Stamp Duty Evasion : पवन चक्की की आड़ में स्टांप ड्यूटी की चोरी, शासन को करोड़ों का चूना!

चार रजिस्ट्रार समेत 11 लोगों के खिलाफ लोकायुक्त ने मामला दर्ज किया!     

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Stamp Duty Evasion : पवन चक्की की आड़ में स्टांप ड्यूटी की चोरी, शासन को करोड़ों का चूना!

Ujjain : रतलाम और उज्जैन जिले में पवन ऊर्जा का कार्य कर रही क्षेमा पावर लिमिटेड कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों ने शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर एक प्रतिशत स्टांप ड्यूटी की चोरी कर शासन को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। सप्रमाण यह शिकायत पत्रकार छोटू शास्त्री ने उज्जैन संभाग के लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा को शिकायत की थी। इस पर लोकायुक्त टीम ने जांच के दौरान जिला पंजीयन कार्यालय उज्जैन, रतलाम, तहसीलदार रतलाम , बड़नगर और अक्षय ऊर्जा विभाग से विभिन्न जानकारियां प्राप्त की। लोकायुक्त टीम ने अपनी जांच में पाया कि तीन जिलों में शासन को स्टांप ड्यूटी की चोरी कर चूना लगाया गया।

जांच में पाया गया कि बड़नगर तहसील के ग्राम उबराडिया, भिड़ावद, रूनीजा, आमला, जलोद संजर और गजनीखेड़ी में क्षेमा पॉवर कंपनी ने पवन चक्की लगाने के लिए किसानों से भूमि क्रय की। साथ ही पवन चक्की लगाकर एसबीईएसएस कंपनी को भूमि विक्रय की गई। एसबीईएसएस कंपनी को विक्रय के दौरान क्षेमा पॉवर लिमिटेड द्वारा उप पंजीयकों से मिलकर खाली खेत के फोटो लगाकर रजिस्ट्री कराई गई। इस प्रकार पवन चक्की की लागत का एक प्रतिशत स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया गया और स्टांप शुल्क की चोरी की गई।

प्रति पवन चक्की अनुमानित लागत 15.52 करोड़ रुपये आई है जिसका एक प्रतिशत मतलब 15.52 लाख रुपये प्रति पवन चक्की स्टांप शुल्क की चोरी जांच पर से सिद्ध हो गया। इस प्रकार उक्त गांव में पहर लोकेशन पर 15.52 लाख रुपये स्टांप शुल्क कम चुकाया गया जिससे शासन को आर्थिक क्षति पहुंची। अपराधिक कृत्य शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों ने प्राइवेट फर्मों और व्यक्तियों के साथ मिलकर कारित किया जाना प्रमाणित पाया गया।

 

ये आए क़ानून की गिरफ़्त में

जांच के बाद अपराध सिद्ध होने पर उप पंजीयक वाणिज्यिक कर विभाग उज्जैन प्रज्ञा शर्मा, उप पंजीयक वाणिज्यिक कर विभाग उज्जैन राघवेंद्र रघुवंशी, अधिकृत व्यक्ति क्षेमा पॉवर एंड इन्फास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति) अमृतांश मंडलोई, अधिकृत व्यक्ति क्षेमा पॉवर एंड इन्फास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति) आशीष उपाध्याय, दिव्य ज्योति बरुआ, अधिकृत व्यक्ति एसबीईएसएस सर्विसेज प्रोजेक्ट-2 प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति), रामचंद्र सिंह, अधिकृत व्यक्ति एसबीईएसएस सर्विसेज प्रोजेक्ट-2 प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति), विनोद नायर मैनेजर क्षेमा पॉवर एंड इंफास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति), डॉ. एस. बसंत, चेयरमैन एवं एमडी क्षेमा पॉवर एंड इन्फास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति) एवं अन्य के विरूद्ध भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में अपराध क्रमांक 0/257/2023 धारा-7, 13 (1) ए. 13(2) भ्रनिअधि 1988 (संशोधन अधिनियम 2018) एवं 109, 4 एवं 120-(बी) भादंवि के अंतर्गत पंजीबद्ध किया।

 

दूसरे जिले के भी कारगुजारी पंजीबद्ध

रतलाम जिले के ग्राम बिरमावल, ग्राम उमरथाना, ग्राम मऊ, ग्राम दंतोड़िया आदि में भी प्रत्येक पवन चक्की की लोकेशन पर 15.52 लाख रुपये की स्टाम्प शुल्क चोरी किया जाना जांच में पाया गया। इसमें भी रतलाम जिले के उपपंजीयकों एवं क्षेमा पावर लिमिटेड तथा एसबीईएसएस कंपनी के अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका एवं संलिप्तता जांच में पाई गई।

उक्त अपराधिक कृत्य शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों ने प्राइवेट फर्मों एवं व्यक्तियों के साथ मिलकर कारित किया जाना प्रमाणित पाए जाने पर रामचरण मालवीय से निरीक्षक उप पंजीयक वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम, प्रसन्ना गुप्ता, उप पंजीयक वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम, अमृतांश मंडलोई अधिकृत व्यक्ति क्षेमा पॉवर एंड इन्फास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति), आशीष उपाध्याय, अधिकृत व्यक्ति क्षेमा पॉवर एंड इन्फास्ट्रक्चर कंपनी (प्राइवेट व्यक्ति), नवीन कुमार, अधिकृत व्यक्ति क्षेमा पॉवर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति), दिव्य ज्योति बरूआ, अधिकृत व्यक्ति एसबीईएसएस सर्विसेज प्रोजेक्टो-2 प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति), रामचंद्र सिंह, अधिकृत व्यक्ति एसबीईएसएस सर्विसेज प्रोजेक्टो-2 प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति), विनोद नायर मैनेजर, क्षेमा पॉवर एंड इंफास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति), डॉ एस बसंत, चेयरमैन एवं एमडी. क्षेमा पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट व्यक्ति) एवं अन्य के विरूद्ध अपराध क्रमांक 0/247/2023 धारा-7, 13 (1) ए. 13(2) भ्रनिअधि 1988 (संशोधन अधिनियम 2018) एवं 109, 420 एवं 120-(बी) भा.दं.वि. के अंतर्गत पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया है।