लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे ‘विष्णु’ और ‘जीतू!’
● अरुण पटेल
मध्यप्रदेश में डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने कामकाज संभाल लिया है तो वहीं दूसरी तरफ अब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद विष्णु दत्त शर्मा और कांग्रेस के नए बने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की नजर 2024 में होने वाले लोकसभा की जमावट करने पर टिक गई। अब दोनों की प्राथमिकता यही है। जहां विष्णु दत्त शर्मा ने युवा मोर्चे को लोकसभा चुनाव में जुटने के साथ ही 51 प्रतिशत वोट बैंक हर हालत में लाने के लिए कहा है, तो वहीं विधानसभा चुनाव में हार की हताशा से कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को उबारने के लिए जीतू पटवारी भी पूरी तरह से सक्रिय हो गये हैं। वे बिना एक क्षण गंवाये पहले पार्टी के विभिन्न पदाधिकारियों, विभागों तथा मोर्चा संगठनों से चर्चा करने के साथ ही वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मिलकर हालातों का जायजा ले रहे हैं तथा कह रहे हैं कि हम चुनाव हारे हैं, हिम्मत नहीं, अब हम और नई ऊर्जा के साथ मैदान में नजर आएंगे।
जीतू को विधानसभा चुनाव के परिणाम तो चौंकाने वाले लग रहे हैं, पर वे अपने संगठन को ऊर्जावान बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे। यही कारण है कि दोनों ने पहले अपने-अपने मोर्चा संगठनों को सक्रिय करने की दिशा में कदम उठाये हैं। सामान्यतः कांग्रेस में रविवार को सन्नाटा पसरा रहता है जबकि भाजपा हर दिन मैदान में सक्रिय रहती है, लेकिन इस बार रविवार को जीतू भी सक्रिय नजर आये। विष्णु दत्त शर्मा ने मोर्चा कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को नये वोटर्स पर पूरी तरह अपना ध्यान केंद्रित करने और उनके बीच काम करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि 51% वोट प्राप्त करने का लक्ष्य विधानसभा चुनाव में रखा गया था इसके लिए बूथ प्रबंधन पर विशेष जोर दिया गया और इसके अच्छे नतीजे आये लेकिन हम लक्ष्य से कुछ कदम पीछे रह गये थे। 48 फीसदी तक वोट शेयर आया है अब लोकसभा चुनाव में फिर 51 प्रतिशत वोट शेयर लाने का लक्ष्य सामने रखकर इसे पाने में युवा मोर्चे की अहम् भूमिका होगी। यह लक्ष्य पाने के लिए युवाओं को जोड़ना होगा। हर पदाधिकारी को उन्होंने विधानसभा व बूथ स्तर तक माइक्रो लेबल प्लानिंग के साथ काम करने की सलाह भी दी। अब बूथों का नये सिरे से श्रेणीकरण किया जा रहा है और मोर्चा जनवरी माह से इस अभियान में जुट जायेगा।
जीतू पटवारी ने महिला कांग्रेस व युवा कांग्रेस की बैठकें लीं और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं व युवाओं को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य दिया। हर बूथ और विधानसभा स्तर पर सूचियां बनाकर कार्यकर्ताओं को सुनिश्चित जिम्मेदारियां देने पर उन्होंने जोर दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से एक-एक कर चर्चा की और उनकी तथा उनके क्षेत्र की समस्याओं को समझा।
उनका जोर इस बात पर था कि पहले से अधिक सक्रियता से काम किया जाए। फिलहाल किसी भी अन्य बदलाव को नकारते हुए जीतू ने सभी को काम में जुटने की नसीहत दी है। जीतू का जोर इस बात पर है कि अपने पक्ष में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बूथ स्तर पर संपर्क कार्यक्रम जल्द ही प्रारंभ होंगे। 26 दिसम्बर को भोपाल में ही प्रदेश पदाधिकारियों, जिला कांग्रेस अध्यक्षों व प्रभारियों के साथ प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी जीतेंद्र सिंह बैठक करेंगे। अगले साल के प्रथम माह जनवरी में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी भोपाल आयेंगे
इस प्रकार अभी से कांग्रेस अपनी बिसात पूरी तरह से बिछाने की तैयारी कर रही है। जहां तक 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामों का सवाल है कांग्रेस ने केवल छिंदवाड़ा का गढ़ ही बचाने में सफलता पाई थी जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य सभी प्रत्याशी चुनाव हार गये थे। हाल के विधानसभा चुनाव परिणामों में कांग्रेस के लिए उम्मीद की एक हल्की-सी किरण इसलिए नजर आ रही है क्योंकि इस करारी हार के बाद भी कांग्रेस ने 10 लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा पर बढ़त बनाई है तथा छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी सात विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती हैं।
इसी तरह मुरैना की पांच, भिण्ड की चार, ग्वालियर की चार, टीकमगढ़ की तीन, मंडला की पांच, बालाघाट चार, रतलाम की चार, धार की पांच और खरगोन लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है। इसको मद्देनजर रखते हुए ही जीतू पटवारी लोकसभा की तैयारियों में भिड़ गये हैं।