्ल्ड के विभिन्न अपराधों के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग करके भी किसी प्रकार के अपराध किये जा सकते हैं और उनसे किस प्रकार बचा जाए आदि के संबंध में भी सभी को जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि आप तो विभिन्न क्षेत्रों में प्रबंधन करने वाले देश के भविष्य हो तो आपको इस दिन प्रतिदिन बदलने वाली तकनीकी दुनिया और डिजिटल लाइफ को सुरक्षित रखने के लिए ज्यादा सतर्क व जागरूक रहना रहना जरूरी है। तभी आप स्वयं और दूसरों को भी इन खतरों से बचा पाएंगे। इस अवसर पर संस्थान के स्टूडेंट्स, फैकल्टी, एडमिनिस्ट्रेशन व सिक्योरिटी स्टाफ भी उपस्थित रहा। उन्होंने भी साइबर सुरक्षा की बारीकियों को समझा और पुलिस के इस जागरूकता अभियान की प्रशंसा की।