शिव की पारी खत्म, अब मोहन का मध्यप्रदेश…

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शिव की पारी खत्म, अब मोहन का मध्यप्रदेश…

मध्यप्रदेश सूबे को अब नया मुखिया मिल गया है। सोमवार को महाकाल की दूसरी‌ सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर ने श्री मनमहेश स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन दिए। यह वही समय था जब प्रदेश भाजपा कार्यालय में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक दल का नेता चुना जा रहा था। मनमहेश स्वरूप में महाकाल संदीपनी आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने वाले मोहन का चेहरा याद कर मन ही मन मुस्करा भी रहे थे। और तभी यहां भोपाल में मुख्यमंत्री पद की सोच से कोसों दूर संघ विचारधारा और शिक्षा को समर्पित डॉ. मोहन यादव को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पद सौंपने पर विधायक दल के नेता के रूप में पक्की मुहर लग गई। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की चौथी पारी के तीन साल 19 दिन और चार बार के मुख्यमंत्री पद पर निर्वहन के 16 साल 9 महीने की पारी पर विराम लग गया था। स्क्रिप्ट पूरी पहले से लिखी जा चुकी थी। और उसके मुताबिक ही पहले शिवराज सिंह चौहान ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल मंगू भाई पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।‌ तब तक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के साथ नवनिर्वाचित विधायक दल के नेता डॉ. मोहन यादव भी राजभवन पहुंचे और नवनिर्वाचित विधायक दल के नेता का अधिकृत पत्र राज्यपाल मंगू भाई पटेल को सौंप दिया। बाकी सब औपचारिकता थी। जल्दी ही 13 दिसंबर को मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण करते ही वह सूबे के नए मुखिया बन जाएंगे। और तब बतौर मुख्यमंत्री शिव की पारी पर पूर्णविराम के साथ मध्यप्रदेश नए मुखिया मोहन का हो जाएगा। संघ समर्थित इस चेहरे पर अब भाजपा के संकल्पों को पूरा करने का भार आ गया है। अब बड़ी चुनौती यह भी है कि किस तरह भारी भरकम कद्दावर नेताओं के साथ लय ताल मिलाकर मोहन विकास की मुरली से प्रदेश की साढ़े नौ करोड़ ह्रदयप्रदेशवासियों का मन मोहेंगे। लो प्रोफाइल और जमीन से जुड़े मोहन के सामने चुनौतियां बड़ी हैं, पर कैडर बेस पार्टी के करिश्माई फैसले पर खरा उतरने की ऊर्जा से भी वह ओतप्रोत हैं।

आज इधर-उधर की ज्यादा बात न कर पहले मोहन की जिंदगी में झांक लेते हैं। भाजपा विधायक दल के नेता और भावी मुख्यमंत्री मोहन यादव सन् 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्यक्ष बने। सन् 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख बने। सन् 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा सन् 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रहे। सन् 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खण्ड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह एवं 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह का दायित्व निर्वहन किया। सन् 1997 में भा.ज.यु.मो. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बने। सन् 1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य बने। सन् 1999 में भा.ज.यु.मो. के उज्जैन संभाग प्रभारी, सन् 2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्य परिषद के सदस्य रहे। सन् 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री एवं सन् 2004 में भा.ज.पा. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बने। सन् 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य, सन् 2004-2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा), सन् 2008 से भारत स्काउट एण्ड गाइड के जिलाध्यक्ष बने। सन् 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा) रहे। भा.ज.पा. की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रहे। सन् 2013-2016 में भा.ज.पा. के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक रहे। उज्जैन के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) द्वारा महात्मा गांधी पुरस्कार और इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया। मध्यप्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास हेतु सन् 2011-2012 एवं 2012-2013 में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत हुए। सन् 2013 में चौदहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। सन् 2018 में दूसरी बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए और दिनांक 2 जुलाई 2020 को मंत्री बने और उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में नई शिक्षा नीति को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2023 में तीसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए। और 11 दिसंबर 2023 को भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने जा रहे हैं।

विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण यानि मोहन हैं। तो सोलहवीं विधानसभा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले डॉ. मोहन यादव भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के प्रिय हैं। शायद मोहन को मुख्यमंत्री बनाए जाने की आहट भी किसी कान तक नहीं पहुंच सकी। प्रहलाद सिंह पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर के बंगलों की सुरक्षा बढ़ाए जाने की खबरें भाजपा कार्यालय के आसपास हवा में तैर रही थीं। राजस्थान के समीकरण को साधने के लिए सिंधिया के मध्यप्रदेश आने की खबर दौड़ रही थी। तो धमाका मोहन के नाम का हो गया। तो शाम को शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया कि साथी श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी को मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने पर हार्दिक बधाई। आपका कुशल मार्गदर्शन व अनुभव निश्चय ही प्रदेश के विकास और जनहित के कार्यों को और अधिक गति देगा। आपको पुनः हृदय से बधाई। साथी श्री जगदीश देवड़ा जी को भाजपा विधायक दल की बैठक में मध्यप्रदेश का उप मुख्यमंत्री मनोनीत किये जाने पर हृदय से बधाई। मुझे विश्‍वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में आपकी कुशल नीतियां व अनुभव मध्‍यप्रदेश की प्रगति एवं विकास में अहम भूमिका निभाएगा। बहुत-बहुत शुभकामनाएं। साथी श्री राजेन्द्र शुक्ल जी, आपको मध्यप्रदेश का उप मुख्यमंत्री मनोनीत किये जाने पर हार्दिक बधाई। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके कुशल कार्यों व सकारात्मक सोच से प्रदेश के विकास को और अधिक गति मिलने के साथ ही जनकल्याण के काम निरंतर जारी रहेंगे। बहुत-बहुत शुभकामनाएं। और कर्मठ साथी श्री डॉ. मोहन यादव जी को भाजपा विधायक दल की बैठक में मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री मनोनीत किये जाने पर हार्दिक बधाई।  मुझे विश्‍वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन में आप मध्यप्रदेश को प्रगति एवं विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जायेंगे तथा जनकल्याण के क्षेत्र में नये कीर्तिमान रचेंगे। इस नई जिम्मेदारी के लिए बहुत-बहुत बधाई, शुभकामनाएं!

तो शिव की पारी खत्म, अब मोहन का मध्यप्रदेश देखने को सब तैयार हैं। डॉ. मोहन यादव आपको मध्यप्रदेश सूबे के मुखिया बनाए जाने पर प्रदेश के साढ़े नौ करोड़ नागरिकों की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं…।