Breach in Parliament Security : जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता उस संसद की सुरक्षा में कहां सेंध लगी!
New Delhi : संसद की सुरक्षा में फिर सेंध लगी और दो युवकों ने लोकसभा में विजिटर्स गैलरी (दर्शक दीर्घा) से सदन में कूदकर जूते में छुपाई हुई स्मोक स्टिक से सदन के अंदर धुंआ फैला दिया। संसद की सुरक्षा में चूक के इस मामले में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने विजिटर्स गैलरी के पास पर फ़िलहाल रोक लगा दी। उन पासों को भी रद्द कर दिया गया जो पहले से जारी कर दिए हैं। सवाल उठता है कि जिस सुरक्षा घेरे में परिंदा भी पर नहीं मार सकता, उस सुरक्षा में सेंध कैसे लगी!
ओम बिरला ने इस मामले में सर्वदलीय बैठक भी बुलाई, जिसमें फैसला हुआ कि संसद की सुरक्षा की गृह मंत्रालय से उच्चस्तरीय समीक्षा कराई जाए। उस रिपोर्ट के आधार पर ही एक्शन लिया जाए। बैठक में कई नेताओं ने मंत्रियों और सांसदों के पीएस की संख्या घटाने, दर्शक दीर्घा को शीशे से घेरने की मांग भी उठाई।
लोकसभा की विजिटर्स गैलरी तक कोई ऐसे ही नहीं पहुंच जाता। उसके लिए किसी सांसद की अनुशंसा चाहिए होती है। फिर चार लेयर की सुरक्षा से गुजरते हुए वह सदन की Breach in Parliament Security तक पहुंचते हैं। लेकिन, बुधवार को जो हुआ उसने सुरक्षा की सारी पोल खोल दी।
संसद में कहां कितनी सख्त सुरक्षा
– लोकसभा की विजिटर्स गैलरी में सांसद से अनुशंसित व्यक्ति ही आ सकते हैँ। सांसद की अनुशंसा पर ही प्रवेश पत्र बनता है। पास बनवाने के लिए व्यक्ति को अपना आधार कार्ड या पुख्ता अड्रेस प्रूव देना होता है। इसके बाद ही लोकसभा सचिवालय पास जारी करता है।
– जब पास लेकर लोग संसद भवन में आते हैं, तो बाहर ही उनकी पूरी सुरक्षा जांच होती है। बैग स्कैनर से गुजरता है, मेटल डिटेक्टर से जांच के साथ ही पूरी फ्रिस्किंग के बाद आगे जाने दिया जाता है। विजिटर्स को फोन समेत कोई भी इलैक्ट्रॉनिक आइटम अंदर ले जाने की इजाजत नहीं होती।
– प्रवेश करते ही फिर संसद की मुख्य इमारत में एंट्री के वक्त सुरक्षा जांच होती है। लोकसभा विजिटर्स गैलरी के लिए नई संसद में एंट्री गरुड़ द्वार से होती है। यहां भी पूरा बैग स्कैन होता है और फ्रिस्किंग होती है।
– जब गरुड़ द्वार से निकलकर पहली मंजिल पर पहुंचते हैं, तो लोकसभा के लिए एंट्री के वक्त फिर से पास चेक होता है। अगर साथ में छोटा पर्स या दूसरा आइटम है तो उसे वहीं लॉकर में जमा कराया जाता है। यहां भी चेकिंग होती है। विजिटर्स को बताया जाता है कि आपकी पॉकेट में पेन, सिक्के और यहां तक कि कोई कागज का टुकड़ा भी नहीं होना चाहिए।
– यहां से आगे जाकर जब विजिटर्स गैलरी में जाते हैं तब फिर पास चेक होता है, चेकिंग होती है। लोगों को बताया जाता है कि विजिटर्स गैलरी में किस तरह बर्ताव करना है। सीट पर बैठने के बाद फिर उठना नहीं है, न वहां कोई बात करनी है। यहां भी लगातार सुरक्षाकर्मी विजिटर्स पर नजर रखते हैं।
सुरक्षा के इतने सख्त इंतजामों के बाद भी यदि युवक स्मोक स्टिक छुपाकर लोकसभा सदन में दर्शक दीर्घा से कूद जाते हैं, तो इसे कहीं न कहीं
बड़ी चूक मानी जाना चाहिए। यदि दोनों दर्शक दीर्घा तक पहुंच गए थे तो कैसे वे अपनी सीट से उठकर आगे बढे और नीचे भी कूदे। अभी इस सारी हरकत की पड़ताल होना है उसके बाद ही पता चलेगा कि किस पॉइंट पर खामी हुई।
गृह मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना की जांच के आदेश दिए हैं। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व वाली एक समिति इस घटना की जांच करेगी।