विष्णु-हितानंद की शाही सराहना के मायने…

दिल्ली में भाजपा राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक

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विष्णु-हितानंद की शाही सराहना के मायने…

ने एक बार फिर मध्यप्रदेश के संगठन की श्रेष्ठता पर मुहर लगाई है। भाजपा को 48.5 फीसदी मत मिलना कोई मामूली बात नहीं थी। संगठन की ताकत और कार्यकर्ताओं की मेहनत की पराकाष्ठा के बिना यह संभव नहीं था। काम भले ही केंद्र और राज्य सरकारों के रहे हों, लेकिन उन कामों को जन-जन तक पहुंचाना और मतदाता को बूथ तक पहुंचाने का काम भाजपा कार्यकर्ताओं और संगठन का था, इसे कोई भी नकार नहीं सकता। इसके चलते ही मध्यप्रदेश में भाजपा के पक्ष में रिकार्ड वोटिंग हुई और प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार बनी। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद की यह तारीफ बहुत मायने रखती है।

पहले यह देख लेते हैं कि शाह ने क्या कहा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा का जिक्र करते हुए बूथ मैनेजमेंट के लिए प्रदेश संगठन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में वोट शेयर बढ़ाने के लिए किए गए प्रयास प्रशंसनीय हैं। साथ ही उन्होंने बूथ प्रबंधन की कुशलता की सराहना भी की। बैठक में बताया कि अब मध्य प्रदेश भाजपा की तर्ज पर दूसरे राज्य भी ऐसी ही रणनीति बनाई जाएगी।‌बैठक में मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने एमपी में बूथ प्रबंधन और जीत के किए गए नवाचार और प्रयोगों की जानकारी दी। शाह ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मतदान के दिन सुबह 6 बजे से जागकर कार्यकर्ताओं को एक्टिव करने और वोट डलवाने का प्रयोग शानदार था। प्रेजेंटेशन में विष्णु दत्त शर्मा ने संगठन द्वारा किए गये विभिन्न नवाचारों व प्रत्येक बूथ पर 51% वोट शेयर पाने की गतिविधियों के बारे में जानकारी शेयर की।

विष्णु-हितानंद की तारीफ का मायना यह भी है कि आगामी लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में हर बूथ पर 51 फीसदी मत पाकर मामूली ढाई फीसदी अंतर की खाई को भी पाटा जा सके। ऐसा होने पर यह तय है कि प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर कमल खिलना तय है। तो मायना यह भी है कि लाड़ली बहना नहीं बल्कि संगठन की मेहनत ही भाजपा के काम आई है। और संगठनात्मक क्षमता में बूथ पर त्रिदेव वरदान बने तो पन्ना प्रमुख असरकारी साबित हुए हैं। और संगठन के शाही फार्मूले भी जमीन पर कमल बनकर खिले हैं। विष्णु और हितानंद की जोड़ी की सफलता अपनी जगह है, पर इसकी शाही तारीफ ने मेहनत पर चार चांद लगा दिए हैं…।