लाड़ली बहनाओं से मिली सत्ता, अब वीरा राणा भी CS की पारी करेंगी पूरी

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लाड़ली बहनाओं से मिली सत्ता, अब वीरा राणा भी CS की पारी करेंगी पूरी

भोपाल: लाड़ली बहनों के बंपर वोटों से सत्ता में आई भाजपा सरकार को मतगणना के ठीक पहले मुख्य सचिव बनाई गई वरिष्ठ महिला IAS वीरा राणा को मुख्य सचिव पद से तत्काल नही हटाया जाएगा। वीरा राणा मार्च 2024 में सेवानिवृत्त होंगी । माना जा रहा है कि वे अपने पूरे कार्यकाल तक मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव बनी रहेंगी।

राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा है कि अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव को देखते हुए यदि लाड़ली बहनों की वजह से सत्ता में आई सरकार मुख्य सचिव पद से महिला अफसर को हटाती है तो उसका गलत संदेश जाएगा। इसका असर लोकसभा चुनावों में न पड़े इसलिए अब सरकार राणा को आगे भी मुख्य सचिव पद पर बनाए रखेगी।

 

दो बार एक्सटेंशन के बाद तीस नवंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भरोसेमंद अफसर इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव पद का कार्यकाल पूरा कर सेवानिवृत्त हो गए। उनका कार्यकाल समाप्त होंने के बाद तीन दिसंबर को प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना होनी थी। मध्यप्रदेश में कार्यरत आईएएस अफसरों में सबसे वरिष्ठ आईएएस अफसर वीरा राणा को माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष और कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ-साथ मुख्य सचिव का भी प्रभार दिया गया। जब वीरा राणा को मुख्य सचिव का प्रभार दिया गया तब यह माना जा रहा था कि जिस तरह पिछली बार उपचुनाव के नतीजों के बाद एम गोपाल रेड्डी को हटाकर उनकी जगह भाजपा सरकार ने इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव बनाया था उसी तरह इस बार भी परिणाम आने के बाद प्रभारी मुख्य सचिव के स्थान पर किसी अन्य अफसर को मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दी जाएगी। वीरा राणा के बाद मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव बनने के लिए मध्यप्रदेश में पदस्थ मोहम्मद सुलेमान सहित कई अफसर कतार में है।

लेकिन मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के जो नतीजे आए है उसमें 163 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत पाने वाली भाजपा की जीत में लाड़ली बहनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रदेश में महिलाओं का भाजपा के पक्ष में वोट शेयर पिछले विधानसभा चुनावों की अपेक्षा सात प्रतिशत बढ़कर पचास प्रतिशत तक जा पहुंचा है। भारतीय जनता पार्टी अपनी इस प्रचंड जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के साथ लाड़ली बहनों के मतदान के रुप में उमड़े प्यार को भी बता रही है। ऐसे में एक बार फिर सत्तारुढ़ होंने जा रही भाजपा सरकार को मुख्य सचिव के पद से महिला अफसर को हटाना काफी मुश्किल होगा।