Expressway Network: MP में एक्सप्रेसवे नेटवर्क का होगा विस्तार, 500 फ्लाईओवर और एक लाख KM सड़कें बनेंगी

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Expressway Network: MP में एक्सप्रेसवे नेटवर्क का होगा विस्तार, 500 फ्लाईओवर और एक लाख KM सड़कें बनेंगी

भोपाल,राज्य सरकार ने अगले पांच साल में प्रदेश की सड़कों को चकाचक करने, एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार करने, पांच सौ फ्लाईओवर बनाने और एक लाख किलोमीटर लंबी सड़कें बनाने का खाका तैयार कर लिया है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन में रिंग रोड का निर्माण भी किया जाएगा।
प्रदेश में सत्ता में आने के बाद भाजपा को वर्ष 2003 में गढ्ढेदार सड़कों से भरा प्रदेश मिला था। भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में आने के बाद प्रदेश में सड़कों का जाल बिछा दिया। प्रदेश में साठ हजार किलोमीटर सड़के हुआ करती थी। उन्हें बढ़ाकर पांच लाख किलोमीटर तक विस्तार कर दिया है। राज्यव्यापी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए अब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में अब लोक निर्माण विभाग ने अब प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने की तैयारी कर ली है।
प्रदेश में सुव्यवस्थित यातायात के लिए एक लाख किलोमीटर लंबी सड़कें बनाकर राज्यव्यापी कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में पांच लाख किलोमीटर सड़कों का नेटवर्क उपलब्ध है इसमें एक लाख किलोमीटर सड़कें और बनाई जाएंगी।

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प्रदेश में छह एक्सप्रेस वे नेटवर्क होंगे तैयार-
अगले पांच वर्षो में प्रदेश में छह एक्सप्रेस वे नेटवर्क तैयार कर उन्हें जनता के लिए खोल दिया जाएगा। जो छह एक्सप्रेस वे नेटवर्क बनाए जाने है उनमें अकरकंटक, डिंडौरी, शाहपुरा, जबलपुर, नर्मदापुरम, बड़वाह और अलीराजपुर को जोड़ते हुए 867 किलोमीटर लंबा नर्मदा प्रगति पथ तैयार किया जाएगा। भोपाल, दमोह, कटनी, रीवा, सीधी और सिंगरौली को जोड़ने के लिए 676 किलोमीटर लंबा विंध्य एक्सप्रेसवे तैयार किया जाएगा। मंदसौर, उज्जैन, इंदौर और बुरहानपुर को जोड़ने के लिए 450 किलोमीटर लंबा मालवा निमाड़ पथ तैयार किया जाएगा। मुरैना, श्योपुर एवं भिंड को जोड़ने के लिए 299 किलोमीटर लंबा अटल प्रगति पथ तैयार किया जाएगा। भोपाल को छतरपुर से जोड़ने के लिए 330 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड विकास पथ तैयार किया जाएगा। बैतूल को मुरैना से सीधे जोड़ने के लिए 746 किलोमीटर लंबा मध्य भारत विकास पथ तैयार किया जाएगा। इन सभी एक्सप्रेस वे के तैयार होने के बाद राज्य में सड़क मार्ग की कनेक्टिविटी बढ़ेगी इससे प्रदेश में उद्योग, पर्यटन, धार्मिक स्थलों का तेजी से विकास हो सकेगा और जो एक्सप्रेस वे नेटवर्क बनेंगे उनपर उद्योग विभाग भी बड़े औद्योगिक क्षेत्र तैयार कर वहां नामी गिरामी कंपनियों को आमंत्रित करेगा। सड़क मार्ग से जुड़ने के बाद यहां स्थापित होंने वाले उद्योगों में तैयार होंने वाले उत्पाद और वहां तक कच्चा माल पहुंचाने मे आसानी होगी। तैयार माल यहां से देशभर में आसानी से भेजा जा सकेगा। इन राज्यव्यापी एक्सप्रेस वे नेटवर्क को तैयार करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार केन्द्र सरकार से भी मदद लेगी। राष्ट्रीय राजमार्गो से इनको जोड़ा जाएगा। मध्यप्रदेश और केन्द्र की डबल इंजन सरकार इन्हें मूर्तरुप देगी। लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरु कर दी है।
महानगरों में बनेंगे रिंगरोड-
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में रिंग रोड तैयार किए जाएंगे। इन रिंग रोड के बनने के बाद इन शहरों में यातायात का दबाव कम होगा। अन्य स्थानों से आने वाले वाहन, सार्वजनिक परिवहन यान और मालयान शहर के भीतर आने के बजाय बाहर से ही दूसरे स्थानों के लिए रवाना हो सकेंगे। शहर के भीतरी हिस्सों में पहुंचने के लिए सुगम यातायात व्यवस्था बन जाएगी
पांच सौ फ्लाईओवर बनेंगे-
शहरों के भीतर सकरे मार्गो, जाम होंने वाली सड़कों और सघन बस्तियों में आए दिन यातायात में होंने वाले असुविधाओं से बचने के लिए और इन मार्गो पर कम समय में परिवहन करने के लिए राज्य सरकार भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर, सतना, रीवा, छिंदवाड़ा, बैतूल, नर्मदापुरम सहित सभी बड़े नगरीय निकायों में पांच सौ फ्लाईओवर तैयार करेगी आरयूबी और आरओबी भी बनाए जाएंगे। इन फ्लाईओवर, आरओबी, आरयूबी के नेटवर्क से यातायात को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी।
फोरलेंन में अपग्रेड होंगे राष्ट्रीय और प्रमुख राजमार्ग-
प्रदेश में अभी जो भी राष्ट्रीय राजमार्ग है और प्रमुख राजमार्ग है उनको चार लेन में अपग्रेड किया जाएगा। आने और जाने के लिए अलग-अलग मार्ग होंगे। इससे दुघर्टनाओं में कमी आएगी और सड़के बेहतर होंने से एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचने का समय कम होगा। फोरलेन मार्ग से छोटे शहरों और गांवों तक जाने के लिए अलग सर्विस रोड तैयार की जाएंगी। फोरलेन में बीच में क्रांसिंग को कम किया जाएगा ताकि वाहन निर्बाध होकर तेज गति से चलाए जा सके।
दस हजार करोड़ से होगा रोड मेंटेनेंस –
प्रदेश में मध्यप्रदेश रोड मेंटेनेंस एवं डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरु किया जाएगा। इसपर राज्य और केन्द्र सरकार मिलकर दस हजार करोड़ रुपए खर्च करेंगी। इस फंड से प्रदेश की सड़कों का निर्माण और रखरखाव किया जाएगा।
भोपाल में आठ लेन एलिवेटेड लेक कारिडोर बनेगा-
भोपाल में तीन हजार करोड़ रुपए खर्च कर आठ लेन एलिवेटेड लेक कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। इसके अलावा पश्चिम भोपाल बायश्पास का समयबद्ध निर्माण भी सरकार करेगी।

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